अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर नहीं है। भिलाई स्टील प्लांट, बोकारो स्टील प्लांट, दुर्गापुर स्टील प्लांट, इस्को स्टील प्लांट बर्नपुर, अलॉय स्टील प्लांट, बोकारो, राउरकेला, सेलम, विश्वेश्वरैया स्टील प्लांट और खदान के कर्मचारियों का बोनस तय नहीं हो सका।
इस बार 6000 रुपए बढ़ाकर बोनस कर्मचारियों के खाते में डालने की मांग यूनियनें कर रही थी। जिस प्रबंधन ने मानने से इन्कार कर दिया। प्रबंधन महज 31 हजार रुपए पर राजी हुई। यूनियन 32 हजार 500 रुपए की मांग करती रही। रात सवा 9 बजे तक बैठक हुई। बीच का रासता नहीं निकल सका। इसके बाद बैठक बेनतीजा समाप्त हो गई। यूनियनों ने साइन करने से मना कर दिया था। बैठक समाप्त होने के बाद प्रबंधन ने कहा-बोनस फॉर्मूले के आधार पर 29 हजार 500 रुपए होता है। इसलिए कर्मचारियों के खाते में यह राशि डाल दी जाएगी। इस पर आधिकारिक रूप से कोई बयान सामने नहीं आया है।
मीटिंग में एनजेसीएस सदस्य इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर जी.संजीवा रेड्डी, बोकारो इंटक के महासचिव बीएन चौबे, एसडब्ल्यूएफआई के राष्ट्रीय महासचिव ललित मोहन मिश्र, विश्वरूप बनर्जी, एचएमएस के महासचिव राजेंद्र सिंह, सुकांतो रक्षित, बीएमएस के उद्योग प्रभारी डीके पांडेय, फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी रंजय कुमार, एटक के केंद्रीय नेता विद्यासागर गिरी और महासचिव रामाश्रय प्रसाद सिंह शामिल थे।
40 हजार 500 रुपए भी मिल चुका है बोनस
बता दें कि 2022 में ASPLIS/वार्षिक बोनस 40500 देने के बाद प्रबंधन ने 8 फरवरी 2023 को बोनस फार्मूला बनाने के संदर्भ में बैठक बुलाया एवं उस बैठक में प्रबंधन ने सर्वसम्मति की परिपाटी को तोड़ते हुए बहुमत को आधार बनाकर वार्षिक बोनस /ASPLIS के संदर्भ में फॉर्मूला बनाया था। इसका सीटू एवं एटक ने विरोध करते हुए उस फार्मूले पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था। उस बहुमत वाले भ्रामक फार्मूला के चलते विगत दो वर्षों से सेल कर्मियों को ASPLIS/वार्षिक बोनस क्रमशः 26500/- और 23000/- दिया गया था। एनजेसीएस में बगैर समझौता हुए ही प्रबंधन ने कर्मचारियों के खाते में पैसा डाल दिया था।
एनजेसीएस मीटिंग में सुबह से शाम तक ये होता रहा
-सुबह 11 बजे के बाद सेल कर्मचारियों के बोनस को लेकर दिल्ली में एनजेसीएस की बैठक शुरू हुई।
-सेल प्रबंधन की ओर से प्रेजेंटेशन दिया गया। कंपनी के प्रोडक्शन आदि की विस्तार से जानकारी दी गई।
-सेल अधिकारियों ने कहा-बोनस फार्मूले के अनुसार 29500 और 23600 रुपए ही श्रमिकों के बन रहे हैं। इसी पर बात की जाए।
-एनजेसीएस यूनियन के नेताओं ने कम से कम 40500 बोनस की मांग की थी।
-लंच के बाद दोबारा मीटिंग शुरू हुई और प्रबंधन 30 हजार रुपए देने को तैयार हो गया। लेकिन, यूनियनों ने इस प्रस्ताव को मानने से इन्कार कर दिया था।
शाम 5 बजे के करीब बीच का रास्ता निकालते हुए प्रबंधन की ओर से कहा गया कि आप लोग बताइए, कहां तक राजी हो जाएंगे। यूनियन नेताओं ने कहा-हम तो 40 हजार से अधिक पर ही तैयार होंगे। इसके बाद बीच का रास्ता प्रबंधन से नहीं निकल सका। बैठक बेनतीजा समाप्त हो गया।