- चुनाव आर्थिक मुद्दों पर नहीं लड़े जाते हैं।
- जब सांप्रदायिक भावनाएं भड़काई जाती हैं।
- शिक्षित मध्यम वर्ग भी इसका शिकार हो जाता है।
- पेंशन 1000 से बढ़ाकर 7500 रुपए करने का आंदोलन।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) 7500 रुपए पेंशनर्स को चाहिए। इसके लिए केंद्रीय भविष्य निधि, केंद्र सरकार के मंत्रियों, पीएम मोदी से लेकर विपक्ष तक पैरवी कर दी गई, लेकिन रिजल्ट नहीं निकल रहा है। अब हरियाणा और जम्मू कश्मीर में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया जा रहा है। इस पर पेंशनभोगी गौतम चक्रवर्ती ने सटिक सवाल दाग दिया है।
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इनका कहना है कि हालांकि यह समय से पहले हो सकता है। सभी मुख्यधारा के मीडिया चैनलों पर एग्जिट पोल कांग्रेस और सहयोगियों की जीत और भाजपा के दूसरे नंबर पर रहने की भविष्यवाणी कर रहे हैं। अब, लाख टके का सवाल यह है कि क्या India गठबंधन हमारी मांगों को स्वीकार करेगा? इस गठबंधन के भ्रष्टाचार के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, मैं बिल्कुल भी आशावादी नहीं हूं।
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करनैलपाल सिंह ने कमेंट करते हुए लिखा-ईपीएस 95 योजना तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई गई थी। हम उसी व्यवस्था से न्याय की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? बदले हुए परिदृश्य में, हम न्यूनतम 3 से 5 हजार रुपये मासिक पेंशन की उम्मीद कर सकते हैं और बकाया राशि के बारे में भूल सकते हैं।
पेंशनभोगी दुरैयारासन सिल्वनस कहते हैं कि चुनाव आर्थिक मुद्दों पर नहीं लड़े जाते हैं। जब सांप्रदायिक भावनाएं भड़काई जाती हैं, तो शिक्षित मध्यम वर्ग भी इसका शिकार हो जाता है। आर्थिक मुद्दे पीछे छूट जाते हैं। हमारा लोकतंत्र परिपक्व नहीं है।
करनैलपाल सिंह ने पलटकर जवाब दिया कि गौतम चक्रवर्ती जी धन्यवाद। इसका एकमात्र समाधान यह है कि इस कॉर्पोरेट व्यवस्था को खत्म किया जाना चाहिए। हमें एकजुट होकर इस अन्याय के खिलाफ लड़ना चाहिए। हमें उनकी रैलियों में काले जत्थों के साथ जाना चाहिए।