समय से पहले स्टील मेटल, इंजीनियरिंग फेडरेशन का चुनाव, त्यागी, राजेंद्र सिंह और संजय वढ़ावकर के हाथ सत्ता, हरभजन सिद्धू ने दिया-वोट पर चोट का नारा

  • अध्यक्ष पद पर एस त्यागी, कार्यवाहक अध्यक्ष राजेंद्र सिंह और महासचिव संजय वढ़ावकर के खिलाफ किसी ने नामांकन ही दाखिल नहीं किया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (Steel Metal and Engineering Workers Federation of India) (स्मेफी) एचएमएस (HMS) की कमान दोबारा पुरानी कमेटी के हाथ में आ गई है। राष्ट्रीय सम्मेलन दुर्गापुर (National Conference Durgapur) में हुआ और अध्यक्ष पद पर एस त्यागी, कार्यवाहक अध्यक्ष राजेंद्र सिंह और महासचिव संजय वढ़ावकर के खिलाफ किसी ने नामांकन ही दाखिल नहीं किया। इस तरह इन तीनों श्रमिक नेताओं को दोबारा स्मेफी की कमान मिल गई है। अब इन्हीं के नेतृत्व में एचएमएस दिसंबर में 75वीं वर्षगांठ मनाएगा।

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स्मेफी के महामंत्री संजय बढ़ावकर (Sanjay Badhavkar) ने जानकारी देते हुए कहा कि संगठन का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, लेकिन 4 वर्ष 6 माह में ही संगठन का चुनाव (Election) करवाया जा रहा है, जिसका निर्णय लोनावाला महाराष्ट्र की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया था। चुनाव कार्यक्रम की लिखित जानकारी सभी कार्यकारिणी सदस्यों को दो माह पूर्व दी जा चुकी थी। 10 दिसंबर को चुनाव अधिकारी अश्विनी राणे द्वारा चुनाव संपन्न कराया गया। दिसंबर में 75वीं वर्षगांठ का कार्यक्रम होगा, इसलिए समय से पहले चुनाव कराया गया है।

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लेबर कोड पर सिद्धू जी केंद्र सरकार पर भड़के

भिलाई श्रमिक सभा एचएमएस (HMS) के महासचिव प्रमोद कुमार मिश्रा ने बताया कि मुख्य अतिथि एसएमएस के राष्ट्रीय महामंत्री हरभजन सिंह सिद्धू (National General Secretary Harbhajan Singh Sidhu ) थे। उन्होंने केंद्र सरकार को मजदूरों का विरोधी बताया। जिस प्रकार केंद्र सरकार 44 श्रम कानून को चार श्रम संहिता में बदलकर श्रमिकों को बंधुवा मजदूर बनाना चाहती है, इसका सभी श्रम संगठनों ने विरोध किया है। वर्तमान में 450 से ज्यादा किसान संगठन एवं 10 मजदूर संगठन एक मंच पर आ चुके हैं आगे संघर्ष बड़ा होगा। 4 श्रम संहिता को भी सरकार को वापस लेना होगा। अन्यथा 2024 में सभी मजदूरों को केंद्र सरकार के खिलाफ वोट पर चोट का नारा दिया।

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मुख्य नियोक्ता और श्रमिक के बीच दलाल

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एस त्यागी ने ठेका पद्धति से श्रमिकों को किस प्रकार से नुकसान हो रहा है, उसकी जानकारी देते हुए बताया कि श्रमिकों एवं मुख्य नियोक्ता के बीच कई दलाल ठेकेदारों को प्रश्रय दिया जा रहा है ,जिससे श्रमिकों को न्यूनतम वेतन तक नहीं मिल पा रहा है।

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वीडियो डॉक्युमेंट्री में दिखा एचएमएस का सफर

