BSP आयरन ओर माइंस रावघाट रेल प्रोजेक्ट का 97% काम पूरा, नए साल में चलेगी ट्रेन, नक्सली हमले में शहीद हो चुके 6

BSP Iron Ore Mines Rawghat Rail Project 97 Percent Work Completed Train Will Run in The New Year 6 out of 12 Have Been Martyred in Naxalite Attack
  • दल्लीराजहरा-रावघाट रेल परियोजना दिसंबर तक होगी पूरी।

  • 77.5 किमी लंबे तारोकी–रावघाट खंड का अधिकांश कार्य पूरा।

  • 95 किलोमीटर लंबे इस रेलमार्ग में 16 प्रमुख पुल।

  • 19 रोड ओवर ब्रिज, 45 रोड अंडर ब्रिज और 176 छोटे पुलों का निर्माण शामिल है।

  • नक्सली 12 हमले कर चुके हैं। 4 मजदूरों और 2 सुरक्षाकर्मियों की शहादत हो चुकी है।

  • एसएसबी सुरक्षा कवच मिलने के बाद परियोजना में उल्लेखनीय प्रगति हुई।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई । सेल भिलाई स्टील प्लांट की आयरन ओर माइंस रावघाट तक मालगाड़ी चलाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार का दावा है कि दल्लीराजहरा–रावघाट रेल परियोजना दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। रेल परियोजना के 97 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके हैं। 77.5 किमी लंबे ताड़ोकी-रावघाट खंड का अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है।

छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल को रेलवे से सशक्त कनेक्टिविटी देने वाली दल्लीराजहरा–रावघाट रेल परियोजना का कार्य तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। 95 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के तारोकी से रावघाट खंड की लंबाई 77.5 किलोमीटर है, जिसमें यूटिलिटी शिफ्टिंग का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।

Vansh Bahadur

बड़े और छोटे पुलों के साथ-साथ ट्रैक बिछाने का काम अब अंतिम चरण में है, जिससे इस महत्वाकांक्षी परियोजना के दिसंबर 2025 तक पूर्ण होने की दिशा में ठोस प्रगति हुई है।

Rajat Dikshit

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Janta Mazdoor Sangh Bokaro

इस रेल परियोजना के पूरा होने से बस्तर क्षेत्र पहली बार राज्य की राजधानी से सीधे रेलवे द्वारा जुड़ जाएगा। इससे बस्तर आने-जाने वाले यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी और खनिज परिवहन की दिशा में नई गति मिलेगी।

बस्तर के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य में यह कनेक्टिविटी एक बड़ा बदलाव लाएगी और स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक होगी।

भिलाई इस्पात संयंत्र के बीच सीधी कनेक्टिविटी

यह रेलवे लाइन रावघाट लौह अयस्क खदानों और सेल/भिलाई इस्पात संयंत्र के बीच सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। वर्तमान में दल्लीराजहरा की खदानों से लौह अयस्क की उपलब्धता घट रही है, ऐसे में यह परियोजना न केवल औद्योगिक जरूरतों को पूरा करेगी बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास की रीढ़ साबित होगी।

रेल विकास निगम लिमिटेड के अनुसार, 17.5 किलोमीटर भूमि अधिग्रहण कार्य संपन्न हो चुका है। 21.94 लाख घन मीटर मिट्टी कार्य में से अधिकांश पूरा हो चुका है।

तीन में से दो बड़े पुल तैयार हो गए हैं, जबकि 61 में से 55 छोटे-मोटे पुलों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। बैलेस्ट प्रोक्योरमेंट और भवन निर्माण कार्य भी अगस्त–सितंबर 2025 तक पूर्ण होने की संभावना है।

परियोजना लंबे समय तक टिकाऊ और सुरक्षित…

उल्लेखनीय है कि कुल 95 किलोमीटर लंबे इस रेलमार्ग में 16 प्रमुख पुल, 19 रोड ओवर ब्रिज, 45 रोड अंडर ब्रिज और 176 छोटे पुलों का निर्माण शामिल है। केवल 17.5 किलोमीटर लंबे तारोकी–रावघाट खंड में ही 3 प्रमुख पुल, 5 रोड ओवर ब्रिज, 7 रोड अंडर ब्रिज और 49 छोटे पुल बनाए जा रहे हैं। इन सभी कार्यों में तकनीकी सटीकता और सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है, ताकि यह परियोजना लंबे समय तक टिकाऊ और सुरक्षित रहे।

नक्सली कर चुके हैं इतनी वारदात

  • उग्रवाद से प्रभावित इस क्षेत्र में निर्माण कार्य एक बड़ी चुनौती रहा है।
  • परियोजना को बाधित करने के लिए नक्सलियों द्वारा किए गए 12 हमलों में अब तक 4 मजदूरों की मौत और 2 सुरक्षाकर्मियों की शहादत हो चुकी है।
  • इसके अलावा निर्माण कार्य में प्रयुक्त उपकरणों और मशीनों में आगजनी की घटनाएं भी हुई हैं।
  • एसएसबी सुरक्षा कवच मिलने के बाद परियोजना में उल्लेखनीय प्रगति हुई।
  • परियोजना के पूरा होने के बाद बस्तर क्षेत्र में खनिज परिवहन, रोजगार, स्थानीय व्यापार और यात्री सुविधाओं में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।
  • यह रेलवे लाइन खनिज परिवहन को नई दिशा देने के साथ-साथ पूरे क्षेत्र को मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य करेगी। इससे क्षेत्र में निवेश के अवसर बढ़ेंगे और बुनियादी ढांचे का विस्तार होगा।

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रोजगार, अवसर और विकास भी आएगा

दिसंबर 2025 तक ताड़ोकी-रावघाट खंड पर ट्रेन परिचालन शुरू होने की संभावना व्यक्त की गई है। इस परियोजना के पूरा होते ही बस्तर अंचल एक नई विकास यात्रा पर अग्रसर होगा, जहां रेल पटरी पर दौड़ती गाड़ियां न केवल खनिज और सामान पहुंचाएंगी, बल्कि रोजगार, अवसर और विकास का संदेश भी लेकर आएंगी।