- देश के 21 राज्य के एक सौ दो (102) लोकसभा सीट पर हो रहे चुनाव में इस बार अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है।
- लोकतंत्र के महापर्व में मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह। लोकसभा चुनाव आगाज। सात फेज में होने वाले चुनाव का आज पहला चरण।
अंशुल तिवारी, छत्तीसगढ़। पहले मतदान, फिर जलपान का नारा आपने बहुत सुना होगा। अब इस नारे ने नया रूप ले लिया है। पहले कन्यादान, फिर मतदान की गूंज सुनाई दे रही है। देशभर से आ रही तस्वीरों ने इस बात को सही साबित भी कर दिया है।
शादी के जोड़े में दुल्हे और दूल्हन मतदान केंद्रों पर पहुंचे। ससुराल में कदम रखने से पहले बूथ पर वोट डालने वालों का स्वागत किया गया। नई दूल्हन के हाथों में मेहंदी के साथ मतदान की स्याही मजबूत लोकतंत्र की गवाही दे रही है।
शुक्रवार को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का महापर्व मनाया जा रहा है। इस महापर्व में मतदाता ही भगवान होता है, जबकि मतदाताओं की भूमिका 19 अप्रैल को पहले चरण से शुरू हो चुकी है।
देश के 21 राज्य के एक सौ दो (102) लोकसभा सीट पर हो रहे चुनाव में इस बार अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह से लेकर पूर्वोत्तर के राज्य और बस्तर के भीहड़ में लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने काफी उत्साहित नजर आ रहे है।
मुहूर्त को ताक पर रख वर-वधु शादी के जोड़े में वोट डालने पहुंच रहे
कहीं, विवाह के मुहूर्त को ताक पर रख वर-वधु शादी के जोड़े में वोट डालने पहुंच रहे है तो कई व्हीलचेयर पर बुजुर्ग वोट डालने पहुंच रहे है। कई स्थानों पर कामकाजी महिलाएं और पुरुष अपनी ड्यूटी से टाइम निकालकर पहुंच रहे है तो कई जगह की तस्वीरे देखें तो घरेलू महिलाएं दुधमुंहे बच्चे के साथ वोट देने पहुंचीं।
निर्वाचन आयोग की मेहनत
लोग हाथों की अमिट स्याही दिखाते काफी उत्साहित नजर आ रहे है। यह तस्वीरें देख निर्वाचन आयोग की मेहनत और चुनाव के महापर्व में मतदाताओं की महती भूमिका को निभाने की आयोग की योजनाएं, तमाम कवायदों को सार्थक माना जा रहा है।
बुर्का पहने महिलाएं बड़ी संख्या में वोट डालने बाहर निकलीं
उत्तरप्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाकों में बुर्का पहने महिलाएं बड़ी संख्या में वोट डालने बाहर निकलीं। अपनी पारी का इंतजार करते कतारबद्ध खड़ी महिलाओं की तस्वीर भी वायरल हो रही है। वहीं, छत्तीसगढ़ी संस्कृतिक की झलक पेश करते हुए महिलाएं परंपरागत परिधान में वोट डालने पहुंचीं।
लगातार वोट डालने की अपील
इसी तरह अपनी-अपनी ड्यूटी में तैनात पुलिस सेवा से लेकर राज्य सेवा और भारतीय सेवा के अधिकारी भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही नामचीन हस्तियों द्वारा, जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार वोट डालने की अपील का साकारात्मक असर माना जा रहा है।