
- लाभार्थी दवारा मासिक अंशदान राशि 55 रुपये से लेकर 200 रुपये तक होती है, जो लाभार्थी की प्रवेश आयु पर निर्भर करती है।
- केन्द्र सरकार द्वारा भी समान अंशदान का भुगतान किया जाता है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। सांसद अनुराग शर्मा ने श्रम और रोजगार मंत्री से व्यापारियों और स्वनियोजित व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना पर सवाल पूछा है। सरकार द्वारा विशेष रूप से नामांकित लाभार्थियों की संख्या और राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत एकत्रित की गई कुल धनराशि के संदर्भ में व्यापारियों और स्वनियोजित व्यक्तियों के लिए उक्त योजना के कार्यान्वयन में अब तक की गई प्रगति का ब्यौरा क्या है?
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सरकार द्वारा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में व्यापारियों और स्वनियोजन से जुड़े व्यक्तियों के बीच जागरूकता और उनका नामांकन बढ़ाने के लिए किए गए उपायों का ब्यौरा क्या है? इसी तरह सरकार द्वारा उक्त योजना के तहत लाभार्थियों के सामने आने वाली किसी भी चुनौती या शिकायत के समाधान के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
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श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने जवाब दिया कि राष्ट्रीय पेंशन योजना सितंबर, 2019 में व्यापारियों और स्व-नियोजित व्यक्तियों के लिए शुरू की गई थी। यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जिसके तहत व्यापारियों, दुकानदारों और स्वरोजगार वाले व्यक्तियों को 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 3000 रुपये की मासिक सुनिश्चित पेंशन प्रदान की जाती है।
18-40 वर्ष की आयु के व्यापारी, दुकानदार और स्व-नियोजित व्यक्ति, जिनका वार्षिक कारोबार 1.5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है तथा जो ईपीएफओ/ईएसआईसी/एनपीएस (सरकार द्वारा वित्तपोषित)/पीएम-एसवाईएम के सदस्य या आयकरदाता नहीं हैं, वे इस योजना में शामिल होने के पात्र हैं।
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लाभार्थी दवारा मासिक अंशदान राशि 55 रुपये से लेकर 200 रुपये तक होती है, जो लाभार्थी की प्रवेश आयु पर निर्भर करती है तथा केन्द्र सरकार द्वारा भी समान अंशदान का भुगतान किया जाता है। इस योजना में नामांकन सामान्य सेवा केंद्र के माध्यम से किया जाता है जिसका देशभर में लगभग 4 लाख केंद्रों का नेटवर्क है।
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इसके अलावा, पात्र लोग www.maandhan.in पोर्टल पर जाकर स्वयं नामांकन भी कर सकते हैं। दिनांक 31.12.2024 तक इस योजना के अंतर्गत नामांकित लाभार्थियों की संख्या 58,453 है। दिनांक 31.12.2024 तक इस योजना की कुल राशि लगभग 79 करोड़ रुपये है।
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ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में व्यापारियों और स्व-नियोजित व्यक्तियों के बीच जागरुकता और नामांकन बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों में निम्नलिखित शामिल हैं:
(i) राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के साथ समय-समय पर समीक्षा बैठक आयोजित करना।
(ii) राज्यों के सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) के प्रमुखों के साथ नियमित बैठक करना।
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(iii) स्वैच्छिक निकासी, पुनरुद्धार (रिवाइवल) मॉड्यूल, दावा स्थिति और खाता विवरण जैसी नई विशेषताओं की शुरुआत।
(iv) इस योजना के अंतर्गत नामांकन के संबंध में राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य सचिवों के साथ पत्राचार।
(v) पेंशन योजना की पहुंच बढ़ाने के लिए वित्तीय सेवा विभाग, पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण, राष्ट्रीय लोक वित्त और नीति संस्थान के साथ बात-चीत।
इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों या शिकायतों के समाधान के लिए उठाए गए कदमों में निष्क्रिय खातों को पुनर्जीवित करने की अवधि को 1 वर्ष से बढ़ाकर 3 वर्ष करना, शिकायतों की नियमित समीक्षा करना शामिल है।