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EPS 95 Higher Pension: 10 हजार न्यूनतम पेंशन, गलत कैलकुलेशन पर लोकसभा में दहाड़े सांसद, EPFO-मोदी सरकार पर दबाव

EPS 95 Higher Pension: 10 हजार न्यूनतम पेंशन, गलत कैलकुलेशन पर लोकसभा में दहाड़े सांसद, EPFO-मोदी सरकार पर दबाव
  • सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी ईपीएफओ (EPFO) मनमानी कर रहा है।

  • सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट के 4 जनवरी 2022 का जिक्र किया।

  • बढ़ी हुई पेंशन का हक न मिलने, समय पर पेंशन न मिलने और प्रो-रेटा कैलकुशन पर सरकार पर कई सवाल।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employees Pension Scheme 1995) के तहत उच्च पेंशन पर एक बार फिर आवाज उठ गई है। ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) को लेकर लोकसभा (Lok Sabha) में केरल से रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने केंद्र सरकार को घेर लिया है।

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श्रम मंत्रालय (Ministry of Labor), कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर सीधा सवाल दागते हुए पूछा कि आखिर कर्मचारियों को उच्च पेंशन और न्यूनतम पेंशन का लाभ क्यों नहीं मिल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी ईपीएफओ (EPFO) मनमानी कर रहा है। सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट के 4 जनवरी 2022 का जिक्र करते हुए कहा कि तीन बातों पर जोर दिया। बढ़ी हुई पेंशन का हक न मिलने, समय पर पेंशन न मिलने और प्रो-रेटा कैलकुशन को लेकर सरकार पर कई सवाल दागे।

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सांसद ने कहा-अभी तक कर्मचारियों को पीएफ फंड से हर माह कटौती होती रही है, लेकिन, पेंशन स्कीम के तहत सुविधा नहीं मिल रही है। हर बाद पेंशन बढ़ाने की मांग उठती है। श्रम मंत्रालय ने भी पेंशन बढ़ाने की बात कही है। इसको बढ़ाने की जरूरत है। सिफारिशें जा चुकी है। मंत्रालय ने ओके किया है। बावजूद बिल पास नहीं हो रहा है, ताकि पेंशनभोगियों को बढ़ी पेंशन का लाभ मिल सके।

मौजूदा समय में किसी को 3 हजार, किसी को 4 हजार तो किसी को 2 हजार तक पेंशन मिल रही है,जबकि करीब 10 हजार रुपए पेंशन मिलनी चाहिए। 8 हजार रुपए तक न्यूनतम पेंशन तो देना चाहिए। यह मांग सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी सही ठहरा रही है।

पेंशनभोगियों को समय पर नहीं मिल रही पेंशन

सांसद एनके रामचंद्रन ने कहा-पेंशनर्स को समय पर राशि नहीं मिल रही है, जो मिल रही है वह समय पर नहीं मिल रही है। पेंशन भुगतान में लेट क्यों हो रहा है। पेंशनभोगियों का कानूनी अधिकार है। बावजूद, पेंशन समय पर नहीं दी जा रही है।

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समय पर पेंशन न मिलने से कई बार रिमाइंडर देना पड़ रहा है। एरियर के साथ पैसा मिलता है। लेकिन, उसका ब्याज तो नहीं मिलता है। अगर, समय पर पेंशन नहीं मिलेगा तो घर कैसे चलेगा।

पेंशन गणना सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ

सांसद ने प्रो-रेटा कैलकुलेशन मैथर्ड पर भी सवाल उठाया। सुप्रीम कोर्ट के 4 नवंबर 2022 के फैसले में है कि पेंशनर्स का पेंशन कैलकुलेशन स्कीम एक्चुअल वेजेज पर होगा। जैसा हाई वेजेज होगा, वैसा ही हाई पेंशन होगा। लेकिन वह अब तक लागू नहीं हुआ है।

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एक्चुअल पेंशन से भी कम राशि बन रही है। 35 प्रतिशत तक का नुकसान हो रहा है। प्रो रेटा कैलकुलेशन सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं मान रहा है। इस पर भी आपत्ति है। क्या सही प्रतिशत पर पेंशन मिल पाएगी? क्या कोई बैठक होगी?

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देने की बारी आई तो भेदभाव

कुछ समय पहले भी यह बात आई थी कि हाई वेजेज पर जो गणना करते हैं, क्या पेंशन भी उतना ही रहेगा, जो मिल रहा है। पेंशन कम से कम 10 हजार या 8 हजार करना चाहिए। 4 जनवरी 2022 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल किया जाना चाहिए।

जितना अंशदान वर्तमान वेजेज पर कटता है, तो फिर क्यों गणना कम करते हें। जब लेने के बात आई तो अधिक लेते हैं, जब देने की बात आती है तो कम देते हैं, ये भेदभाव क्यों?

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