- MP और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में थे पोस्टेड, DIG से हुए थे रिटायर।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ के चुनाव में जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) द्वारा केन्द्रीय मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान मुख्यमंत्री, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष, दो-दो IAS अधिकारियों सहित पद्मश्री अवॉर्डी युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतार दिया गया है। वहीं अब छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अफसर उतर चुके है।
ऐसे अफसर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में तैनात रह चुके है। DIG तक बड़ी जिम्मेदारी संभाल चुके है। छत्तीसगढ़ में बीते दिनों हमर राज पार्टी द्वारा 19 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की गई।
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इस सूची में सबसे चर्चित नाम अकबर राम कोर्राम है, जिन्हें बस्तर संभाग के कांकेर जिले की भानुप्रतापपुर सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। वे पहले भी विधानसभा चुनाव लड चुके है और कांग्रेस-भाजपा के लिए मुश्किलें भी खड़ी कर चुके है।
कौन है अकबर राम कोर्राम (Akbar Ram Korram), जानें
अकबर राम कोर्राम बस्तर संभाग के कांकेर जिले के के रहने वाले है। अकबर 1989 बैच के पीएससी अफसर है। अविभक्त मध्यप्रदेश के कई जिलों में पोस्टेड रहे हैं। वे शहडोल, बिलासपुर, रायपुर आदि जगह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) रह चुके हैं। साथ ही वे कई छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पुलिस अधीक्षक (SP) के पद पर भी रह चुके हैं।
अकबर राम कोर्राम की वरिष्ठता को देखते हुए सरकार ने इन्हें साल 2003 में भारतीय पुलिस सेवा IPS अवॉर्ड से पदोन्नत किया गया।
उनका जन्म काफी गरीब परिवार में हुआ। वे बेहद गरीब में पले-बढ़े और पढ़े। लेकिन अध्ययन करने के लिए उनके पास पर्याप्त संसाधनों की कमी थी। उन्होंने दीप और लालटेन की रौशनी से अपना अध्ययन किया। उनकी आरंभिक शिक्षा ग्राम में ही हुई हैं। उनका गांव उडकुडा उत्तर बस्तर कांकेर जिला में स्थित हैं। अकबर राम कोर्राम डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DIG) के पोस्ट से रिटायर हुए थे।
लड़ चुके है चुनाव
अकबर राम कोर्राम कांकेर जिले की भानुप्रतापपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ चुके है। 2022 में मनोज मंडावी के निधन के बाद खाली हुई सीट पर उनकी पत्नी सावित्री मंडावी को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था। जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से पूर्व विधायक ब्रह्मानंद नेताम को प्रत्याशी बनाया गया था।
चुनाव में सावित्री विजय रही थी, जबकि नेताम दूसरे स्थान पर और अकरम राम कोर्राम तीसरे स्थान पर थे। उन्हें कापी वोट मिले थे। वे दोनों ही पार्टियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दिए थे।