EPS 95 Higher Pension: आत्मसम्मान के साथ जीने का हक चाहते हैं वरिष्ठ नागरिक, मतदान पर बड़ा फैसला, BJP की बढ़ी धड़कन

  • भिलाई के पेंशनर्स ने कहा-यदि मौजूदा केंद्र सरकार को हराएंगे, तभी हायर पेंशन पाएंगे।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) को लेकर पेंशनभोगियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। भिलाई में पेंशनर्स की बैठक हुई। सदस्यों ने कहा-2022 के अंत में सुप्रीम कोर्ट ने हायर पेंशन देने को लेकर फैसला सुनाते हुए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया था,जिससे लाखों लाखों सेवानिवृत्त कर्मियों में पेंशन में बढ़ोतरी की एक आशा जगी।

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इसके बाद डेढ़ साल तक ईपीएफओ (EPFO) द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) सहित विभिन्न कंपनियों के सेवानिवृत्ति एवं स्थाई कर्मियों को हायर पेंशन के लिए डाटा मांगा जाता रहा एवं बीएसपी सहित अन्य कंपनियों द्वारा ईपीएफओ को डाटा दिया जाता रहा। किंतु डेढ़ साल बाद 2024 में लोकसभा चुनाव के पहले हायर पेंशन की पूरी प्रक्रिया पर लगभग रोक जैसी स्थिति निर्मित कर दी गई।

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इसके कारण मौजूदा पेंशनधारी एवं संयंत्र के अन्य कर्मचारी टेंशन में है कि आने वाले दिनों में पेंशन का क्या होगा ? सेवानिवृत्ति कर्मी तो अब यहां तक चर्चा करने लगे हैं कि यदि मौजूदा केंद्र सरकार फिर से सत्ता में आती है तो हायर पेंशन न देने के संदर्भ में कोई कोई नया कानून ले आएगी।

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मौजूदा केंद्र सरकार ने ही बंद किया पेंशन स्कीम

भिलाई स्टील प्लांट से रिटायर पेंशनभोगी एमएस शांत कुमार ने कहा-मौजूदा केंद्र सरकार एवं उनके नुमाइंदे शुरू से ही पेंशन स्कीम के विरोधी रहे हैं। उनका मानना है कि “जो कर्मी नौकरी किए हैं उसके एवज में उन्हें वेतन दिया जाता रहा है।”

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इसीलिए सेवानिवृत होने के बाद पेंशन देने की आवश्यकता नहीं है, ऐसे ही तर्कों के बीच ओल्ड पेंशन स्कीम को बंद कर दिया गया, सेना में तो अग्नि वीर योजना लाकर 4 साल के लिए सेना में भर्ती करके उन्हें भी पेंशन से वंचित कर दिया गया। इस बार मौजूदा केंद्र सरकार पुन: सत्ता में आती हैं तो बचे कुछ सारे पेंशन योजनाएं खत्म हो सकते हैं।

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सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी डेढ़ साल तक नहीं शुरू हुआ हायर पेंशन

यहां गौर करने योग्य बात है कि हायर पेंशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किए गए सबूत एवं सभी तर्कों पर गौर करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्णय के डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी हायर पेंशन शुरू नहीं हो सका है, जबकि इस सम्बंध में संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के सांसदों ने न्यूनतम पेंशन की राशि को बढ़ाने व हायर पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय व निर्देश को शीघ्र लागू करने में देरी पर विरोध व्यक्त करते रहे हैं।
हायर पेंशन में देरी कई प्रश्नों को जन्म देता है क्या कारण हैं ईपीएफओ व केंद्र सरकार क्रियान्वयन करने में इच्छुक नहीं दिख रही हैं?

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सेवानिवृत कर्मियों की फौज सिखाएगी मौजूदा केंद्र सरकार को सबक

बीएसपी रिटायर्ड एम्पलाइज कर्मियों की बैठक में चर्चा के बाद सर्वसम्मति से तय किया गया कि पेंशन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा दिए गए टेंशन को ध्यान में रखते हुए इस बार सेवानिवृत्ति कर्मियों की फौज लोकसभा चुनाव में मौजूदा केंद्र सरकार को सबक सिखाएंगे।

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इसके तहत वह अपने पहुंच तक हर व्यक्ति के पास जाकर इस बात को बता रहे हैं कि किस तरह पेंशन को लेकर केंद्र सरकार एवं उनके विभागों द्वारा तंग किया जा रहा है। इससे साफ हो गया है कि केंद्र सरकार हायर पेंशन देने की मूड में नहीं है इसीलिए इसका परिणाम लोकसभा चुनाव में दिखेगा।

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