Bhilai Steel Plant में हादसा, कर्मी का हाथ फ्रैक्चर, जीएम ने छुपाया, इंज्युरी फॉर्म में गलत जानकारी, सीटू ने खोले राज़

Accident in Bhilai Steel Plant, worker's hand fractured, GM hid the accident, wrong information in injury form, CITU revealed the secret
आरएमपी 2 में 25 अप्रैल को हुई दुर्घटना की जांच करने सीटू पहुंचा अस्पताल। सीटू ने लिखा कार्यपालक निदेशक संकार्य को पत्र।
  • बीएसपी के ईडी वर्क्स राकेश कुमार लगातार सेफ्टी पर दे रहे जोर।
  • विभागीय अधिकारी ईडी वर्क्स के कोशिशों पर लगा रहे बट्टा।
  • जीएम की हरकतों का खुला राज। जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग।
  • शून्य दुर्घटना का रिकॉर्ड बनाने में हो रहा फर्जीवाड़ा।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) में हादसा हो गया है। आरएमपी 2 में हादसे को प्रबंधन ने छुपा दिया। साथ ही ऐसी गलती कर दी, जिसकी वजह से किरकिरी हो गई। जिम्मेदार अधिकारियों को अब यह हरकत भारी पड़ गई है। पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू ने पूरा राज़ खोल दिया है। साथ ही प्रबंधन पर सेफ्टी को लेकर बरती जा रही लापरवाही भी उजागर हो गई है।

खबर मिलते ही सीटू की टीम मौके पर पहुंच गई। दुर्घटनाओं अथवा नियर मिस केस की जांच करके उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक किया। इस तरह की दुर्घटनाएं अथवा घटनाएं दोबारा ना हो इस बात का संदेश देने के पक्ष में सीटू हमेशा काम करता रहा है। आज एक दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद सीटू की टीम आरएमपी 2 एवं सेक्टर 9 अस्पताल पहुंची। यह घटना शुक्रवार को लगभग 12:00 बजे आरएमपी 2 में घटी जिसमें द्वारिका प्रसाद के दाहिने हाथ में चोट आई।

दुर्घटना के बाद अस्पताल के बजाय घर छोड़कर आए अधिकारी

घटना की सूचना मिलते ही आज 28 अप्रैल को सीटू की टीम आरएमपी 2 पहुंची, जहां कर्मियों से चर्चा के दौरान पता चला कि उक्त कर्मी GDC कन्वेयर C-5 में मेंटेनेंस करते समय चोटिल हो गए। इसके बाद उक्त कर्मी को मेन मेडिकल पोस्ट ले जाने के बजाय विभाग के एक अधिकारी ने ना केवल द्वारिका प्रसाद को घर तक छोड़ा, बल्कि यह सलाह भी दे दिए कि “बर्फ से सिकाई कर लीजिए एवं आराम कीजिए सब ठीक हो जाएगा।

यदि तब भी दर्द रहता है तो सेक्टर 9 अस्पताल जाकर दिखा लीजिएगा” जब दर्द बढ़ते हुए सहन नहीं हुआ तो उक्त कर्मी शनिवार को सेक्टर 9 कैजुअल्टी पहुंचा। तीन दिन बाद सोमवार को दोबारा आर्थो ओपीडी में दिखाने गए, जब एक्स रे किया गया तो मालूम हुआ कि दाहिने हाथ में फैक्चर हुआ है और आपरेशन करके प्लेट/राड लगाना पड़ेगा।

वर्क इंज्युरी को ऐसे बदल देते हैं रोड एक्सीडेंट में

विभाग में जांच करने के बाद अस्पताल पहुंचकर सीटू की टीम ने पीड़ित कर्मी द्वारिका प्रसाद से विस्तार से चर्चा की। इस दौरान पता चला कि दुर्घटना के तीन दिन बाद आज 28 अप्रैल को सेक्टर 9 अस्पताल पहुंचकर कैजुअल्टी में दिखाया, जहां पर एमएलसी भरवारा गया है।

इसमें कर्मी ने बताया कि गाड़ी चलाने के दौरान स्लिप होकर गिरने से उनके कलाई में चोट आई है। सीटू के संज्ञान में यह बात आ गई है कि इस सब के बीच आरएमपी 2 के महाप्रबंधक ने चोटिल हुए द्वारिका प्रसाद से कहा है कि सेक्टर 9 अस्पताल में एमएलसी रिपोर्ट में लिखवा देना कि कार्य निष्पादन करने दोपहिया वाहन से जाते समय फिसल गया था। जिसका अनुसरण करते हुए द्वारिका प्रसाद ने एमएलसी रिपोर्ट में उक्त कथन को लिखवा दिया है। यही कथन आज भरे गए इंज्युरी फॉर्म में भी दर्ज किए हैं

