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BMS का इस्पात महासंघ कमजोर और स्वार्थी नेतृत्व की चढ़ा भेंट, NJCS में भी नुकसान, खदान मजदूर संघ से ये प्रस्ताव पारित

BMS का इस्पात महासंघ कमजोर और स्वार्थी नेतृत्व की चढ़ा भेंट, NJCS में भी नुकसान, खदान मजदूर संघ से ये प्रस्ताव पारित
  • अहिवारा के विधायक डोमन लाल कोर्सेवाडा को सम्मानित किया गया।

  • राजहरा, नंदिनी, हिर्री, किरंदुल एवं बचेली से आये पदाधिकारियों ने भाग लिया बैठक में 

  • महासंघ का वर्तमान नेतृत्व खुल कर भाई भतीजावाद का खेल खेलने से भी कोई परहेज नहीं करता है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL Bhilai Steel Plant) के खदान में BMS ने अपनी सक्रियता बढ़ा दिया है। कर्मचारियों के बीच पैठ बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण इवेंट किए जा चुके हैं। भारतीय मजदूर संघ (BMS) से सम्बद्ध खदान मजदूर संघ भिलाई के केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक नंदिनी खदान में संपन्न हुई।

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बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष (केंद्रीय) एमपी सिंह ने की और संचालन संघ के महामंत्री उमेश कुमार मिश्रा ने किया। बैठक में विशेष रूप से छग प्रदेश के महामंत्री दिनेश पांडेय. दुर्ग जिला मंत्री हरिशंकर चतुर्वेदी,बालोद जिला मंत्री मुस्ताक अहमद उपस्थित रहे।

बैठक में राजहरा, नंदिनी, हिर्री, किरंदुल एवं बचेली से आये पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में कर्मियों एवं संगठन के हितों से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई और प्रस्ताव पारित किए गए।

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बैठक खत्म होने के बाद खदान मजदूर संघ भिलाई के पदाधिकारियों और सदस्यों द्वारा नंदिनी क्षेत्र के विधायक डोमनलाल कोसेवाड़ा का सम्मान भी किया।
अध्यक्ष की अनुमति से महामंत्री उमेश मिश्रा द्वारा कई प्रस्ताव रखे गए, जिन्हे उपस्थित पदाधिकारियों और सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित किया गया।

जानिए पारित प्रस्ताव

(1) संघ के विधान की धारा (2.1) के अनुसार संघ का विस्तार छ.ग. के विभिन्न नॉन-कोल माइंस में करने हेतु प्रस्ताव पारित की गई, जिसके अंतर्गत बैलाडीला में एनएमडीसी के दो खदान किरंदुल लौह अयस्क खदान एवं बचेली के लौह अयस्क खदान में संघ की शाखा विस्तार को सर्वसम्मति से अनुमति प्रदान करते हुए इन खदानों से दो-दो सदस्यों को संघ के केंद्रीय कार्यकारिणी में जगह देने की भी अनुमति प्रदान कर दी गयी।

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(2) विगत काफी दिनों से केंद्रीय कार्यकारिणी में 06 पद रिक्त पड़े थे। ये पद सदस्यों के ट्रांसफर/ई-0 प्रमोशन, सदस्यों के स्वास्थ्गत अथवा व्यक्तिगत वजहों से इस्तीफा देने से रिक्त हुआ था। संघ के विधान के धारा 19 के तहत इन रिक्त पदों को मनोनयन द्वारा भरने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।

संघ के अध्यक्ष (केंद्रीय) एवं महामंत्री को मनोनयन करने का अधिकार दिया गया। इसके बाद इन 06 रिक्त पदों पर मनोनयन का कार्य सर्वसम्मति से पूरा किया गया। नए मनोनीत सदस्य के नाम और पद की विधिवत घोषणा भी कुछ और संगठनात्मक कारवाई पूर्ण करने के बाद जल्द ही कर दी जाएगी।

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(3) नंदिनी खदान में बीएसपी प्रबंधन द्वारा मेसर्स जे.के.लक्ष्मी सीमेंट को रेल लाइन के लिए 1.74 हेक्टेयर भूमि लीज पर दी गयी है, जिसके लिए संभवतः केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा बनाये गए नियम और कानूनों की अनदेखी की गयी है।

ऐसी शिकायत संघ को मिली थी जिसकी जांच के उपरान्त प्रथम दृष्ट्या शिकायत सही लग रही है। और इसकी गहन जांच की आवश्यकता संघ महसूस करता है। इस सन्दर्भ में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि उक्त मामले की जांच हेतु संघ के केंद्रीय अध्यक्ष और महामंत्री को अधिकृत किया गया।

(4) बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि वर्तमान में बीएमएस द्वारा जिस इस्पात महासंघ का गठन इस्पात कर्मियों के हितार्थ किया गया था, वह महासंघ अपने कमजोर और स्वार्थी नेतृत्व की वजह से ऐसा करने में पूर्ण रूप से अक्षम साबित हो रहा है।

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वर्तमान कमजोर नेतृत्व के वजह से भारतीय मजदूर संघ द्वारा एनसीएस में भी कर्मियों के हितार्थ कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया। इसी कमजोर नेतृत्व के वजह से आज भिलाई में कर्मियों के बीच भारतीय मजदूर संघ का प्रभाव पूर्णतः नगण्य हो गया है।

महासंघ का वर्तमान नेतृत्व केवल अपने व्यक्तिगत स्वार्थ पूर्ति हेतु पूर्ण रूप से प्रबंधन परास्त हो गया है। साथ ही वर्तमान नेतृत्व का यह रिकॉर्ड रहा है कि वह जब-जब जहाँ-जहाँ जिस-जिस स्थानीय इकाई में गया, वहां उसके द्वारा केवल फूट डालो और राज करो की नीति का पालन हुआ है।

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इसके अलावा महासंघ का वर्तमान नेतृत्व खुल कर भाई भतीजावाद का खेल खेलने से भी कोई परहेज नहीं करता है। केंद्र सरकार के विभिन्न कमेटियों में ऐसे ऐसे अक्षम और प्रबंधन परास्त सदस्यों को नामांकित किया गया है, जिन्हें न तो किसी तरह के नियम कानून की जानकारी है, जो कभी धरातल पर आकर कर्मियों के बीच जाकर उनके समस्याओं के निराकरण हेतु कभी प्रयास ही नहीं करते हैं और जो मुख्यतः बोकारो, दुर्गापुर, के इस्पात संयंत्र या फिर आरएमडी के खदानों में काम करते हैं।

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