- आरएलसी मुकेश दहिया और एएलसी कुमार अमरितेश ने सेल प्रबंधन और एनजेसीएस यूनियन नेताओं के साथ बैठक की।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों के आधे-अधूरे वेज रिवीजन, बकाया 39 माह के एरियर, बोनस, एचआरए, ग्रेच्युटी आदि विषयों पर शुक्रवार को अहम बैठक दिल्ली में हुई। केंद्रीय मुख्य श्रमायुक्त शहर से बाहर हैं। इसलिए आरएलसी मुकेश दहिया और एएलसी कुमार अमृतेश ने सेल प्रबंधन और एनजेसीएस यूनियन नेताओं के साथ बैठक की। सुबह 11.30 बजे से शाम 6 बजे तक बैठक का दौर चलता रहा।
मीटिंग मिनट्स पर साइन करते से पहले बीएमएस ने 58 माह के पर्क्स के एरियर के मुद्दे को जोड़ने की जिद पकड़ ली, जिसको सुनते ही प्रबंधन ने भी साइन करने से मना कर दिया। इसके बाद श्रमायुक्त ने यूनियन नेता को चेतावनी भरे शब्दों में कहा-जो मुद्दा मीटिंग का विषय नहीं था, पूरी मीटिंग में आप मौजूद थे। साइन करने से पहले अचानक से आप बाहर जाते हैं। किसी से फोन पर बात करके लाैटते ही साइन करने से मना कर रहे हैं। इस बात को लेकर बीएमएस नेता को श्रम विभाग की ओर से काफी सुनाया गया। बीएमएस नेता बगैर साइन किए ही रवाना हो गए।
इसके बाद आरएलसी ने सेल प्रबंधन के प्रतिनिधियों के साथ अपने कार्यालय में अलग से बातचीत की। अंत में प्रबंधन भी राजी हो गया। इंटक, एचएमएस, सीटू, एटक और सेल प्रबंधन ने साइन कर दिया है। इससे पहले सेल प्रबंधन को निर्देशित किया जा चुका था कि 2 माह के भीतर एनजेसीएस की मीटिंग बुलाकर मामलों को हल किया जाए। वहीं, ट्रांसफर के प्रबंधन पर प्रबंधन ने कहा-अधिकारियों का भी ट्रांसफर होता है। हड़ताल के बाद ट्रांसफर किया गया है। आरएलसी ने कहा-अलग से चर्चा की जाएगी।
पढ़िए बोनस पर यूनियन और सेल प्रबंधन में क्या बहस हुई
लंबित मुद्दों पर सेल प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि ज्यादातर मामले हल कर लिए गए हैं। कुछ मामलों को लेकर यूनियनें कोर्ट गई हैं, जिसकी वजह से वह उलझा है। इस पर यूनियन नेताओं ने प्रबंधन को घेरना शुरू किया। सेल कर्मचारियों के बोनस पर सवाल उठाया गया। नेताओं ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा-बगैर समझौते का बोनस भुगतान किया गया है।
यह परंपरा गलत है। प्रबंधन मनमानी कर रहा है। यूनियनों की मांग को खारिज किया गया। जवाब देते हुए प्रबंधन की ओर से कहा गया कि यूनियनों ने बोनस मीटिंग में साइन तक नहीं किया। इसलिए प्रबंधन को एकतरफा फैसला लेते हुए भुगतान करना पड़ा।
आरएलसी ने इस बात को पकड़ लिया। कहा-सेल प्रतिनिधि बताएं-बोनस मीटिंग का मिनट्स कहां है? मीटिंग में किसने-क्या कहा-ये बताइए। प्रबंधन की ओर से मीटिंग का मिनट्स पेश नहीं किया जा सका। चर्चा में यह भी बात उठाई गई कि जब मीटिंग में 31 हजार तक बात प्रबंधन मानने को तैयार था, तो एकतरफा फैसले में 29 हजार 500 रुपए ही क्यों भुगतान किया? इसलिए अब प्रबंधन गलती को स्वीकारते हुए 1500 रुपए की अंतर राशि का भुगतान करे। इस पर प्रबंधन बैकफुट पर आ गया।
