- निदेशक (तकनीकी, परियोजनाएं एवं कच्चा माल) एवं निदेशक प्रभारी-अतिरिक्त प्रभार (बीएसपी) मनीष राज गुप्ता ने संयंत्र में परियोजनाओं की समीक्षा की।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल के निदेशक (तकनीकी, परियोजनाएं और कच्चा माल) एवं निदेशक प्रभार-अतिरिक्त प्रभार भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) मनीष राज गुप्ता भिलाई के आधिकारिक दौरे पर पहुंचे। प्रातः भिलाई निवास पहुंचने पर उनका स्वागत कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार एवं कार्यपालक निदेशक (संकार्य) राकेश कुमार ने किया। श्री गुप्ता के साथ उनकी धर्मपत्नी कविता गुप्ता भी उपस्थित रही।
भिलाई दौरे के क्रम में मनीष राज गुप्ता ने भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के मरोदा-1 जलाशय स्थित 15 मेगावाट क्षमता वाले निर्माणाधीन फ्लोटिंग सोलर प्लांट के परियोजना स्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने परियोजना की स्थापना से जुड़े तकनीकी पहलुओं की गहन समीक्षा की और विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं।
उनके साथ कार्यपालक निदेशक (संकार्य) राकेश कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (पीपीसी) प्रवीण राय भल्ला, मुख्य महाप्रबंधक (पावर फैसिलिटीज) राजीव पांडे, मुख्य महाप्रबंधक (इंजीनियरिंग) वी. वेंकटेशन, महाप्रबंधक (एफजीडी) आलोक सिंह सहित बीएसपी एवं एनएसपीसीएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
निरीक्षण के दौरान मनीष राज गुप्ता को इस परियोजना के तकनीकी विवरण जैसे फ्लोटिंग स्ट्रक्चर की डिज़ाइन, सोलर मॉड्यूल इंस्टॉलेशन तकनीक, केबलिंग सिस्टम, इन्वर्टर सेटअप एवं कंट्रोल रूम संचालन की स्थिति की प्रत्यक्ष जानकारी दी गई।
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उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य का यह पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट अपने अंतिम चरण में है, जिसका क्रियान्वयन एनटीपीसी-सेल पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड (एनएसपीसीएल) (NTPC-SAIL Power Supply Company Limited (NSPCL)) द्वारा किया जा रहा है व यह परियोजना स्थापना के उन्नत चरण में है जिसके जुलाई 2025 तक प्रारंभ किये जाने की संभावना है।। एनएसपीसीएल नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) एवं स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) (Steel Authority of India Limited-SAIL) का एक संयुक्त उद्यम है।
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यह परियोजना भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) की कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे प्रतिवर्ष लगभग 33 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा का उत्पादन होने की संभावना है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 22,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड की बचत होगी।
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भिलाई इस्पात संयंत्र ने आगामी चरण में सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को और बढ़ाने की योजना बनाई है, जिसके तहत मारोदा जलाशय में अतिरिक्त 20 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर परियोजना तथा नंदनी एयरस्ट्रिप में 25 मेगावाट क्षमता की ग्राउंड-माउंटेड सोलर परियोजना स्थापित की जाएगी।
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निदेशक (तकनीकी, परियोजनाएं एवं कच्चा माल) तथा निदेशक प्रभारी-अतिरिक्त प्रभार (बीएसपी) के मनीष राज गुप्ता ने 15 मेगावाट निर्माणाधीन फ्लोटिंग सोलर प्लांट के परियोजना स्थल के निरीक्षण के उपरांत दोपहर में भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशकों एवं वरिष्ठ प्रबंधन के अन्य सदस्यों के साथ बैठकें कीं, जिनमें विभिन्न विभागीय परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई।
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