- बंधुआ मजदूरों का पुनर्वास। सामाजिक पुनर्वास प्रदान करने के लिए भी ये है स्कीम।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) द्वारा मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूरों (Bonded Labourers) के पुनर्वास के कार्य में राज्य सरकारों (State Govt) की सहायता करने के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र स्कीम (Central Sector Schemes) अर्थात बंधुआ मजदूरों के पुनर्वास को कार्यान्वित कर रहा है। यह स्कीम मांग आधारित है।
इस स्कीम के अंतर्गत, मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूर के पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता प्रति पुरुष लाभार्थी 1 लाख रुपए, विशेष श्रेणी के लाभार्थियों जैसे अनाथ बच्चों या संगठित एवं बलात भीख मांगने वाले गिरोहों या अन्य प्रकार के बलात बाल श्रम से बचाए गए बच्चों तथा महिलाओं के लिए 2 लाख रुपए तथा अत्यधिक अभाव या हाशिए पर रखे गए बंधुआ या बलात श्रम के मामलों में 3 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
बचाए गए बंधुआ मजदूरों को 30,000 रुपये तक की तत्काल नकद सहायता जिला प्रशासन द्वारा प्रदान की जाती है। बचाए गए बंधुआ मजदूरों को पुनर्वास सहायता राशि संबंधित राज्य/संघ शासित प्रदेशों द्वारा प्रदान की जाती है, जिसकी प्रतिपूर्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।
बंधुआ मजदूरी प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम, 1976 की धारा 13 (Section 13 of the Bonded Labour System (Abolition) Act, 1976) के अनुसार, राज्य सरकार को प्रत्येक जिले और प्रत्येक उप-विभाग में सतर्कता समिति का गठन करना होता है, जैसा कि वह उचित समझे, ताकि अधिनियम के उचित कार्यान्वयन के लिए जिला मजिस्ट्रेट या उसके द्वारा अधिकृत किसी अधिकारी को सलाह दी जा सके। समिति मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूरों को आर्थिक और सामाजिक पुनर्वास प्रदान करने के लिए भी उत्तरदायी है। यह जानकारी केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दिया है।