Bhilai Steel Plant: हजारों मजदूरों को जुलाई की सैलरी नहीं मिलेगी समय पर, ठेकेदारों ने खड़े किए हाथ, बीएसपी करेगा ब्लैक लिस्ट

Bhilai Steel Plant: Thousands of workers will not get July salary on time, contractors have raised their hands, BSP will blacklist them
  • ठेका श्रमिकों को समय पर वेतन का भुगतान करना ठेकेदारों की जिम्मेदारी है, जो कि ठेका श्रमिक (नियमन एवं निवारण) अधिनियम, 1970 की धारा 21 के अंतर्गत बाध्यकारी है।
  • ठेकेदार का अनुबंध समाप्त करने, Blacklisting और रिस्क परचेस नोटिस जारी करने की कार्रवाई संभव।
  • भिलाई इस्पात संयंत्र में ठेका श्रमिकों के वेतन भुगतान पर संकट, प्रबंधन ने ठेकेदारों को सख्त चेतावनी दी।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel plant) के मजदूरों की सैलरी फंस गई है। जुलाई की सैलरी भुगतान से ठेकेदारों ने हाथ खड़ा कर दिया है। इससे बीएसपी के करीब 30 हजार मजदूरों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। प्रबंधन ने ठेकेदारों को चेतावनी दी है। मजदूरों का पेमेंट बीएसपी अपने फंड से दे सकती है। लेकिन, ठेकेदारों से इसके एवज में 25 प्रतिशत तक प्रशासनिक खर्च वसूलेगी।

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भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) में ठेका श्रमिकों के जुलाई 2025 माह के वेतन भुगतान को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। विभिन्न ठेका ऑपरेटरों ने संयंत्र प्रबंधन को पत्र भेजकर सूचित किया है कि उन्हें जून 2025 माह के एसडीसी-आईआर (विधिक देयता Clerance प्रमाण) प्राप्त नहीं हुए हैं, जिसके कारण वे जुलाई माह का रनिंग अकाउंट (RA) बिल प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं। इसके चलते, वे अगस्त 2025 में देय जुलाई का वेतन समय पर श्रमिकों को नहीं दे पाएंगे।

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प्रबंधन की कड़ी प्रतिक्रिया

इस स्थिति को देखते हुए भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि ठेका श्रमिकों को समय पर वेतन का भुगतान करना ठेकेदारों की जिम्मेदारी है, जो कि ठेका श्रमिक (नियमन एवं निवारण) अधिनियम, 1970 की धारा 21 के अंतर्गत बाध्यकारी है।

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यदि ठेकेदार निर्धारित तिथि पर भुगतान नहीं करते हैं, तो BSP प्रबंधन स्वयं श्रमिकों को भुगतान करेगा और सम्पूर्ण राशि संबंधित ठेकेदार से वसूलेगा। साथ ही, 25 प्रतिशत तक प्रशासनिक खर्च भी उनसे वसूले जाएंगे।

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संभावित कार्रवाई चेतावनी

बीएसपी प्रबंधन ने यह भी संकेत दिया है कि यदि कोई ठेकेदार इस तरह की गतिविधियों में बार-बार लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ अनुबंध समाप्त करने, भविष्य में प्रतिबंधित किए जाने (Blacklisting) और रिस्क परचेस नोटिस (RPN) जारी करने की कार्रवाई की जा सकती है।

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तकनीकी सहयोग के लिए तत्पर प्रबंधन

संयंत्र प्रबंधन ने यह भी कहा कि वह किसी भी तकनीकी समस्या या आवश्यक प्रशिक्षण के लिए पूर्ण सहयोग को तैयार है। यह स्पष्ट किया गया है कि श्रमिकों को सटीक और समय पर वेतन मिले, इसके लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली का उपयोग अनिवार्य किया गया है, जिससे मानवीय त्रुटियों को न्यूनतम किया जा सके।

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शांति और सहयोग पर बल

प्रबंधन ने ठेकेदारों से अपील की है कि वे विरोध करने की बजाय संवाद और सहयोग का रास्ता अपनाएं एवं नियमानुसार ठेकों का संचालन करते हुए औद्योगिक अनुशासन और शांति बनाए रखें।

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वेतन भुगतान में देरी और उससे उत्पन्न औद्योगिक अशांति को रोकने के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र का रुख स्पष्ट और सख्त है। समझा जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और संवाद की आवश्यकता पड़ सकती है।

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