- दुर्ग भाजपा कार्यालय पर शाम 7 बजे ताला लगा मिला।
अज़मत अली, भिलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा का चुनाव रोमांचक हो चुका है। हर सीट पर सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है। कोई यह दावा नहीं कर सकता है कि जीत पक्की है। बाबूजी की विरासत संभालने वाले अरुण वोरा भी कितने पानी में हैं, यह मतदाता तय कर देंगे। वहीं, कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी के लिए भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र यादव भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
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दिवाली की खुशियों में शामिल होने के साथ ही वोटों का गणित भी बैठा रहे। पूजा-अनुष्ठान में बतौर प्रत्याशी शामिल होकर मतदाताओं से वोट मांगा। दुर्ग शहर के मतदाताओं का मिजाज क्या है? पार्टी कार्यालय में किस तरह का माहौल है? झंडा-बैनर और फ्लैक्स क्या संदेश दे रहे हैं।
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लोगों के बीच से किस तरह का फीडबैक आ रहा है, यह परखने के लिए सूचनाजी.कॉम की टीम मंगलवार शाम दुर्ग शहर पहुंची। यहां कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी गलियों में प्रचार करते नजर आए। कोई कातुरबोर्ड तो कोई गंजपारा की गलियों में एक-एक वोट का जुगाड़ करने में मशगूल दिखा।
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घड़ी की सुई शाम के 7.05 बजे पर पहुंची थी। बीजेपी कार्यालय के गेट पर ताला लगा मिला। दो-चार लोग भाजपा के जिला कार्यालय के बाहर चुनावी चकल्लस में मशगूल रहे। लाल कुर्सियों पर दो-तीन युवा बैठे गप मार रहे थे।
चुनावी समय में कार्यालय पर ताला…? जवाब मिला, भैया दीपावली का समय है…। बहुत से अवांछनीय तत्व घुस जाते हैं। इसलिए दो-तीन दिन से कार्यालय पर ताला लगा दिया जाता है। शाम को ऐसा ही माहौल रहता है। यहां जानकारी दी गई कि सब लोग गंजपारा चुनाव कार्यालय में हैं।
सूचनाजी.कॉम की टीम भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र यादव के चुनाव कार्यालय पहुंची तो वहां माहौल दिखा। एक बंदा पेट्रोल की पर्ची बनाने में खोया दिखा। बगल में बैठा दूसरा बंदा, बाइक का नंबर लिख रहा था। पता चला कि चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भाजपा प्रत्याशी दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक बाइक रैली निकालेंगे।
करीब 1500 बाइक शामिल होगी। इसके लिए तेल की पर्ची बनाई जा रही है। प्रति बाइक 200 रुपए की पर्ची बनाई गई है। कई लोग ऐसे भी दिखे, जो मौके पर चौका मारने की जुगत में थे।
भाजपा कार्यालय पहुंचने से पहले कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन का हाल भी देखा गया। यहां प्रोजेक्टर के जरिए बूथ एजेंट का ज्ञानवर्धन किया जा रहा था। बूथ पर किस तरह मोर्चा संभालना है, इसकी बारीकी से जानकारी दी जा रही थी। बेचारे कार्यकर्ता मास्टर ट्रेनर की बातों में खोए थे। मौजूद एक कार्यकर्ता ने बताया, हम लोग अपना काम कर रहे हैं, नेता लोगों का पता नहीं…।