- इस पहल का उद्देश्य कोयला उद्योग में क्रांति लाना है।
- कोयला गैसीकरण के उपयोग के माध्यम से इसे औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए मीथेन, हाइड्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी मूल्यवान गैसों में परिवर्तित करना है।
सूचनाजी न्यूज, झारखंड। कोयला मंत्रालय (Coal Ministry) के रणनीतिक निर्देशन के अतर्गत, ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) (Eastern Coalfields Limited (ECL)) ने झारखंड के जामताड़ा जिले के कास्ता कोयला ब्लॉक में भूमिगत कोयला गैसीकरण (यूसीजी) के लिए एक अभिनव पायलट परियोजना का शुभारंभ किया है।
यह कोयला क्षेत्र के भीतर मंत्रालय के सक्रिय विविधीकरण प्रयासों को दर्शाता है। इस प्रथम अभूतपूर्व पहल का उद्देश्य कोयला उद्योग में क्रांति लाना है, इसके लिए मूल स्थान पर कोयला गैसीकरण का उपयोग करके इसे मीथेन, हाइड्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी मूल्यवान गैसों में परिवर्तित करना है।
ये खबर भी पढ़ें : Job Alert: RITES में निकली वैकेंसी, ढाई लाख से अधिक सैलरी, देखें डिटेल
इन गैसों का उपयोग सिंथेटिक प्राकृतिक गैस, ईंधन, उर्वरक, विस्फोटक और अन्य औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए रासायनिक फीडस्टॉक्स के उत्पादन के लिए किया जा सकता है। कोयला मंत्रालय कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है साथ ही यह कोयले को विभिन्न उच्च मूल्य वाले रासायनिक उत्पादों में परिवर्तित करते हुए इसकी क्षमता को पूर्ण रूप से उपयोग में लाता है।
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के लिए बड़ी उपलब्धि
भूमिगत कोयला गैसीकरण कोयला संसाधनों तक पहुँच प्रदान करके एक महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है जो पारंपरिक खनन विधियों के माध्यम से आर्थिक रूप से अव्यवहारिक हैं। यह पायलट परियोजना कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और इसकी सहायक कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह भारत को उन्नत कोयला गैसीकरण प्रौद्योगिकियों को अपनाने में अग्रणी के रूप में स्थापित करती है।
ये खबर भी पढ़ें : SAIL ने Nation Builders 2024 के बीच भारत के सर्वश्रेष्ठ नियोक्ताओं में बनाई जगह
2015 में कोयला मंत्रालय ने मंजूरी दी थी
दिसंबर 2015 में कोयला मंत्रालय ने कोयला और लिग्नाइट युक्त क्षेत्रों में यूसीजी के लिए एक व्यापक नीतिगत प्रारूप को स्वीकृति दी थी। इस नीति के अनुरूप, कोल इंडिया ने भारतीय भू-खनन स्थितियों के अनुरूप यूसीजी प्रौद्योगिकी को लागू करने के लिए कस्ता कोयला ब्लॉक का चयन किया।
ईसीएल द्वारा सीएमपीडीआई रांची और कनाडा की एर्गो एक्सर्जी टेक्नोलॉजीज इंक (ईईटीआई) के सहयोग से प्रबंधित यह परियोजना दो वर्ष तक संचालित की जाएगी और इसमें दो चरण शामिल हैं।
ये खबर भी पढ़ें : भिलाई स्टील प्लांट: मालगाड़ी में फंसा मजदूर, तड़पकर मौत
भारत के ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तनकारी अवसरों का सृजन होने की आशा
22 जून, 2024 को प्रारंभ हुए प्रथम चरण में बोरहोल ड्रिलिंग और कोर टेस्टिंग के माध्यम से तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करना शामिल है। दूसरे चरण में पायलट पैमाने पर कोयला गैसीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
ये खबर भी पढ़ें : SAIL BSL: बोकारो स्टील प्लांट में 11 जुलाई को 24 घंटे की हड़ताल
सीआईएल आरएंडडी बोर्ड द्वारा वित्तपोषित यह महत्वाकांक्षी आरएंडडी परियोजना, उप-कार्यान्वयन एजेंसियों के रूप में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड और एर्गो एक्सर्जी के बीच सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
इस पायलट परियोजना के सफल क्रियान्वयन से भारत के ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तनकारी अवसरों का सृजन होने की आशा है। यह देश के कोयला संसाधनों के दीर्घकालिक और कुशल उपयोग को प्रदर्शित करेगा।
भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में
कोयला मंत्रालय इस अग्रणी पहल के सफल कार्यान्वयन के लिए सम्पूर्ण रूप से समर्थन प्रदान करने के लिए तत्पर है और भारत के ऊर्जा परिदृश्य पर इसके सकारात्मक प्रभाव के प्रति आशान्वित है। ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के नेतृत्व में यह रणनीतिक पहल कोयला गैसीकरण प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करती है, ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाती है और सतत विकास को बढ़ावा देती है।
ये खबर भी पढ़ें : ESIC NEWS: कर्मचारी राज्य बीमा योजना से बड़ी खबर, रिपोर्ट सार्वजनिक
यह पायलट प्रोजेक्ट कोयला संसाधन उपयोग में नए मानक स्थापित करने के उद्देश्य के साथ जैसे जैसे आगे बढ़ेगा इससे भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। कोयला मंत्रालय इस क्षेत्र में नवाचार और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, इससे राष्ट्र के लिए एक सुगम और पर्यावरणीय रूप से स्थायी ऊर्जा भविष्य का मार्ग प्रशस्त होता है।
ये खबर भी पढ़ें : ESIC NEWS: कर्मचारी राज्य बीमा योजना से बड़ी खबर, रिपोर्ट सार्वजनिक