28 अक्टूबर को सेल बोनस, बकाया एरियर आदि को लेकर हड़ताल।
हड़ताल शांतिपूर्वक हो, इसके लिए पुलिस-बीएसपी ने बैठक बुलाई थी।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। पुलिस, बीएसपी प्रबंधन और हड़ताल में शामिल यूनियनों की बैठक में हंगामे पर अब बीएसपी वर्कर्स यूनियन का बयान आ गया है। बीएसपी वर्कर्स यूनियन के कार्यकारी महासचिव शिव बहादुर सिंह ने कहा कि सयुक्त मोर्चा के संयोजक का बयान बहुत ही हास्यास्पद है, क्योंकि पुलिस थाने में बैठक जिला प्रशासन ने बुलाया था और पुलिस विभाग की तरफ से भिलाई स्टील प्लांट में रजिस्टर्ड सभी यूनियनों को बुलाया गया था। जिसमें बीएसपी वर्कर्स यूनियन भी शामिल हुआ था।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन सदैव कर्मचारियों के हर समस्या और हर आंदोलन में उनके साथ खड़ा है और उसके समर्थन में है। परंतु इसके लिए संयुक्त मोर्चा में शामिल होना या उनके किसी भी संयुक्त अभियान में जाने की आवश्यकता यूनियन जरूरी नहीं समझती।
सबसे पहले तो संयुक्त मोर्चा के संयोजक यह बताएं कि 30 जून 2021 की जब हड़ताल हो रही थी और जिसमें लगभग 95% कर्मचारियों ने हिस्सा लिया, तो इनकी यूनियन उस समय कहां थी। और क्यों इसके पूरे लोग कर्मचारियों के विरोध में जाकर प्लांट के अंदर काम कर रहे थे। पहले यह अपने गिरेबान में झांके, फिर दूसरों के ऊपर बयानबाजी करें।
इनके साथ खड़े होने वाला आदमी ही आंदोलनकारी नहीं है। संयंत्र का हर कर्मचारी आंदोलनकारी है और वह अपनी समस्याओं के लिए लड़ना जानता है और बीएससी वर्कर्स यूनियन संयंत्र के हर कर्मचारी के साथ हर आंदोलन में उसके साथ खड़ी है। किसी आंदोलन के पूर्व ही एक यूनियन द्वारा दूसरे यूनियन के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप लगाना किसी भी आंदोलन को कमजोर करने की कड़ी में सबसे बड़ा प्रयास है।
इससे यह सिद्ध होता है कि इन नेताओं को उद्देश्य आंदोलन के माध्यम से कर्मियों का भला करना नहीं सिर्फ आंदोलन के माध्यम से अपनी राजनीतिक रोटी सेकना है।
एनजेसीएस में शामिल संयुक्त यूनियन के नेताओं ने हमेशा से कर्मचारियों को गुमराह करते आए हैं। शिवबहादुर सिंह ने बताया कि 39 महीने के एरियर के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र में कर्मचारियों की आवाज बनकर सबसे पहले विभिन्न गेटों में धरना प्रदर्शन बीएसपी वर्कर्स यूनियन टीम ने किया था, जिसकी वजह से यूनियन के पदाधिकारियों को प्रबंधन द्वारा कारण बताओं नोटिस भी जारी किया गया था।
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बता दें कि रविवार को भिलाई पुलिस कंट्रोल रूम में संयुक्त यूनियन ने बीएसपी वर्कर्स यूनियन का विरोध किया था। हड़ताल में नोटिस न देने और बैठक में शामिल होने पर सवाल उठा था। विरोध के बाद यूनियन के 4 पदाधिकारियों को बैठक से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद दोबारा बैठक शुरू हो सकी थी।