बीएसपी के कार्यवाहक डायरेक्टर इंचार्ज दे गए ये सौगात, पढ़ें डिटेल

BSPs acting director in charge gave this gift read the details

सिंटर प्लांट-3 में कोक ओवन गैस इंजेक्शन प्रणाली की शुरुआत। स्थायी इस्पात उत्पादन की दिशा में भिलाई इस्पात संयंत्र का एक महत्वपूर्ण कदम

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के सिंटर प्लांट-3 ने स्थिरता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए मशीन-1 के सिंटर बेड पर कोक ओवन गैस (सीओजी) इंजेक्शन प्रणाली का सफलतापूर्वक शुभारंभ किया है। यह प्रणाली संयंत्र के इस हिस्से में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के उद्देश्य से विकसित की गई है।

निदेशक (तकनीकी, परियोजनाएं एवं कच्चा माल) तथा अतिरिक्त प्रभार निदेशक प्रभारी (भिलाई इस्पात संयंत्र) मनीष राज गुप्ता द्वारा इस प्रणाली का औपचारिक उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (संकार्य) राकेश कुमार सहित संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा शीर्ष प्रबंधन के सदस्य उपस्थित रहे।

यह परियोजना, जो डी-कार्बनाइजेशन की दिशा में एक अग्रणी प्रयास है, महाप्रबंधक प्रभारी (सिंटर प्लांट्स) श्री अनुप कुमार दत्ता के मार्गदर्शन में प्रारंभ की गई तथा महाप्रबंधक (संचालन) श्री आर. डी. शर्मा के नेतृत्व में क्रियान्वित की गई। कोक ओवन गैस, जो एक उच्च कैलोरी मान वाला उप-उत्पाद है, को सहायक ईंधन के रूप में उपयोग कर सिंटर उत्पादन में ऊर्जा दक्षता को बढ़ाना और कार्बन उत्सर्जन को कम करना इस पहल का मुख्य उद्देश्य रहा है।

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इस संपूर्ण परियोजना का निष्पादन संयंत्र की यांत्रिक, विद्युत एवं इंस्ट्रूमेंटेशन टीमों द्वारा संयंत्र के भीतर ही किया गया। इस कार्य में मुख्य महाप्रबंधक (सिंटर प्लांट-3) सजीव वर्गीज की समन्वयनात्मक भूमिका उल्लेखनीय रही।

तकनीकी दृष्टि से, सिंटर बेड में सीओजी के इंजेक्शन से प्रति टन सिंटर उत्पादन में लगभग 2 किलोग्राम कोक की बचत संभव हो पाती है। इससे न केवल सिंटर की गुणवत्ता में सुधार होता है और रिटर्न फाइन्स की मात्रा घटती है, बल्कि सीओ₂ उत्सर्जन में भी वार्षिक अनुमानित 12,700 टन की कमी दर्ज की जा सकती है। साथ ही, ईंधन दक्षता में वृद्धि और लागत में उल्लेखनीय बचत होती है, जिससे संयंत्र की हरित इस्पात निर्माण की प्रतिबद्धता को बल मिलता है।

सुरक्षित और कुशल संचालन के लिए परियोजना के अंतर्गत अत्याधुनिक सुरक्षा एवं निगरानी प्रणालियों की भी व्यवस्था की गई है। इनमें सीओ गैस डिटेक्टरों की स्थापना, संचालन क्षेत्र में रणनीतिक स्थानों पर निगरानी कैमरों की तैनाती तथा सीओजी इंजेक्शन नेटवर्क में फ्लो और प्रेशर के लिए रीयल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम शामिल हैं।

कोक ओवन गैस इंजेक्शन प्रणाली का सफल क्रियान्वयन भिलाई इस्पात संयंत्र की नवाचार-प्रेरित प्रगति का प्रतीक बनकर उभरा है। यह पहल पर्यावरणीय उत्तरदायित्व के प्रति संयंत्र के दूरदर्शी दृष्टिकोण को सशक्त करती है और हरित औद्योगिक भविष्य के निर्माण हेतु उसकी प्रतिबद्धता को और अधिक मजबूती प्रदान करती है।