- आज तक 2011 की टीम ही काम कर रही है, जो वैधानिक नहीं है।
- सीटू ने अविलंब ट्रस्ट कमेटी को भंग करने की मांग की।
- नई कमेटी गठित होते तक वैकल्पिक व्यवस्था के संदर्भ में भी सुझाव दिया।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेवा ट्रस्ट (Seva Trust) के सामूहिक बीमा (Group Insurance) को लेकर विवाद हो गया है। सर्कुलर को लेकर सीटू की टीम औद्योगिक संबंध विभाग (Industrial Relations Department) से मिलकर मानव संसाधन विभाग (Human Resource Department) के मुख्य महाप्रबंधक एवं कार्यपालक निदेशक के नाम पत्र देकर अविलंब दखल देने की मांग की।
ये खबर भी पढ़ें: बीएसपी के कला मंदिर में छत्तीसगढ़ के गायकों ने गीतों से शमां बांधी
वर्तमान में प्रबंधन द्वारा जारी ई सहयोग में सेवा ट्रस्ट के तहत बीमा लेने या नहीं लेने के संदर्भ में कर्मियों से 15 दिसंबर 2024 तक सहमति मांगी जा रही है। परन्तु इस हेतु प्रीमियम भुगतान कितना करना पड़ेगा एवं कितने राशि की बीमा हो रही है इसका कोई जिक्र नहीं है।
यदि इस सर्कुलर में बीमा राशि (Sum Insurance) एवं अनुमानित प्रीमियम राशि (Estimated Premium Amount) का उल्लेख किया होता तो कर्मियों को अपने स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ निर्णय लेने में ज्यादा सरलता होती। सेवा ट्रस्ट के बीमा से संबंधित जारी सर्कुलर के कारण कर्मियों में असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है कर्मी चर्चा कर रहे हैं कि बीमा लेने की स्थिति में प्रीमियम यदि दुगुना हो गया तो निर्णय गलत हो सकता है।
सर्वप्रथम तत्काल सेवा ट्रस्ट कमेटी को भंग किया जाए।
सीटू ने कहा कि 2011 में सेवा ट्रस्ट (Seva Trust) का चुनाव करवाया गया था, उसके 5 साल के बाद पुनः चुनाव होना था। किंतु उस चुनाव को नहीं करवाया गया, तब से लेकर आज तक 2011 की टीम ही काम कर रही है, जो वैधानिक नहीं है। इसीलिए सीटू ने अभिलंब इस ट्रस्ट कमेटी को भंग करने की मांग की। नई कमेटी गठित होते तक वैकल्पिक व्यवस्था के संदर्भ में भी सुझाव दिया।
ये खबर भी पढ़ें: बिलासपुर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस का दूसरा बर्थ-डे
सेवा ट्रस्ट समिति गठन के संदर्भ में सीटू ने दिया था 9 मार्च 2023 को पत्र
सेवा ट्रस्ट के सदस्यों के संदर्भ में हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन सीटू (Hindustan Steel Employees Union CITU) द्वारा HSEU/2023/15, दिनांक 09 मार्च 2023 को पत्र प्रेषित कर आग्रह किया था कि सेवा ट्रस्ट के विधान में सदस्यों को मनोनीत करने के संदर्भ में कुछ आवश्यक संशोधन किया जाए।
ये खबर भी पढ़ें: भिलाई में ‘फ्लाइट ऑफ स्टील स्कल्पचर’ लगभग तैयार, सिविक सेंटर में आप भी देखने आइएगा
गुप्त मतदान द्वारा सदस्यता जांच के पश्चात सर्वाधिक वोट हासिल करने वाले मान्यता प्राप्त यूनियन द्वारा सदस्यों को मनोनीत किया जा सके। जिससे सेवा ट्रस्ट द्वारा संयंत्र में कार्यरत कर्मियों के प्रति जिम्मेदारी तय किया जा सकेगा। परंतु प्रबंधन द्वारा इस सम्बन्ध में कोई निर्णय नहीं लिया।
सीटू का स्पष्ट मानना है कि सेवा के विधान के अनुसार 5 साल में एक बार सेवा ट्रस्ट का चुनाव किया जाना है, किंतु प्रबंधन सेवा ट्रस्ट का चुनाव कराने की स्थिति में नहीं है।
ऐसी स्थिति पर अध्ययन करने के बाद ही सीटू ने यह प्रस्ताव दिया था कि सेवा का चुनाव संभव नहीं होने की स्थिति में मान्यता प्राप्त यूनियन और आफिसर एसोसिएशन द्वारा नामित सदस्यों को लेकर सेवा ट्रस्ट का पुनर्गठन किया जाए।
ये खबर भी पढ़ें: क्रिसमस 2024: बिलासपुर और एलटीटी के बीच क्रिसमस फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन, पढ़िए शेड्यूल
नई बीमा ट्रस्ट समिति गठित होते तक करें वैकल्पिक व्यवस्था
सीटू के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने कहा कि सेवा के काम को अनवरत चलते रहना है। इसीलिए नया सेवा ट्रस्ट समिति गठित होते तक तत्काल सभी प्रतिनिधि यूनियनों और आफिसर एसोसिएशन से चर्चा कर वैकल्पिक व्यवस्था बनाकर सेवा का कार्य को संचालित किया जाए।
बीमा के सम्बन्ध में चर्चा कर प्रीमियम राशि के संदर्भ में निर्णय लिया जाए। सेवा बीमा देने के लिए स्वीकृति दिए कर्मियों के वेतन से प्रीमियम की राशि कटौती के पहले कर्मियों को स्पष्ट रूप से अवगत कराया जाए कि बीमा राशि कितने की होगी एवं बीमा प्रीमियम लगभग कितना देना होगा।
सेवा बीमा पर असहमति देने की तिथि बढ़ाई जाए
सीटू ने कहा कि प्रबंधन सहमति अथवा असहमति लेने के लिए सर्कुलर को जिस तरह से लोगों के बीच प्रसारित किया है, उस तरह से हर कर्मी तक सेवा बीमा के संदर्भ में बात पहुंच पाना मुमकिन नहीं है। इसीलिए कर्मी आज भी नहीं जान पाए हैं कि प्रबंधन ने ऐसी कोई सहमति कर्मियों से मांगा है।
ऐसी स्थिति में सहमति देने की तिथि को 15 दिसंबर से आगे बढ़ाया जाए ताकि हर कर्मी तक इस सर्कुलर की जानकारी पहुंचे एवं कर्मी सेवा बीमा पर उचित निर्णय ले सके।
ये खबर भी पढ़ें: Stock Market Updates: टॉप लूज़र में शामिल है Adani Enterprises और Adani Ports