डिप्टी डायरेक्टर हेल्थ एंड सेफ्टी आशुतोष पांडेय की तरफ से बीएसपी के ईडी वर्क्स अंजनी कुमार और चीफ जनरल मैनेजर-सीजीएम शांतनु घोषाल को नोटिस जारी कर दिया गया है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority Of India Limited) के भिलाई स्टील प्लांट हादसे में एक के बाद एक एक्शन हो रहा है। साइट मैनेजर को सस्पेंड करने के बाद अब महाप्रबंधक को भी सस्पेंड कर दिया गया है। शनिवार शाम को सस्पेंड किए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है। लेकिन, जीएम को अब तक यह आदेश नहीं मिला है। न ही कोई आधिकारिक रूप से इस बात को सार्वजनिक किया गया है।
वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार के डिप्टी डायरेक्टर हेल्थ एंड सेफ्टी आशुतोष पांडेय की तरफ से बीएसपी के ईडी वर्क्स अंजनी कुमार और चीफ जनरल मैनेजर-सीजीएम शांतनु घोषाल को नोटिस जारी कर दिया गया है। इस मामले को लेकर बीएसपी में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारियों में काफी तनाव की स्थिति है।
बीएसपी (Bhilai Steel Plant) के कांटीनुअस कास्टिंग शॉप के कास्टर नंबर 6 में 25 अप्रैल को मेंटेनेंस कार्य के दौरान आग की चपेट में आने से 4 मजदूर झुलस गए थे। चारों घायलों का इलाज सेक्टर-9 हॉस्पिटल के बर्न वार्ड में चल रहा है। इस घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है।
मामले की जांच चल रही है। सीधेतौर पर जिम्मेदारी तय करते हुए अधिकारियों पर कार्रवाई भी की जा रही है। डिप्टी मैनेजर डीके कुशवाहा को सस्पेंड करने के बाद अब महाप्रबंधक-जीएम (GM) निर्मल कुमार देथे (Dethe) भी सस्पेंड कर दिया गया है।
महाप्रबंधक पर आरोप लगाया जा रहा है कि इनके कार्य क्षेत्र में हादसा हुआ है। सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कराने और कार्य में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सस्पेंड किया गया है।
बता दें कि हादसे के बाद राज्य सरकार के दबाव और प्रबंधन के सख्त रवैये को देखते हुए Suchnaji.com ने पहले ही खबर प्रसारित किया था कि जीएम को सस्पेंड करने की तैयारी है। वहीं, ईडी वर्क्स पर भी तलवार लटकी हुई है।
इस खबर को लेकर कुछ सिरफिरे और चाटुकार अधिकारियों को मिर्ची लगी थी। सच्चाई से अवगत कराने वाली खबर को लेकर सवाल उठाए गए थे। अब वहीं, खबर सच साबित होती जा रही है।
आपको बता दें कि सूचनाजी.कॉम खबरों की तह तक जाने और पुष्टि होने के बाद ही प्रसारित करने की पूरी कोशिश करता है।
किसी को खुश करने और छवि खराब करने के मकसद से खबर नहीं लिखी जाती है। समाचार को प्रमुखता से प्रसारित करने का उद्देश्य यह होता है कि जो खामियां छुपाई या दबाई जाती हैं, उसको उच्च प्रबंधन तक पहुंचाई जाए, ताकि व्यवस्था बेहतर हो सके। इससे कहीं न कहीं कंपनी की छवि ही बेहतर होती है…।