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ईपीएस 95 हायर पेंशन और न्यूनतम पेंशन को लेकर कुछ और ही दावा किया जा रहा है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organization-EPFO) से उम्मीदें पेंशनभोगियों को बहुत है। सुप्रीम कोर्ट से आदेश आने के बाद ईपीएस 95 हायर पेंशन की कवायद शुरू हुई, लेकिन अब भी विवाद बना हुआ है। वहीं, न्यूनतम पेंशन पर अड़चन बनी हुई है। लगातार पेंशनर को मायूसी से सामना करना पड़ रहा है।
पेंशनभोगी रामलाल समराई ने दावा किया कि ईपीएफओ सदस्यों की पेंशन में बढ़ोतरी को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों की पेंशन के संबंध में बड़ा फैसला सुनाया है, जिससे पेंशन राशि में बढ़ोतरी होगी।
दावा किया जा रहा है कि इस फैसले से हजारों पेंशनभोगियों को फायदा होगा। फैसले के अनुसार, ईपीएफओ सदस्य जो निर्धारित सीमा के बजाय अपने वास्तविक वेतन पर पेंशन योजना में योगदान करते हैं, वे उच्च पेंशन के पात्र होंगे। कहा जा रहा कि पहले पेंशन की गणना एक निश्चित वेतन सीमा के आधार पर की जाती थी, लेकिन अब यह कर्मचारी के वास्तविक वेतन पर आधारित होगी।
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रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले से हजारों सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वित्तीय राहत मिलेगी। नई पेंशन गणना उन कर्मचारियों पर लागू होगी, जिन्होंने ईपीएफ योजना के तहत अपने वास्तविक वेतन के आधार पर योगदान का विकल्प चुना था।
इस फैसले से करीब 15,000 पेंशनभोगियों को फायदा होने की उम्मीद है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि उन्हें उनके पिछले योगदान के आधार पर उचित राशि मिले। पेंशनभोगियों और कर्मचारी यूनियनों ने इस निर्णय का स्वागत किया है, क्योंकि इससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता मिलेगी। इस दावे में कितनी सच्चाई है, यह तो ईपीएफओ ही स्पष्ट कर सकेगा।
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