Bhilai Steel Plant का स्लोगन सेफ्टी और हैप्पीनेस गड्ढे में, कमर-कमानी टूटनी तय

Bhilai Steel Plants Slogan Safety and Happiness Became a Joke Fear of Accident due to Potholes on the Road
  • संयंत्र के कई सड़को को लेकर सीटू ने उठाया बड़ा सवाल।
  • व्यवहार में परिवर्तन लाने हेतु ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जा रहा हैं।
  • वास्तव में व्यवहार में परिवर्तन लाने के संदर्भ में कोई कार्य नहीं हो रहा है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल के भिलाई इस्पात संयंत्र का स्लोमन सेफ्टी और हैप्पीनेस गड्ढे में चला गया है। प्लांट के अंदर काम करने वाले कर्मियों को अपने विभाग तक सरलता से पहुंचने का बंदोबस्त करने की जिम्मेदारी प्रबंधन की होती है, अर्थात संयंत्र के प्रवेश द्वार से लेकर सभी विभागों तक सड़कों को बेहतर स्थिति में रखना एवं आवश्यकता अनुसार मेंटेनेंस करना प्रबंधन का काम है।

लेकिन, जिम्मेदारी से लगता है सबने मुंह फेर लिया है। सीटू द्वारा संयंत्र के अंदर के कुछ सड़कों को लेकर बार-बार सवाल उठाए जाने के बावजूद प्रबंधन द्वारा उस पर ध्यान नहीं देना एवं कर्मियों को अपने रहम-ओ-करम पर छोड़ देना घोर लापरवाही की पराकाष्ठा है।

Vansh Bahadur

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पत्र देने के एक साल बाद भी स्थिति जस की तस

सीटू के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने कहा कि 12 अगस्त 2024 को सीटू ने तत्कालीन कार्यपालक निदेशक संकार्य को पत्र देकर संयंत्र के अंदर 8 सड़कों का जिक्र करते हुए अपील किया था कि इन सड़कों का संधारण एवं मरम्मत करवाइए और जहां जरूरत हो वहां सड़क का भी निर्माण करवाइए।

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लगभग एक साल बीत जाने के बाद भी अधिकांश सड़कों की स्थिति जस की तस है। मौजूदा कार्यपालक निदेशक संकार्य से चर्चा करने हेतु जून 2025 में समय समय मांगा गया था। लेकिन अभी तक समय नहीं दिया गया है। अब ऐसे में कर्मी अपने विभाग तक उन गड्ढों और कीचड़ों के बीच से जाए तो कैसे जाए, इस बात का प्रबंधन के पास कोई जवाब नहीं है।

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खतरों से भरा है OHP गेट से PP यार्ड स्टेशन तक जाने का मार्ग

सीटू नेता ने विशेष रूप से PP यार्ड स्टेशन जाने के रास्ते पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह OHP गेट से PP यार्ड स्टेशन के लिए जाने का मार्ग है। ऐसा लग रहा है कि रास्ते में गड्ढे हैं या गड्ढे में रास्ता है। यह मार्ग किसी दूर दराज जंगल का नहीं, बल्कि भिलाई इस्पात संयंत्र के ट्रांसपोर्ट एवं डीजल विभाग के पीपी यार्ड जाने वाला मार्ग है।

जहां कर्मचारी-अधिकारी तीनों शिफ्ट में अपने घर से निकल कर काम करने संयंत्र आते हैं और कार्यस्थल तक पहुंचते हैं। इस जगह कार्य करने वाले कर्मचारियों अधिकारियों के परिवार वालों को भी नहीं पता है कि जिस मार्ग से होकर कार्यस्थल तक आना जाना होता है वह कितना ख़तरनाक है।

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सुरक्षा और हैप्पीनेस की खुलेआम उड़ रही है धज्जियां

सड़क सुरक्षा विभाग द्वारा संयंत्र प्रमुख का स्लोगन सुरक्षा और हैप्पीनेस की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है, क्योंकि इस संदर्भ में सीटू यूनियन द्वारा पिछले साल विभिन्न मार्गों के संधारण कार्य करने को लेकर पत्र देकर मांग करने के बावजूद संधारण कार्य नहीं किया गया।

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शायद प्रबंधन को लगता है कि सीटू जो मांग उठना है अथवा जो सुझाव पेश करता है यह उनका अपना पर्सनल सुझाव होगा इसीलिए उसे करने की आवश्यकता नहीं है। एचआरडी में व्यवहार में परिवर्तन लाने हेतु ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जा रहा हैं। किंतु वास्तव में व्यवहार में परिवर्तन लाने के संदर्भ में कोई कार्य नहीं हो रहा है।

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