Bhilai Steel Plant: अधिकारियों-कर्मचारियों की जान की कीमत जानवरों से कम, आएगी मौत की खबर…

Bhilai Steel Plant The lives of Officers and Employees are Worth Less Than Animals, News of Death will Come
  • भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को ही संयंत्र के भीतर गौठान का निर्माण कर चारे पानी की व्यवस्था करनी होगी।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल के भिलाई प्लांट को खटाल बनाकर रख दिया गया है। सेफ्टी को ताक पर रखने वाली मानसिकता का सबूत आप रोज देख रहे हैं। कर्मचारी बार-बार उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करा रहे हैं। लेकिन, कोई सुनवाई नहीं है। अब ऐसा लगने लगा है कि कर्मचारियों-अधिकारियों की जान की कीमत मवेशियों से कम है।

इसलिए प्लांट के अंदर सड़कों पर बैठे मवेशियों को हटाया ही नहीं जा रहा है। किसी दिन बड़े हादसे की खबर आएगी। ये मवेशी किसी न किसी की जान लेकर मानेंगे, क्योंकि उच्च प्रबंधन के आंख-कान पर पट्टा पड़ चुका है। सेफ्टी फर्स्ट का नारा देने वाले भी लापता हैं।

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भिलाई इस्पात संयंत्र के भीतर जैसे ही आप मेन गेट से प्रवेश करेंगें तो जनरल शिफ्ट को छोड़कर तकरीबन हर शिफ्ट के दौरान आपका स्वागत मवेशियों द्वारा किया जाएगा। ठीक मुख्य द्वार के भीतर मेन मेडिकल पोस्ट के पास दर्जनों की संख्या में मवेशी बैठे रहते हैं। इसके अलावा आप जैसे ही बाएं हाथ पर मोड कर यूनिवर्सल रेल मिल, रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल, बार राड मिल के लिए आगे बढ़ते हैं वैसे ही आपका सामना मवेशियों के झुंड से होता है।

रात के समय यह और भी दिक्कत भरा हो जाता है। कर्मी अपनी गाड़ी मवेशियों से बचाते हैं। कई अंधेरे की वजह से भिड़ंत का शिकार होते हैं। हर विभाग में सैंकडों की संख्या मे मवेशी बैठे रहते हैं। यह दृश्य आम बात हो चुकी है। रेल मिल एरिया की फोटो आप देख रहे हैं।

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संयंत्र के भीतर मवेशियों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए ऐसा लगता है अब समय आ गया है भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को ही संयंत्र के भीतर गौठान का निर्माण कर चारे पानी की व्यवस्था करनी होगी, क्योंकि टाउनशिप से लेकर संयंत्र के भीतर तक मवेशियों की बाढ़ आ गई है और इसका स्थाई समाधान कहीं नज़र नहीं आ रहा है।