सूचनाजी न्यूज | चार काली श्रम संहिताओं के विरोध में हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन सीटू (Hindustan Steel Employees Union CITU) राजहरा ने आज 23 सितंबर चार काली श्रम संहिताओं के विरोध में माइंस में काला बिल्ला लगाकर एवं विरोध प्रदर्शन कर काला दिवस मनाया ।
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हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन सीटू (Hindustan Steel Employees Union CITU) राजहरा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिमैया ने अपने संबोधन में बताया सरकार ने मजदूर हित में बनाए गए 44 श्रम कानून को बदलकर चार श्रम संहिताएं बनाई है ,जो शुद्ध रूप से प्रबंधन और मालिक पक्ष को फायदा पहुंचाने एवं मजदूरों का शोषण करने के लिए बनाये गये कोड है।
श्रम संहिताएं लागू होने से ।
1. न्यूनतम वेतन (Minimum Salary) की जगह फ्लोरवेज लागू होगा जिसे केंद्र सरकार (Central Government) निर्धारित करेगी किंतु उसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होगा।
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2. 45 वे श्रम सम्मेलन की सिफारिश एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय को न मानकर सरकार द्वारा तैयार की गई फ्लोर लेवल वेतन अवधारणा 31 राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन से भी कम है ।
3. श्रम अधिकारी द्वारा कर्मचारी के पक्ष में दिए गए वेतन संबंधी निर्णय के खिलाफ नियोक्ता/ प्रबंधन संबंधित निर्णय के तहत भुगतान की जाने वाली राशि जमा किए बिना अपील पर जा सकता है इससे न्यायिक प्रक्रिया में होने वाले विलंब से पीड़ित कर्मचारी परेशान होगा।
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4. एक दिन की अनाधिकृत अनुपस्थिति पर 8 दिन का वेतन कटौती का प्रावधान है ।
5. 300 से कम कर्मियों की संख्या वाले पंजीकृत कारखाने स्थाई आदेश के दायरे से बाहर होंगे।
6. प्रबंधन एवं मालिक को महिलाओं को रात्रि पाली में नियुक्ति का अधिकार मिल जाएगा।
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हड़ताल, प्रदर्शन, आंदोलन, सभाओं को और अधिक जटिल बना दिया जायेगा। इस प्रकार से मजदूर वर्ग को अपने हक एवं अधिकार से वंचित करने हेतु इन श्रम संहिताओं में सैकड़ों नियम है,जो प्रबंधन एवं मालिक को कर्मचारियों के शोषण की खुली छूट देते है। आज के धरना प्रदर्शन कार्यक्रम मे कामरेड जे गुरूवुलु , सुजीत मंडल , रामाधीन, चार्ली वर्गीस, शशिकांत, जसवंत, दौलत राम एवं यूनियन के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे।