Employees Pension Scheme 1995: केरल उच्च न्यायालय, न्यूनतम पेंशन और पेंशनभोगी

Employees Pension Scheme 1995 Comments of Kerala High Court and pensioners regarding minimum pension
कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत नयूनतम पेंशन 7500 रुपए की मांग की जा रही है। पेंशनभोगी लगातार आंदोलन को जारी रखे हुए हैं।
  • 1.9.2014 से 60 महीने के औसत वेतन के आधार पर पेंशन की गणना की जानी चाहिए।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995) को लेकर बड़ी खबर आ रही है। पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई ने केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) का आनुपातिक पेंशन पर आदेश पर जानकारी साझा की है। यह ईपीएस (EPS) के पैरा 11(3) और 11(4) के अनुसार आनुपातिक उच्च पेंशन के बारे में है।

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पेंशनभोगी (Pensioners) ने न्यूनतम पेंशन के बारे में लिखा कि शुरू से ही मेरा मानना था कि पेंशन गणना में कोई आनुपातिक पेंशन नहीं होनी चाहिए, क्योंकि पैरा 11 (3) या पैरा 11 (4) में आनुपातिक पेंशन का कोई उल्लेख नहीं है।

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इसलिए, 1.9.2014 से पहले यानी 31.08.2014 तक सेवानिवृत्त हुए लोगों के संबंध में 12 महीने के औसत वेतन और उसके बाद यानी 1.9.2014 से 60 महीने के औसत वेतन के आधार पर पेंशन की गणना की जानी चाहिए।

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लेकिन गणना का यह तरीका सभी के लिए फायदेमंद नहीं है, बल्कि 1.9.2014 से 60 महीने तक ग्रेडेड स्केल पर सेवानिवृत्त होने वालों के लिए नुकसानदेह होगा। इसलिए 1.9.2014 के बाद सेवानिवृत्त होने वालों के संबंध में आनुपातिक पेंशन गणना अधिक फायदेमंद है।

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पेंशनभोगी ने कहा-मेरी व्यक्तिगत राय में, 31.08.2014 तक ईपीएस (EPS) में शामिल होने वाले सभी लोगों को पैरा 11 (3) (यानी 12 महीने के औसत वेतन के आधार पर) द्वारा शासित होना चाहिए, क्योंकि उनकी नियुक्ति के समय यही नियम प्रचलित है।

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वे सभी लोग जो 1.9.2014 से नियुक्त हुए और ईपीएस (EPS) में शामिल हुए, वे पैरा 11 (4) द्वारा शासित होने चाहिए। लेकिन मेरी सोच का वह तरीका स्पष्ट रूप से पैरा 11 (4) में प्रतिबिंबित नहीं होता है। शायद, अदालत इस तरह से ईपीएस एक कल्याणकारी कानून होने के नाते व्याख्या कर सकती है।

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