- ईपीएस 95 पेंशन को लेकर तमाम आशंकाओं के बीच नई उम्मीद की किरण दिख रही।
- पेंशनभोगियों को मिल रही खबर के आधार पर यह दावा किया जा रहा है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। Employees Pension Scheme 1995: पेंशन योग्य वेतन सीमा को बढ़ाकर 21,000 रुपए करने की मांग लंबे समय से की जा रही है। सरकार पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। अब खबर ये भी आ रही है कि सरकार इस पर कुछ सकारात्मक फैसला ले सकती है। फिलहाल, सरकार की ओर से फैसला लेने या न लेने का इंतजार ही करना होगा।
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पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई का कहना है कि ईपीएस 95 पेंशन में वृद्धि बहुत जरूरी है। ईपीएस (EPS) के बारे में जानकारी आ रही है कि सरकार महंगाई और वेतन वृद्धि को ध्यान में रखते हुए पेंशन योग्य वेतन सीमा को बढ़ाकर 21,000 रुपये करने जा रही है, जिसकी लंबे समय से वकालत हो रही है।
पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई ने कहा-मुझे उम्मीद है कि इससे वृद्ध पेंशनभोगियों को कुछ राहत देने और भविष्य के पेंशनभोगियों को अधिकतम पेंशन में वृद्धि करने के लिए न्यूनतम पेंशन को 3000 रुपये तक बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
मेरा मानना है कि चूंकि सरकार ईपीएस न्यूनतम पेंशन को सब्सिडी देने के लिए बहुत बड़ी राशि आवंटित करने में अनिच्छुक है और ईपीएस कोष घाटे में है। इसलिए उपरोक्त उपाय व्यावहारिक हैं। दूसरा विकल्प कर्मचारियों के योगदान को 8.33% से बढ़ाकर वेतन का कम से कम 10% और सरकारी योगदान को 1.16% से बढ़ाकर 2% करना है।
ईपीएस कोष के अधिशेष में आने के बाद, पूर्ण पेंशन पाने के लिए पेंशन योग्य सेवा को कम करने का निर्णय लिया जा सकता है, अर्थात वेतन का 50% पेंशन के रूप में 33/35 वर्ष से घटाकर 25 वर्ष किया जा सकता है, जिसे सरकारी कर्मचारियों के बराबर माना जा सकता है।
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पेंशनभोगी पराक्कल रामानुजन ने कहा-पुराने पेंशनभोगियों को इस बात की चिंता नहीं है कि 20000 से 30000 तक की वृद्धि की जाए या नहीं। हमारी अपेक्षाएँ केवल न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की हैं। क्योंकि हम बहुत बूढ़े हो चुके हैं और इसके लिए सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
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इसी तरह चौदैया मुस्तूरू ने कहा-यह जानकारी ईपीएफ 95 पेंशनभोगियों द्वारा भाजपा सरकार से दस साल पहले और बाद से सुनी जा रही है। यह सब प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए काल्पनिक आश्वासन हैं। कोई भरोसा नहीं।