सूचनाजी न्यूज, नागपुर। वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) के ठेका कर्मियों के लिए दीपावली से पहले खुशखबरी आई है। कोयला श्रमिक सभा (HMS) की पहल पर वेकोलि प्रबंधन ने साफ किया है कि अगर ठेकेदार अपने श्रमिकों को बोनस (Performance Linked Incentive-PLI) का भुगतान नहीं करते हैं, तो प्रमुख नियोक्ता (Principal Employer) के रूप में वेकोलि स्वयं बोनस भुगतान सुनिश्चित करेगा।
यह निर्णय एक अहम बैठक के बाद लिया गया। बैठक में HMS के केंद्रीय अध्यक्ष-सह-संचालन समिति सदस्य शिवकुमार यादव, महामंत्री शरद धांडे, तथा वेकोलि के चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर जे.पी. द्विवेदी और निदेशक (मानव संसाधन) हेमंत शरद पांडे मौजूद थे।
HMS की स्पष्ट मांग “Principal Employer” की जिम्मेदारी तय हो
बैठक के दौरान शिवकुमार यादव ने Contract Labour (Regulation & Abolition) Act, 1970 का हवाला देते हुए कहा कि ठेका कर्मियों के वेतन और बोनस की अंतिम जिम्मेदारी मुख्य नियोक्ता यानी वेकोलि प्रबंधन की है।
यदि ठेकेदार बोनस या वेतन का भुगतान नहीं करते, तो वेकोलि प्रबंधन को कानूनी और प्रशासनिक रूप से वह भुगतान करना होगा।
प्रबंधन ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए सहमति जताई कि बोनस भुगतान में किसी भी स्तर पर देरी या भेदभाव नहीं होना चाहिए।
मुख्यालय से जारी हुआ पत्र, 17 अक्टूबर तक भुगतान का निर्देश
बैठक के बाद वेकोलि मुख्यालय ने 16 अक्टूबर 2025 को सभी इकाइयों को पत्र जारी किया। पत्र में साफ निर्देश दिए गए हैं कि सभी Eligible ठेका कर्मियों को 17 अक्टूबर तक बोनस (PLI) का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
यदि ठेकेदार भुगतान करने में असमर्थ रहते हैं, तो Principal Employer की हैसियत से वेकोलि को स्वयं यह भुगतान करना होगा।
इसके अनुपालन की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी, जिसे आगे Coal India Limited (CIL), कोलकाता को प्रेषित किया जाएगा।
HMS का बैठकों से बहिष्कार और फिर पहल से बनी सहमति
ध्यान देने योग्य है कि कोयला श्रमिक सभा (HMS) ने कुछ समय पहले वेकोलि की सभी बैठकों और कार्यक्रमों से बहिष्कार कर दिया था। इसी पृष्ठभूमि में यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जिसमें संवाद बहाल हुआ और ठेका मजदूरों के हित में ठोस निर्णय निकला।
त्योहार से पहले राहत की उम्मीद
इस निर्णय से वेकोलि समेत कोल इंडिया की इकाइयों में कार्यरत हजारों ठेका कर्मियों को दीपावली से पहले बड़ी राहत मिलने की संभावना है। अब प्रबंधन की सीधी निगरानी में बोनस भुगतान होने से ठेका मजदूरों में उत्साह देखा जा रहा है।












