ईपीएफओ ने गेंद को दिल्ली के पाले में डाल दिया है। इधर-सेल (SAIL) प्रबंधन भी मौन साधे हुए है।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation) पर गंभीर आरोप लगाया गया है। ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) को लेकर ईपीएफओ (EPFO) फंसता दिख रहा है।
उच्च पेंशन की अदायगी से पहले ही सेल के सभी यूनिट के सीपीएफ ट्रस्ट (SAIL CPF Trust) से विवाद हो गया है। इस पर ईपीएफओ ने गेंद को दिल्ली के पाले में डाल दिया है। इधर-सेल (SAIL) प्रबंधन भी मौन साधे हुए है।
सभी पीएफ ट्रस्ट (PF) के अंशदान को लेकर सवाल उठाया गया है।
ये खबर भी पढ़ें : EPS 95 हायर पेंशन: अदालत को भरमाने में जुटा EPFO, Pro-Rata Basis पर पेंशनभोगियों से बेईमानी…!
ईपीएफओ का कहना है कि Steel Authority of India Limited-सेल के सभी पीएफ ट्रस्ट ने अधिक बेसिक-डीए पर कंट्रीब्यूशन लिया और कंपनी कंट्रीब्यूशन दिया, जिसकी अनुमति उससे नहीं ली गई है। जबकि ईपीएस 95 के तहत ईपीएफओ के तरफ से वेज सीलिंग 15 हजार के अनुसार सभी पीएफ ट्रस्ट ने ईपीएस 95 के तहत 15 हजार का 8.33 प्रतिशत ईपीएफओ को अंशदान भेजता रहा। साथ ही सभी प्रशासनिक शुल्क का भी भुगतान पीएफ ट्रस्ट की तरफ से किया जाता रहा। साथ ही प्रत्येक वर्ष ऑडिट भी होता रहा।
ये खबर भी पढ़ें : EPS-95 पेंशनभोगी और परिजन बहुत दुखी, गुस्सा आया बाहर
यही वजह है कि उच्च पेंशन के लिए डिमांड लेटर जारी होने के बाद जमा पैसे को भी ईपीएफओ लौटा चुका है।
लगातार चेक वापस किया जा रहा है। लाखों रुपए कार्मिकों के खाते में वापस भेजे जा रहे हैं। पेंशन की प्रक्रिया थम सी गई है। अब लोकसभा चुनाव के बाद ही स्थिति और साफ हो पाएगी।
EPS 95 Higher Pension कंट्रीब्यूशन विवाद क्या है
–स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने Suchnaji.com को बताया कि ईपीएफओ मनमानी कर रहा है।
–ईपीएफओ का अब कहना है कि 15 हजार से अधिक बेसिक-डीए पर कंट्रीब्यूशन लेते हैं तो अनुमति लेनी थी। 8.33 प्रतिशत पेंशन में अंशदान जाना था।
–इम्प्लाइ और इम्प्लायर का 12 प्रतिशत अंशदान होता है। लेकिन ईपीएफओ ने वेजेज का सीलिंग 15 हजार रुपए रखा है। इससे अधिक कोई देना चाहता है तो स्वतंत्र है।
-पेंशन के लिए सीलिंग 15 हजार ही थी। इस पर 8.33 प्रतिशत यानी 1250 रुपए ईपीएफओ को दिया गया।
-अब ईपीएफओ का कहना है कि ईपीएफओ से अनुमति लिए बगैर ही 15 हजार की सीलिंग से ज्यादा पीएफ पर अंशदान लिया है। जबकि सेल के सभी सीपीएफ ट्रस्ट का ऑडिट होता। कभी भी ईपीएफओ ने सवाल नहीं उठाया।
ये खबर भी पढ़ें : ईपीएस 95 उच्च पेंशन योजना का विकल्प चुनने वालों के साथ EPFO कर रहा Denail Of Justice…!
ईपीएफओ ने हर साल ऑडिट किया, फिर क्यों मौन था?
सेल के अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ईपीएफओ हरकत में आया था। अब अड़ंगा लगा रहा है। ईपीएफओ का कहना है कि हायर वेजेज पर पीएफ की कटौती गई है। 15 हजार की सीलिंग बना रखा था। 12 प्रतिशत कंट्रीब्यूशन टोटल वेजेज पर काटते हैं तो ईपीएफओ से अनुमति लेना था। ईपीएफओ के नॉलेज में लाना था।
ये खबर भी पढ़ें : पेंशनभोगी 80 वर्ष की आयु तक जीवित है तो पेंशन के रूप में मिलेंगे 83 लाख’
ईपीएफओ ने एक बार भी मेमो नहीं दिया
सवाल ये उठ रहा है कि ईपीएफओ ने ऑडिट किया है। उस वक्त क्यों नहीं सवाल उठाया? हर साल ऑडिट करते रहे। आर्गनाइजेशन ने अगर अनुमति नहीं लिया तो बोले क्यों नहीं? कंपनी चार्ज देता रहा।
आज तक ईपीएफओ ने एक बार भी मेमो नहीं दिया। इसका मतलब यह है कि सेल सीपीएफ ट्रस्ट सही कर रहा था। आज हायर पेंशन देने की बात आई है तो सवाल उठा दिया गया।