बकाया 39 माह के एरियर पर प्रबंधन फंसा
कर्मचारियों के बकाया 39 माह के एरियर पर सेल प्रबंधन की ओर से दो टूक गया कि एरियर कोई मुद्दा ही नहीं है। डीपीई की गाइडलाइन के खिलाफ सेल प्रबंधन कोई फैसला नहीं कर सकता है। यूनियन नेताओं ने आपत्ति जताते हुए कहा-पूर्व की एनजेसीएस मीटिंग में प्रबंधन स्वीकारता रहा है। अब इस तरह से लगातार इन्कार करना ठीक नहीं है।
आरएलसी ने कहा-सेल प्रबंधन ने मंत्रालय से स्वीकृति के लिए क्या लेटर लिखा था। उस लेटर में कौन-कौन से प्वाइंट थे। इसे पेश किया जाए। प्रबंधन की ओर से पेपर पास में न होने की बात कही गई। बाद में इसे उपलब्ध कराने को कहा गया। एमओयू की स्वीकृति के लिए मंत्रालय को लिखे गए पत्र की कॉपी सामने आने के बाद ही स्थिति और स्प्ष्ट हो सकेगी। मंत्रालय को क्या लिखकर भेजा, यह दिखाने को गया है। 2 नवंबर 2021 को मंत्रालय को लिखे गए पत्र की कॉपी मांगी गई है।
एचआरए पर प्रबंधन राजी नहीं
केंद्रीय मुख्य श्रमायुक्त कार्यालय में हुई बैठक के दौरान एचआरए का मुद्दा भी उठा। प्रबंधन की ओर से कहा गया कि कंपनी के पास बहुत आवास है। ऐसे में एचआरए को लेकर कोई सवाल ही नहीं उठता है। यूनियन नेताओं ने कहा-पॉलिसी तो बनाइए। बगैर पॉलिसी के कैसे आप एक व्यवस्था चला सकते हैं। और कैसे मांग को खारिज कर सकते हैं।
ग्रेच्युटी पर ये बात सामने आई
सेल प्रबंधन की ओर से कहा गया कि बीएमएस एमओयू को लेकर कोर्ट में गया है। वहां मामला चल रहा है। ग्रेच्युटी का मामला सीटू कोर्ट में ले गया है। वंश बहादुर सिंह ने कहा-प्रबंधन ने मनमानी किया है, इसलिए यूनियनों को कोर्ट में जाना पड़ा।
प्रबंधन बोल दें कि हम लागू कर रहे हैं। यूनियन केस वापस ले लेगी। सेल के हालात की दुहाई देते हुए प्रबंधन की ओर से कहा गया कि सेल को आरआइएनएल 2 मत बनाइए। नेताओं ने जवाब दे दिया कि प्रबंधन की पॉलिसी से आरआइआएनल के आज ऐसे हालात हैं।
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जानिए मीटिंग में सेल और यूनियन से कौन-कौन थे
ईडी एचआर कारपोरेट आफिस राजीव पांडेय, सीजीएम एचआर हरिमोहन झा, जीएम मलय गोस्वामी, एजीएम बबिता शामिल हुईं। इनके अलावा एनजेसीएस सदस्य व भिलाई इंटक महासचिव वंश बहादुर सिंह, एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विद्यासागर गिरी, सेलम स्टील प्लांट के सीटू जनरल सेक्रेटरी केपी सुरेश कुमार, इस्को स्टील प्लांट बर्नपुर इंटक के महासचिव हरजीत सिंह, बीएमएस से संजीव बनर्जी, एचएमएस के एसडी त्यागी, रघुवर गोंड, सुकांत रक्षित बैठक में यूनियन प्रतिनिधि के रूप में शामिल रहे।













