- मुख्य न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं से भी मुलाकात की तथा उनसे उनकी समस्याएं जानी।
सूचाजी न्यूज, रायपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा (Chief Justice Ramesh Sinha) इस काफी सुर्खियों में हैं। लगातार कोर्ट परिसर का दौरा कर रहे हैं। जजों औ अधिवक्ताओं के बीच पहुंच रहे हैं। छत्तीसगढ़ के कई जिला न्यायालय का दौरा करने के क्रम में वह रायगढ़, सक्ती, भाटापारा और बलौदाबाजार न्यायालय (Balodabajar Court) का किया निरीक्षण किया।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर (Chhattisgarh High Count Bilaspur) के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा हाईकोर्ट के मामलों की सुनवाई 22 अगस्त को औचक निरीक्षण के लिए रायगढ़ पहुंचे। रायगढ़ जाते समय उनके द्वारा सक्ती न्यायालय का भी निरीक्षण किया गया।
उल्लेखनीय है कि सक्ती में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Additional District & Sessions Judge) व व्यवहार न्यायाधीशों के न्यायालय हैं। निरीक्षण के समय न्यायालयों में प्रकरणों की सुनवाई चल रही थी तथा कर्मचारी कार्य कर रहे थे। सक्ती न्यायालय में पार्किंग व्यवस्था अत्यन्त खराब पायी गयी। अधिवक्ताओं के बैठने हेतु कोई उचित व्यवस्था नहीं थी।
न्यायालय के बरामदे में फर्नीचर (Furniture) जीर्ण-शीर्ण हालत में व अस्त-व्यस्त रखे हुए थे। बरामदे में बिजली के तार भी खुली हालत में अव्यवस्थित तरीके से दिखाई दे रहे थे। न्यायालय में साफ-सफाई भी नहीं थी। बरामदे में रखी कियोस्क मशीन बंद थी तथा उसमें धूल लगी हुयी थी।
न्यायालय की अधोसंरचना न्यायालय की गरिमा के अनुरूप नहीं थी। उक्त अव्यवस्था को देखकर मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी जाहिर की तथा सुधार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। मुख्य न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं से भी मुलाकात की तथा उनसे उनकी समस्याएं जानी।
इसके उपरांत मुख्य न्यायाधीश द्वारा जिला न्यायालय रायगढ़ (District Court Raigarh) का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय न्यायिक अधिकारी न्यायालयों में पीठासीन थे तथा प्रकरणों की सुनवाई चल रही थी। उन्होंने जिला न्यायालय के लगभग समस्त कक्षों का निरीक्षण किया।
रिकार्ड रूम में प्रकरणों को उचित व्यवस्थित रूप से रखने हेतु जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रायगढ़ को निर्देशित किया गया। वाटर फिल्टर व उसके आस-पास सफाई हेतु भी निर्देशित किया गया। इसके उपरांत वह अधिवक्ताओं से मिले। अधिवक्ताओं ने फूल-माला से उनका सम्मान किया। अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश से उद्बोधन हेतु आग्रह किया जिस पर उन्होंने उपस्थित अधिवक्ताओं के समक्ष उद्बोधन दिया। तदुपरांत उन्होंने न्यायिक अधिकारियों के साथ बैठक भी ली तथा आवश्यक निर्देश दिये।
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रायगढ़ से वापसी के समय बाराद्वार रेस्ट हाउस में सक्ती की कलेक्टर नुपूर राशि (Collector Nupur Rashi) पन्ना तथा एसपी एम.आर. अहिरे (SP M.R. Ahire) ने मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात की। मुख्य न्यायाधीश द्वारा उन्हें सक्ती न्यायालय की अधोसरंचना को न्यायालय की गरिमा के अनुरूप बनाये जाने हेतु निर्देशित किया गया। औचक निरीक्षण में मुख्य न्यायाधीश के साथ रजिस्ट्रार जनरल अरविन्द कुमार वर्मा तथा एडिशनल रजिस्ट्रार कम पीपीएस एमवीएलएन सुब्रमण्यम भी उपस्थित रहे।
इसी कड़ी में 23 अगस्त को औचक निरीक्षण के लिए चीफ जस्टिस भाटापारा तथा बलौदाबाजार पहुंचे। सर्वप्रथम उन्होंने भाटापारा व्यवहार न्यायालय का निरीक्षण किया निरीक्षण के समय न्यायिक अधिकारी प्रकरणों की सुनवाई कर रहे थे।
न्यायालय परिसर में वाशरूम (Washroom) की व्यवस्था उचित नहीं पायी गयी। वहां पर उपस्थित प्रशासनिक अधिकारी द्वारा जानकारी दी गयी कि न्यायालय के नवीन भवन हेतु 6.25 एकड़ भूमि शासन द्वारा आवंटित की जा चुकी है, जिस पर 06 नवीन कोर्ट रूम का निर्माण किया जाना है।
पूछने पर यह भी बताया गया कि रिवाईस इस्टीमेट (Revise Estimate ) पी.डब्ल्यू.डी. विभाग (P.W.D. Department) द्वारा नहीं भेजा गया है। इस कारण भवन निर्माण में होने वाली प्रक्रिया में विलंब हो रहा है। निरीक्षण के समय कलेक्टर चंदन कुमार, जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के एसएसपी दीपक कुमार झा उपस्थित थे।
मुख्य न्यायाधीश ने उक्त संबंध में त्वरित कार्यवाही हेतु कलेक्टर चंदन कुमार (Collector Chandan Kumar) को निर्देशित किया, जिस पर कलेक्टर चंदन कुमार ने दो दिवस के भीतर रिवाईस इस्टीमेट प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया।
भाटापारा के निरीक्षण उपरांत मुख्य न्यायाधीश सिन्हा जिला न्यायालय, बलौदाबाजार (District Court, Balodabazar) के औचक निरीक्षण हेतु पहुंचे। वहां पर साफ सफाई, वाहनों की पार्किंग, अधिवक्ताओं के बैठने की व्यवस्था व पक्षकारों का प्रतीक्षालय की व्यवस्था देखकर उन्होंने संतोष व्यक्त किया।
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न्यायालय की अधोसंरचना को न्यायालय की गरिमा के अनुरूप पाया गया। अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश का सम्मान किया। मुख्य न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं से बातचीत की तथा उनसे उनकी समस्याएँ जानी तदुपरांत उन्होंने न्यायिक अधिकारियों के साथ बैठक भी ली तथा आवश्यक निर्देश दिये।
उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायाधीश अपने कुछ माहों के कार्यकाल में ही राज्य के अधिकांश जिला न्यायालयों का भौतिक निरीक्षण करते हुए अधोसंरचना व व्यवस्था में सुधार हेतु अधिकारियों को आवश्यक निर्देश प्रदान किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप कार्य व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन भी दिखाई देना शुरू हो गया है।