बीएसपी रिटायर्ड एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने पेंशनर्स के दर्द को किया सार्वजनिक।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी रिटायर्ड एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन (BSP Retired Employees Welfare Association) के उपाध्यक्ष एम एस शांत कुमार ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक को प्राप्त संवैधानिक अधिकार के तहत लोकसभा चुनाव में मतदान कर अपनी हितों की रक्षा के लिए अपने वर्गीय दुश्मन व उनकी नीतियों को परास्त करेंगे। जिले के वरिष्ठ नागरिक पेंशनर्स पेंशन विरोधी ताकतों व नीतियों को शिकस्त देकर ही अपने हितों की रक्षा कर सकते हैं।
मतदान करने के पूर्व वरिष्ठ नागरिकों ने अपने वर्तमान हालात की समीक्षा की। यह निर्णय लिया कि लंबे संघर्ष के बाद भी मौजूद केंद्र सरकार पेंशन को लेकर अड़ी हुई है। इसीलिए उन्हें सबक सिखाते हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं करेंगे। एवं यह संदेश हर वरिष्ठ नागरिक जन तक पहुंचाएंगे।
जो पेंशनर की बात करेगा वही देश में राज करेगा
पेंशनर्स का कहना है कि देश में 15 करोड़ से अधिक वरिष्ठ नागरिकों की संख्या हैं। दुर्भाग्य है कि इनके सम्मानजनक जिंदगी जीने के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं है। क्या वरिष्ठ नागरिक पेंशनर्स जो इतने कम पेंशन पर अपमानजनक तरीके से अपना गुजारा करने मजबूर नहीं हैं? क्या सम्मान जनक जीने लायक न्यूनतम पेंशन का भी अधिकार नहीं है?
महंगी स्वास्थ्य सेवाएं, महंगी दवाइयां, उस पर गंभीर बीमारियों के दवाओं पर भी 20% से अधिक जीएसटी, रेल सफर में मिलने वाली रियायतों पर रोक, बचतों पर लगातार ब्याज दरों में कटौती और बढ़ती महंगाई, बेसहारा वरिष्ठ नागरिकों बुजुर्गों के लिए वृद्ध आश्रम का अभाव, चिकित्सा सुविधाओं की कमी किसी से छुपी नहीं है।
इन परिस्थितियों में जी रहे वरिष्ठ नागरिक अपने इस तंगहाल करने वाली शासक वर्ग व उनकी नीतियों को मतदान करने के पूर्व याद करेंगें एवं चुनाव के समय वोट देकर इस नारे को बुलंद करेंगे की जो पेंशनर की बात करेगा वही देश में राज करेगा।
पेंशनर्स स्किल धारी है भिखारी नहीं
पेंशनधारियों ने उनके पेंशन के साथ खिलवाड़ कर रहे केंद्र सरकार एवं उनके सभी एजेंसियों को एक शुर में कहा है कि हम पेंशनधारी किसी न किसी कुशलता से लेस हैं। अर्थात हम पेंशनर स्किल धारी हैं अपने जीवन के बहुमूल्य समय को देश के प्रगति और विकास में लगाए हैं। अब सेवानिवृत्त होने के बाद हमें पेंशन देते समय भिखारी समझ जा रहा है। देश का शासक याद रखें कि हम स्किल धारी हैं भिखारी नहीं।