भिलाई टाउनशिप की सड़कों पर लगातार बढ़ते जा रहे हैं हादसे।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बायोमेट्रिक अटेंडेंस की आपाधापी में सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला निरंतर बढ़ते ही जा रहा है। तकरीबन हर आयेदिन वर्क्स एरिया का कर्मचारी सड़क दुर्घटना का शिकार हो रहा है। एक जुलाई से लेकर अभी तक लगभग तीन दर्जन से ज्यादा सड़क दुर्घटना केवल और केवल बायोमेट्रिक अटेंडेंस की जल्दबाजी में हो चुकी है।
शनिवार को नाइट शिफ्ट के दौरान ब्लूम यार्ड के कर्मी भूवनेश्वर कुमार जंघेल बीएसएनएल चौक के पास सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए, उनकी मांसपेशियों में गंभीर चोट आई है। एमआरआई कराने को कहा गया है, जिसके परिणामस्वरूप वह ड्यूटी से अनफिट कर दिए गए हैं, आखिर यह बीएसपी कर्मचारियों के साथ सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला कब थमेगा।
बीएसपी के वर्क्स एरिया के कर्मचारियों के साथ हुई लगभग हर सड़क दुर्घटना का रिकार्ड सेक्टर 9 अस्पताल में उपलब्ध है, जिससे यह साबित होता है कि सभी सड़क हादसे मेन गेट, बोरिया गेट, रोलिंग मिल गेट, मरोदा गेट के आस पास ही हुई है।
कर्मचारियों का कहना है कि बीएसपी प्रबंधन संयंत्र के भीतर और गेट पर तो सीआईएसएफ के माध्यम से व्यवस्था बनाने में सफल हो जाता है और संयंत्र के भीतर रोड भी चौड़ी है, जिस पर केवल संयंत्र के भीतर कार्य करने वाले ही अवागमन करते हैं।
लेकिन गेट के बाहर यातायात की स्थिति बिल्कुल बद्तर है। मेन गेट पर ही हजारों की संख्या में दोपहिया वाहन खड़े करके प्राइवेट एजेंसी के कर्मचारी सड़क पार करते देखे जा सकते हैं। इसी तरह बोरिया गेट पर भी ट्रकों का हुजूम लगा रहता है।
जान जोखिम में डाल कर कर्मचारी गेट के भीतर प्रवेश करते हैं। प्रबंधन की जिम्मेदारी बनती है कि संयंत्र के सभी प्रवेश द्वार के बाहर भी कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस को मद्देनजर रखते हुए उचित व्यवस्था बनाए, नहीं तो जिस तरह से कर्मचारी सड़क हादसे का शिकार हो रहे हैं, उसे देखते हुए बायोमेट्रिक अटेंडेंस को लेकर बड़ा सवाल उठने लगा है।
कर्मचारी की जान जोखिम में डाल कर बायोमेट्रिक अटेंडेंस की खानापूर्ति के औचित्य पर सवाल उठ रहा है? गौरतलब है कि बीएसपी कर्मचारियों के साथ सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला बायोमेट्रिक अटेंडेंस के बाद से ही बढ़ा है।