स्मेफी के महामंत्री संजय बढ़ावकर ने हिंद मजदूर सभा के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में एक वीडियो डॉक्युमेंट्री प्रस्तुत की। डॉक्युमेंट्री (Documentary) में किस प्रकार से सन 1948 से आज तक बिना किसी राजनीतिक दल के समर्थन के कई सार्वजनिक क्षेत्र तथा निजी संस्थानों (Private Institute) में सिंगल लार्जेस्ट यूनियन (Single Largest Union) खड़ी की एवं मजदूरों का विश्वास हासिल कर उनका अधिकार दिलाया।

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महामंत्री ने कुछ नए प्रस्ताव प्रस्तुत किए

1- केंद्र (Center) तथा राज्य (State) के सरकारी प्रतिष्ठानों के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए।
2- सरकारी उद्योगों (Government Industries) का निजीकरण बंद हो।
3- असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के संरक्षण एवं सोशल सिक्योरिटी (Protection and Social Security) के लिए कानून बनाकर प्रभावशाली ढंग से पालन हो।
4-ठेकेदारी मजदूर (नियमन) एवं निर्मूलन कानून 1970 में सुधार कर नियमित कर्मचारी करने का प्रावधान किया जाए तथा सुप्रीम कोर्ट (Supreem Court) के निर्णय अनुसार समान काम समान वेतन दिया जाए।

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5- बेरोजगारों को काम दें अन्यथा बेरोजगारी भत्ता (Unemployment allowance) दिया जाए।
6- महिला श्रम शक्ति को बढ़ावा दिया जाए तथा उन्हें भी पुरुषों के समान वेतन देने का प्रावधान किया जाए।
7- महिलाओं के कार्य स्थल पर सुरक्षित कार्यस्थल का निर्माण किया जाए। इन सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई।

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किसी ने नामांकन ही दाखिल नहीं किया, इसलिए निर्विरोध

चुनाव अधिकारी अश्वनी राणे ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए एक नामांकन एस त्यागी, एक नामांकन कार्यवाहक अध्यक्ष पद हेतु राजेंद्र सिंह तथा महामंत्री पद हेतु एक नामांकन फार्म संजय बढ़ावकर द्वारा दिया गया। अन्य कोई नामांकन नहीं होने के कारण तीनों पदों पर प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गए। राजेंद्र सिंह ने चुनाव अधिकारी के समक्ष प्रस्ताव रखा कि फेडरेशन में सब मिलजुल कर कार्य करते हैं, कोई विवाद नहीं है। अतः अन्य सभी पदों के चयन की जिम्मेदारी अध्यक्ष एवं महामंत्री को दिया जाए। प्रस्ताव का विद्याधर राणे तथा सुकांत रक्षित ने किया।

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सेल (SAIL) भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) से भी उठी आवाज

राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रमोद कुमार मिश्र ने प्रस्ताव पर सुझाव देते हुए कहा कि ठेकेदारी मजदूर (नियमन एवं निर्मूलन) कानून 1970 में रेलवे, खदान, पोर्ट एंड डाक, आयल सेक्टर में केंद्रीय वेतनमान लागू किया गया है। जबकि देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले स्टील एवं सीमेंट सेक्टर को शामिल नहीं किया गया है। इसे भी प्रस्ताव में शामिल किया जाना चाहिए।

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सेल (SAIL) के संबंध में अपने विचार रखते हुए कहा कि सेल (SAIL) में कार्यरत कर्मचारियों का लंबित वेतन समझौता जल्द से जल्द संपादित किया जाए। सेल (SAIL) में कार्यरत डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष किया जाए। सभी प्लांट के टाउनशिप (Township) में रखरखाव पर पर्याप्त बजट की व्यवस्था की जाए। बैठक में भिलाई श्रमिक सभा (Bhilai Shramik Sabha) की ओर से अध्यक्ष हरिराम यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आदित्य माथुर, उप महासचिव देव सिंह चौहान, बीजी कारे उपस्थित थे।

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