– RFID लगाने के पूर्व यूनियन पहुंचा BSP के कैंटीन की व्यवस्था देखने।
– यूनियन ने कहा कि महारत्न कंपनी की छवि खराब कर रही भिलाई इस्पात संयंत्र की कैंटीन व्यवस्था।
सूचनाजी न्यूज़, भिलाई। एक जुलाई को लगने वाले आरएफआईडी व्यवस्था के पूर्व यूनियन ने जानना चाहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने कैंटिनों की व्यवस्था में क्या सुधार किया है क्योंकि यूनियन ने बार-बार मांग रखी थी आरएफआईडी लगाने के पूर्व कर्मियों की बेसिक मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त किया जाए, जिसमें कैंटीन एक मुख्य व्यवस्था है, परंतु यूनियन को यह जानकर के निराशा हुई कि प्रबंधन ने कैंटीन की व्यवस्था सुधारने की दिशा में कोई कार्य नहीं किया।
यहां तक की 02:00 बजे के बाद भिलाई इस्पात संयंत्र के अंदर किसी कैंटीन में भी खाना नहीं मिलता है। कुछ कैंटिनों में मात्र नाश्ता ही मिलता है। यहां तक की कुछ विभाग जो मेन गेट से काफी दूरी पर है जैसे और हैंडलिंग प्लांट (OHP) वहां तो कैंटीन चालू ही नहीं है। और यह भिलाई इस्पात संयंत्र के गेटों से इतनी दूर पर है कि यहां के कर्मचारियों द्वारा बाहर से नाश्ता लाना भी संभव नहीं है। प्रबंधन गर्मियों के ऊपर विभिन्न प्रकार के कानून तो लादना चाहता है परंतु कर्मियों को किसी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं देना नहीं चाहता।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन का प्रतिनिधि मंडल अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता के नेतृत्व में कैंटीन सेल प्रभारी राजीव कुमार (उप महाप्रबंधक) से मुलाकात कर भिलाई इस्पात संयंत्र में संचालित कैंटिनों में तत्काल सुधार की मांग कीl यूनियन प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया सेल एक महारत्न कंपनी है, लेकिन भिलाई इस्पात संयंत्र में कैंटिनों की हालात देखकर ऐसा महसूस होता है कि महारत्न कंपनी की छवि खराब हो रही है, लेकिन इस ओर भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा हैl
यूनियन ने बताया कि भिलाई इस्पात संयंत्र में 24 घंटे उत्पादन प्रकिया निरंतर गति से चलता रहता है लेकिन काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भोजन, पानी, चाय-नाश्ता, साफ-सफाई तथा बैठक व्यवस्था जिस तरह से कैंटिनों की देखने को मिल रही है उसे देखकर बहुत ही अफसोस होता है l लगातार कंपनी को लाभ देने वाले उत्पादन प्रकिया से जुड़े भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं ठेका श्रमिकों के लिए प्रबंधन सर्वसुविधा युक्त कैंटिनों की व्यवस्था आज तक नहीं कर पाईl
भिलाई इस्पात संयंत्र में अंदर बाहर लगभग 50 कैंटीन संचालित हो रही हैं, लेकिन एक भी कैंटीन एयर कूल्ड नहीं है, जहां पर कर्मचारी बैठकर सुकून से चाय नाश्ता या भोजन कर सकेंl यूनियन ने कहा कि जब 24 घंटे प्लांट उत्पादन प्रक्रिया से काम कर रहा है ऐसी स्थिति में भिलाई इस्पात संयंत्र के अंदर एक भी कैंटीन ऐसी नहीं है, जहां पर कर्मचारियों को सेकंड एवं रात्रि पाली में भोजन की व्यवस्था हो सकेl प्रबंधन का जवाब है सेलिंग नहीं होती है इसलिए भोजन चालू नहीं किया गया जाता है l
बीएसपी वर्कर्स यूनियन प्रबंधन से कैंटीन व्यवस्था सुधारने की मांग करते हुए मॉडल कैंटीन बनाने की जो बात कुछ समय पूर्व हो रही थी वह विलुप्त हो चुकी है। कार्य रूप में कहीं पर भी दिखाई नहीं दे रही है इसलिए प्रबंधन को चाहिए कि बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लगाने के पहले कर्मचारियों के लिए सर्वसुविधा युक्त कैंटीन की व्यवस्था करेंl
यूनियन प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि विजिटर के रूप में भिलाई इस्पात संयंत्र के अंदर सैकड़ों लोग प्रतिदिन आते हैं। कर्मचारी अपने दूर शहर से आने वाले मेहमानों को भी प्लांट विजिट कराने ले जाते हैं, लेकिन ऐसी कोई कैंटीन नहीं है जहां पर उनको ले जाया जाए और वो लोगों को एहसास हो कि वाकई में भिलाई इस्पात संयंत्र में कैंटीन की व्यवस्था बहुत अच्छी हैl
यूनियन प्रतिनिधिमंडल ने कैंटीन सेल प्रभारी एवं भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन से मांग करता है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में जितनी भी कैंटीन संचालित हैं इस भीषण गर्मी में भी कहीं पर भी ठंडा पेय पदार्थ की व्यवस्था नहीं हैl इसलिए कुछ कैंटिनों को चिन्हिंत कर रात के भोजन की व्यवस्था, छाछ, लस्सी,आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक आदि की व्यवस्था कराई जाएl कर्मचारी इस भीषण गर्मी में आग उगलती फर्निश के सामने, पिघलते हुए लोहे के सामने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से पीछे नहीं हैं। ऐसी हालत में क्या प्रबंधन का यह दायित्व नहीं बनता है कि कर्मचारियों के लिए सर्वसुविधा युक्त कैंटीन की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर की जाएl
यूनियन प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख के रूप से यूनियन अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता, कार्यकारी महासचिव शिव बहादुर सिंह, अतिरिक्त महासचिव टी.डीलेश्वर राव, सहायक महासचिव विमल कांत पांडे, सचिव धनंजय कुमार गिरी एवं कार्यकारिणी सदस्य रूक मंगद राव आदि उपस्थित थेl