जिस गाड़ी का जिक्र किया है, नहीं है उसका इंश्योरेंस

अधिकारियों ने वर्क इंज्युरी को रोड एक्सीडेंट में तो बदलवा दिया। लेकिन गाड़ी के कागजात के बारे में जब सीटू ने छानबीन किया तो पता चला कि जिस गाड़ी से गिरने का जिक्र कर्मी ने एमएलसी रिपोर्ट में किया है, उस गाड़ी का इंश्योरेंस ही नहीं है। बीएसपी के रोड एक्सीडेंट जांच के मामले में इंश्योरेंस का होना बहुत जरूरी है।

एसएमएस 2 में भी हुई थी इसी तरह की घटना

पिछले साल स्टील मेल्टिंग शॉप 2 में श्याम प्रकाश को गैस लग गया था, तो वहां काम करवा रहे अधिकारी ने उन्हें आराम करने को कहा। शाम को 5:30 बजे एक अन्य कर्मी के साथ घर भिजवा दिए। जब घर वालों ने उस कर्मी की स्थिति को देखकर हल्ला किया तो आनंद-फानन में सेक्टर 9 अस्पताल लेकर चले गए, जबकि संयंत्र के अंदर घटने वाली दुर्घटनाओं के चपेट में आने वाले कर्मी को अविलंब मेन मेडिकल पोस्ट में ले जाकर प्राथमिक उपचार करने के बाद सेक्टर 9 में भेजा जाना चाहिए। यही प्रोटोकॉल भी है, जिसका संयंत्र क्या अधिकारी धड़ले से उल्लंघन करते हैं।

सीटू ने लिखा कार्यपालक निदेशक संकार्य को पत्र

उपरोक्त दुर्घटना पर सीटू ने कार्यपालक निदेशक संकार्य को पत्र लिखकर कहा कि इस पूरे घटनाक्रम को संज्ञान में लेते हुए जांच करवाइए ताकि द्वारिका प्रसाद को सही इलाज के साथ-साथ वर्क इंज्युरी का लाभ मिल सके।

कार्यपालक निदेशक संकार्य के प्रयासों पर बट्टा लगा रहे अधिकारी

सीटू ने कहा कि कार्यपालक निदेशक संकार्य दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बहुत से कार्य कर रहे हैं। कर्मचारियों के बीच यह संदेश दे रहे हैं कि हर घटने वाली दुर्घटना अथवा नियर मिस केस को प्रबंधन के संज्ञान में लाएं।

इसके लिए लगभग सभी विभागों में डिस्प्ले बोर्ड लगाया गया है जिसमें उस विभाग के विभागाध्यक्ष के मोबाइल नंबर के साथ-साथ सेंट्रल सेफ्टी के दो नंबरों को डिस्प्ले किया गया है। किंतु घटनाओं को छुपाने एवं गुमराह करने के तरीकों से यह समझ में आ रहा है कि संयंत्र के अधिकारी कार्यपालक निदेशक संकार्य के द्वारा सुरक्षित कार्य प्रणाली को लेकर किया जा रहे प्रयासों पर बट्टा लगा रहे हैं।

हुई दुर्घटनाओं को शून्य करके बताते हैं शून्य दुर्घटना

सुरक्षा के मामले में शून्य दुर्घटना के लक्ष्य को हासिल करना भिलाई इस्पात संयंत्र का हमेशा से मूल मंत्र रहा है। लगातार अलग-अलग मंचों से कहा जाता है। किंतु यह देखने को मिलता है कि दुर्घटना को होने के पहले ही रोक लेना एवं दुर्घटनाओं को नहीं होने देना शून्य दुर्घटना है।

किंतु संयंत्र के कई विभाग दुर्घटनाओं के हो जाने के बाद उन दुर्घटनाओं का रिपोर्टिंग ना करके उस शून्य बना देते हैं। अलग-अलग मंचों पर रिपोर्टिंग करते हैं कि हमारे विभाग में लंबे अरसे से कोई दुर्घटना नहीं हुई है। अर्थात दुर्घटनाएं होने के बावजूद दुर्घटनाओं को छुपा कर यह बताते हैं कि हम शून्य दुर्घटना के लक्ष्य को हासिल कर रहे हैं। आरएमपी की घटना भी कुछ इसी तरह की हरकत का सबूत है।