BSL NEWS: चेंज ऑफ़ ट्रेड मामले में प्लॉट धारक-लाइसेंसधारी दुकानदार भ्रामक दुष्प्रचार से बचें, 85% तक पहुंचा पट्टा नवीनीकरण दर

BSL NEWS: In case of change of trade, plot holders and licensed shopkeepers should avoid misleading propaganda, lease renewal rate reaches 85%
Nature of Trade को Non-Restricted Trade से प्रतिबंधित में परिवर्तन करने का आवेदन बीएसएल को दे सकते हैं।
  • पट्टा नवीनीकरण दर भी बढ़कर 85% तक पहुँच गई है।
  • कई व्यवसायी, जो पहले भ्रामक जानकारी के कारण असमंजस में थे।
  • अब आवश्यक शुल्क और जुर्माने का भुगतान करके अपने पट्टों का नवीनीकरण करा रहे हैं।
  • नर्सिंग होम, रेस्तरां, सिनेमा हॉल, मीट शॉप, आटाचक्की, ऑयल मिल, गैस एवं फ्यूल गोडाउन, वेल्डिंग एवं फेब्रिकेशन आदि, रिस्ट्रिक्टेड ट्रेड की श्रेणी में।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। व्यापार संचालन को अधिक सहज, व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से बोकारो स्टील प्लांट-बीएसएल द्वारा चेंज ऑफ़ ट्रेड की एक नई नीति लागू की गई है। प्रबंधन ने चेंज ऑफ़ ट्रेड मामले बीएसएल ने प्लॉट-धारकों एवं लाइसेंसधारी दुकानदारों से भ्रामक दुष्प्रचार से बचने की अपील की है।

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इस नीति के तहत बीएसएल द्वारा आवंटित वैसे व्यवसायिक प्लॉट-धारक एवं लाइसेंसधारी दुकानदार जिन्हें पूर्व में  गैर-प्रतिबंधित (Non-Restricted Trade) के संचालन की अनुमति प्राप्त है, पर बीएसएल से बिना अनुमति प्राप्त किए ही अपने प्लॉट अथवा लाइसेंस दुकान (NH/LCS SHOP) में  प्रतिबंधित (Restricted Trade) का संचालन कर रहे हैं, वे अपनी व्यापारिक प्रकृति (Nature of Trade) को गैर-प्रतिबंधित (Non-Restricted Trade) से प्रतिबंधित (RestrictedTrade) में परिवर्तन करने का आवेदन बीएसएल को दे सकते हैं।

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चेंज ऑफ़ ट्रेड नीति के तहत, बीएसएल के TA-LRA विभाग द्वारा 06, 14 एवं 19 फरवरी 2025 को, साथ ही अन्य तिथियों में, लगभग 250 से ज्यादा ऐसे प्लॉट-धारकों एवं लाइसेंसधारी दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया है।

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नोटिस जारी होने की तिथि से दो माह के भीतर संबंधित प्लॉट-धारक एवं लाइसेंसधारी दुकानदार अपना आवेदन पत्र एवं निर्धारित शुल्क जमा कर सकते हैं । निर्धारित समय-सीमा के भीतर आवेदन न करने की स्थिति में, नियत शुल्क के अलावा विलंब शुल्क भी देय हो जाएगा।

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विदित है कि बीएसएल ने पूर्व में विभिन्न व्यवसायों के लिए प्लॉट और दुकानें आवंटित की हैं, जिनमें जनरल ट्रेड और रिस्ट्रिक्टेड ट्रेड जैसी श्रेणियां शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ व्यवसाय, जैसे नर्सिंग होम, रेस्तरां, सिनेमा हॉल, मीट शॉप, आटाचक्की, ऑयल मिल, गैस एवं फ्यूल गोडाउन, वेल्डिंग एवं फेब्रिकेशन आदि, रिस्ट्रिक्टेड ट्रेड की श्रेणी में आते हैं।

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ऐसे व्यवसायों के संचालन के लिए कई अनिवार्य लाइसेंस आवश्यक होते हैं। इन लाइसेंसों के बिना ऐसे व्यवसायों को अवैध माना जाता है, जिससे कानूनी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। आवश्यक लाइसेंसों में अग्नि सुरक्षा के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC), एफएसएसएआई (FSSAI) प्रमाणपत्र,   अपशिष्ट प्रबंधन के अनुपालन प्रमाणपत्र, पर्यावरणीय दिशानिर्देशों के अनुसार अपशिष्ट निपटान मंजूरी, तेल, ग्रीस एवं खतरनाक कचरे के निपटान हेतु पर्यावरणीय स्वीकृति इत्यादि शामिल हैं।

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बीएसएल की ‘चेंज ऑफ ट्रेड’ नीति का उद्देश्य उन व्यवसायी  को स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करना है, जो बिना पूर्व अनुमति और आवश्यक लाइसेंस के अपने जनरल ट्रेड को प्रतिबंधित ट्रेड में बदल चुके हैं।  इस नीति को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और इससे अंतत:  व्यवसाय संचालन अधिक सुगम और पारदर्शी होगा।

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इसके अलावा, पट्टा नवीनीकरण दर भी बढ़कर 85% तक पहुँच गई है। कई व्यवसायी, जो पहले भ्रामक जानकारी के कारण असमंजस में थे, अब आवश्यक शुल्क और जुर्माने का भुगतान करके अपने पट्टों का नवीनीकरण करा रहे हैं।

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नगर सेवा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह भी देखा गया है कि कतिपय लोगों द्वारा चेंज ऑफ़ ट्रेड और पट्टा नवीनीकरण  जैसे आवश्यक कार्यों  के खिलाफ भ्रामक जानकारी देकर व्यवसायियों को गुमराह किया जा रहा है।

बीएसएल ने सभी संबंधित प्लॉट-धारकों एवं लाइसेंसधारी दुकानदारों से चेंज ऑफ़ ट्रेड नीति का पूरा लाभ उठाने और भ्रामक दुष्प्रचार से बचने की अपील की है।

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