Chhattisgarh Cabinet: विष्णु मंत्रिमंडल में कई चर्चित और बड़े चेहरों को नहीं मिली जगह

  • नए और पहली बार जीतकर आए विधायकों को कैबिनेट मंत्री बना दिया गया।

सूचनाजी न्यूज, रायपुर। तीन दिसंबर को छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बहुमत मिलने के बाद से मंत्री मंडल को लेकर कयास लगाए जा रहे थे।

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तमाम अटकलों के बीच प्रदेश भर में जीतकर आए पार्टी बड़े चेहरे, चर्चित नाम और पूर्व में मंत्री रहे विधायकों का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा था। लेकिन ऐसे कई चेहरे हैं, जिन्हें मंत्री मंडल में स्थान नहीं मिला। बल्कि उनसे इतर नए और पहली बार जीतकर आए विधायकों को कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। आइए जानते है प्रदेश के कौन-कौन से ऐसे बड़े चेहरे है जिन्हें मंत्री नहीं बनाया गया… ।

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राजधानी की रायपुर पश्चिम सीट से MLA बने राजेश मूणत का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा था। हम आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सिर्फ दो ही राष्ट्रीय सचिव है, जिसमें से एक विकास उपाध्याय को हराकर मूणत MLA बने है। रमन सिंह के कार्यकाल में राजेश मूणत मंत्री रह चुके है। कई बार विधायक रहे है।

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अजय चन्द्राकर: धमतरी जिले की कुरुद सीट से लगातार विधायक चुनकर आ रहे है। डॉ.रमन सिंह (Dr Raman Singh) के शासनकाल में मंत्री रहे है। दमदार और कद्दावर नेता है। कांग्रेस शासनकाल में छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रवक्ता रहे। प्रदेश सरकार के खिलाफ बेहद आक्रामक रहे है।

अमर अग्रवाल:  बिलासपुर जिला में ही नहीं संभाग में बड़ा चेहरा माना जाता है। इनके पिता लखीराम अग्रवाल मध्यप्रदेश के जमाने में बड़े नेता थे। अमर अग्रवाल कई बार विधायक रहे है। प्रदेश में लगातार मंत्री भी रहे है।

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विक्रम उसेंडी: बस्तर अंचल की अंतागढ़ सीट से विधायक बने विक्रम उसेंडी का भी मंत्री बनना तय माना जा रहा था। विक्रम उसेंडी प्रदेश कैबिनेट में मंत्री रह चुके है। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी रहे है। लोकसभा के सांसद भी रहे है।

लता उसेंडी: प्रदेश की बड़ी महिला नेत्री है। लता उसेंडी आदिवासी समाज से आतीं है। बस्तर से ताल्लुख रखतीं है। डॉ.रमन सिंह के कार्यकाल में महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं है। इस बार बड़े अंतर से चुनाव जीतीं है। कई बार विधायक रहीं है।

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रेणुका सिंह: रेणुका सिंह सरगुजा संभाग की बड़ी भाजपा नेत्री है। वर्तमान में सरगुजा की लोकसभा सांसद है। केन्द्रीय राज्यमंत्री भी है। 2023 में भरतपुर-सोनहट से विधायक बनीं है। मुख्यमंत्री की रेस में रेणुका सिंह का नाम काफी चल रहा था।

धरमजीत सिंह: प्रदेश के कद्दावर नेता माने जाते है। बिलासपुर संभाग के बड़े चेहरे है। कांग्रेस से लगातार चुनाव लड़ते रहे है। जोगी गुट के नेता रहे है। 2018 में कांग्रेस की लहर के बावजूद भी जोगी की पार्टी से चुनाव लड़े और जीतकर सदन पहुंचे थे। 2023 चुनाव के पहले भाजपा प्रवेश किया। भाजपा ने टिकट दिया और बीजेपी से भी जीत कर विधायक बन गए है।

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गुरु खुशवंत साहेब : इसके साथ ही गुरु खुशवंत साहेब का नाम भी मंत्री मंडल की रेस में चल रहा था। वे सतनामी समाज के गुरु है। युवा चेहरे है। भूपेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ.शिव कुमार डहरिया को पराजित कर अपनी विजय को बड़ी जीत बना दिए।

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डोमनलाल कोर्सेवाडा: डोमनलाल कोर्सेवाडा दुर्ग जिले की एकमात्र अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के लिए आरक्षित सीट से चुनाव जीते है। तत्कालिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भिलाई-3 निवास अहिवारा विधानसभा में आता है। यहां से भूपेश बघेल के सिपहसालार और चरोदा के युवा महापौर निर्मल कोसरे को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था, जिन्हें कोर्सेवाड़ा ने पराजित किया है। पहले भी विधायक रहे है। राजनीति में आने के पहले शिक्षक थे। साफ छवि के नेता माने जाते है।

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पुन्नूलाल मोहले : पुन्नूलाल मोहले बिलासपुर संभाग के बड़े नेता माने जाते है। इस बार संभाग की मुंगेली सीट से जीतकर विधायक बने है। कई बार के विधायक रहे है। कई बार सांसद रहे है। छत्तीसगढ़ में मंत्री भी रहे है। उनका भी मंत्री बनना तय माना जा रहा था।

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