- सीटू बार-बार कहता है कि संयंत्र में लागू बायोमेट्रिक आधारित अटेंडेंस सिस्टम की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारी बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से त्रस्त हो गए हैं। हर दिन कोई न कोई दिक्कत सामने आ रही है। हर बार की तरह इस बार भी सीटू के पास एक नया केस आया, जिसमें एक कर्मी का 26,27 जुलाई का हाजिरी 31 जुलाई को दिखा रहा था। लेकिन 5 अगस्त से हैंग हो गया और अनुपस्थित दिखा रहा है।
उक्त कर्मी ने जब कार्मिक अधिकारी से बात किया तो कार्मिक अधिकारी कह रहे हैं कि आप को ही सुधरवानी होगी अपनी हाजिरी। साथ ही साथ उस कर्मी के सेक्शन के अधिकारी कह रहे हैं कि मशीन का फाल्ट है। वो ही ठीक करेंगे। इस तरह कर्मचारी काम में मन नहीं लगा पा रहा है और एचआर उस कर्मी के ऊपर ही हाजिरी सुधारवाने की जिम्मेदारी थोप दे रहे हैं।
सीएंडआईटी भी झाड़ लिया अपना पल्ला
सीटू नेताओं ने कहा-जब टाइम आफिस को बंद कर सीएंडआईटी के बड़े अधिकारी प्रमोशन ले लिए हैं, तो जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए। कर्मचारी पर यह साबित करने का दायित्व नहीं बनता है कि वो ड्यूटी आया है। कर्मी मशीन में चेहरा दिखा दिया, मशीन ने थैंक्यू बोल दिया। बस आगे का काम एचआर और सीएंडआईटी विभाग को हल करना है।
किन्तु यहां तो सब उल्टा ही चल रहा है। कर्मी को ही साबित करने को कहा जा रहा है कि “वो ना केवल ड्यूटी आया था, बल्कि 8 घंटे ड्यूटी पर था” यह घटना पिछले माह रेल मिल में एक कर्मी के साथ घटित हुआ था। जब उस कर्मी का सिंगल पंच होने पर उसने अपने अधिकारी से कहा था कि इसे ठीक कर दीजिए, तब उसके अधिकारी ने कह दिया कि तुम्ही को साबित करना होगा की तुम 8 घंटे ड्यूटी पर थे।
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हाजिरी को लेकर हर माह परेशान रहते हैं कर्मी
यह घटना थम नहीं रही है। कार्यस्थल में प्रत्येक माह के आखिर में कर्मचारी-अधिकारी परेशान होते हैं। यदि कोई कर्मी अपनी हाजिरी जांचता नहीं है तो सिंगल पंच होने अथवा पंच ना लेने पर पेमेंट कटने का खतरा बना रहता है। इसीलिए सीटू बार बार कहता रहा है कि संयंत्र में लागू बायोमेट्रिक आधारित अटेंडेंस सिस्टम की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।