रविवार को बीएसपी में आयोजित कार्यशाला में ईपीएफओ के अधिकारियों ने स्लाइड के माध्यम से जानकारी दिया।
अज़मत अली, भिलाई। ईपीएस 95 को लेकर कर्मचारियों के बीच भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए ईपीएफओ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के अधिकारी भिलाई स्टील प्लांट पहुंचे। कर्मचारियों के बीच सबसे बड़ी भ्रम की स्थिति यह थी कि हमें पेंशन के लिए कितनी राशि जमा करनी है और उसके एवज में कितनी पेंशन मिलेगी।
इसी संबंध में रविवार को आयोजित कार्यशाला में ईपीएफओ के अधिकारियों ने स्लाइड के माध्यम से जानकारी दिया। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जो ब्याज का प्रतिशत ईपीएफओ द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जाता रहा है। वही ब्याज साधारण ब्याज के रूप में कर्मचारियों को देना है। ब्याज की राशि उस समय के वास्तविक वेतन (बेसिक+डीए) पर 8.33 प्रतिशत लिया जाएगा। 1.16% की राशि जो पूर्व में केंद्र सरकार द्वारा दी गई थी, अब अंतर की राशि एवं उसका ब्याज कर्मचारी को देना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे कर्मचारियों और अधिकारियों को एक से चार लाख तक का नुकसान हो सकता है। जो उच्च वेतन पर पेंशन लेंगे,उनको 1.16% 2014 से देना होगा, जो नहीं लेंगे उनको नहीं देना है।
मिलने वाले पेंशन की गणना के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें 2014 के 1 वर्ष पूर्व के वेतन को पेंशनेबल सैलरी मानते हुए फार्मूले से भाग-A की पेंशन की गणना होगी। इसी प्रकार 20 वर्ष की नौकरी पूर्ण होने पर 1995 से 2014 के बीच या 2014 के पश्चात नौकरी के जिस भाग में सेवा वर्ष ज्यादा होंगे।
इस भाग के 2 वर्ष की अतिरिक्त पेंशन की गणना होगी, जिसे पेंशन का भाग B माना है। 2014 से 58 वर्ष पूर्ण होने पर अंत के 60 माह के औसत को पेंशनेबल सैलरी माना है। गणना में 2014 से सेवा वर्ष को हर कर्मचारी की पृथक से गणना होगी, जिसे पेंशन का भाग C माना है।
पेंशन का अंतिम भाग फैमिली पेंशन स्कीम एनपीएस जो 1995 के पूर्व में लागू था, उसके मध्य में एक उदाहरण में 519 रुपए को गणना में लिया है। इसे पेंशन का भाग D माना है। इसी प्रकार A+B+C+D को कर्मचारी को मिलने वाली कुल पेंशन की राशि बताया गया है।
एचएमएस यूनियन के महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र द्वारा ईपीएफओ के अधिकारियों एवं बीएसपी प्रबंधन से मांग की गई है कि जो गणना का तरीका बताया गया है, उसे बीएसपी इंट्रानेट पर दिखाया जाना चाहिए, ताकि सभी कर्मचारी अपने पेंशन की गणना कर सकें।