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Bhilai Steel Plant: बीएसपी के IR डिपार्टमेंट ने पूछा-कर्मियों की क्या-क्या अपेक्षाएं हैं, CITU ने थमाया लिस्ट

Bhilai Steel Plant: बीएसपी के IR डिपार्टमेंट ने पूछा-कर्मियों की क्या-क्या अपेक्षाएं हैं, CITU ने थमाया लिस्ट
  • हेमिप्लिजिया जैसी बीमारी में कर्मी को डाक्टर द्वारा मेडिकल इनवेलिडेट करने हेतु छः महीने की बाध्यता को समाप्त किया जाए।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। हर साल की तरह इस बार भी भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai STeel Plant) के औद्योगिक संबंध विभाग (आइआर) ने प्लांट स्तर पर यूनियनों से जानकारी मांगी है कि कर्मियों द्वारा कार्मिक विभाग से क्या-क्या अपेक्षाएं हैं। अलग-अलग यूनियनों ने फीडबैक लिया जा रहा है। सीटू यूनियन द्वारा निम्नलिखित विषयों पर चर्चा की गई।

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इस बैठक में औद्योगिक संबंध विभाग से विकास चंद्रा (उप महाप्रबंधक), रोहित हरित (वरिष्ठ प्रबंधक कार्मिक औद्योगिक संबंध), रामाराव (वरिष्ठ प्रबंधक) शामिल हुए। सीटू यूनियन की तरफ से महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी, अशोक खातरकर, डीवीएस रेड्डी, अजय कुमार सोनी, संतोष वर्मा और शामिल हुए थे।

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सीटू की तरफ से प्रबंधन को ये सुझाव दिए गए

1. डाक्टर द्वारा कर्मियों को मोतियाबिंद ऑपरेशन या अन्य किसी दुर्घटना के कारण एडवांस में मेडिकल अनफिट सर्टिफिकेट बना कर देते हैं तो ई सहयोग के ओलाम्स में आगे की एडवांस लीव नहीं भर पाते हैं, जिससे कर्मियों को उस माह का वेतन नहीं मिल पाता है। अतः ओलाम्स में सुधार करने की आवश्यकता है, जिससे कर्मी एडवांस में मेडिकल लीव भर सकें।

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2. किसी भी कर्मी के निधन के पश्चात कार्मिक अधिकारी को मृतक के आश्रितों को व्यक्तिगत रूप से उनके बीमा क्लेम, ईएफबीएस, पेंशन, ईडीएलआई, बैंक में खाता खुलवाने आदि से जुड़े आवश्यक दस्तावेज की जानकारी देना चाहिए, जिससे परिजनों को एक निश्चित समय में दस्तावेज तैयार करने में मदद मिल सके।

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3. संयंत्र में प्रत्येक विभाग में कार्यरत ठेका कर्मियों के खाते में मुख्य ठेकेदार सिर्फ 20-22 दिन का ही वेतन जमा करता है, उसके बाद पेटी ठेकेदार द्वारा तीन से पांच हजार रुपए मांग लिए जाते हैं। देने से मना करने पर उसका गेटपास वापस ले लिया जाता है या फिर नवीनीकरण नहीं किया जाता है। यह संयंत्र में लागू SA- 8000 का सरासर उल्लंघन है।

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4. हेमिप्लिजिया जैसी बीमारी में कर्मी को डाक्टर द्वारा मेडिकल इनवेलिडेट (Medical Invalidate) करने हेतु छः महीने की बाध्यता को समाप्त किया जाए।

5. कर्मियों के 25 वर्ष से अधिक उम्र वाले पुत्र का नाम स्वत: आश्रितों की सूची से कट जाता है, जिसकी जानकारी अधिकांश कर्मियों को नहीं होती है। इन परिस्थितियों में किसी कर्मी के आकस्मिक दुर्घटना के कारण मृत्यु हो जाने की स्थिति में अनुकम्पा नियुक्ति से वंचित कर दिए जाते हैं। अतः 25 वर्ष से अधिक उम्र के पुत्र का नाम स्वत:  ही री इश्यू कर जुड़ जाना चाहिए और इस सम्बन्ध में कर्मी को सम्बंधित कार्मिक विभाग द्वारा आवश्यक सूचना दे दिया जाना चाहिए।

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6. संयंत्र में कैंटीनों और टायलेट के संधारण, साफ सफाई की समय समय पर निगरानी की आवश्यकता है।

7. यूनियन कार्यालय में इंटरनेट सुविधा (Internet Service) बहाल किया जाए।

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