EPS 95 पेंशन: NRL के जरिए EPFO को पैसा भेजने पर EFBS स्कीम पर गहराया डर

सेल प्रबंधन ने सीपीएफ से पैसा निकालने के लिए चुना है एनआरएल का रास्ता।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। ईपीएस 95 को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। सेल कर्मचारियों से जुड़ी यह खबर सीधेतौर पर पॉकेट पर असर डालने वाली है।

हायर पेंशन के लिए सीपीएफ का पैसा निकालकर जब ईपीएफओ के पास भेजा जाएगा, तब सीपीएफ खाते में पैसा कम हो जाएगा। इस दौरान अगर कर्मचारी के परमानेंट मेडिकल अनफिट या मृत होने पर उनके परिवार को मिलने वाले ईएफबीएस स्कीम पर इसका कोई विपरित असर पड़ सकता है क्या? इस बात को लेकर कर्मचारियों के बीच काफी तनाव की स्थिति बनी हुई है।

क्या है पूरा मामला, पढ़िए खबर

-सेल के किसी भी प्लांट में कार्यरत कार्मिक मृत अथवा मेडिकल अनफिट हो जाते हैं तो उन्हें ईएफबीएस स्कीम के तहत डीए बेसिक लेने का अधिकार होता है।
-इस स्कीम का लाभ लेने के लिए कार्मिक के परिजन को संयंत्र से प्राप्त होने वाली उस कार्मिक की सीपीएफ व ग्रेच्युटी का पूरा पैसा वापस संयंत्र के पास जमा करना होता है।
-अगर कोई कार्मिक सीपीएफ में से स्वयं के लिए नॉन रिफंडेबल लोन-एनआरएल निकाल लेता है तो उसे स्कीम के तहत 100 प्रतिशत डीए बेसिक प्राप्त करने के लिए निकाले गए एनआरएल को ब्याज के साथ जमा करना होता है।
-प्रबंधन हायर पेंशन ईपीएस 95 के लिए सीपीएफ खाते से पैसे को एनआरएल के जरिए निकालकर ईपीएफओ को भेज रहा है।
-ऐसी स्थिति में कार्मिकों के बीच यह भ्रम की स्थिति पैदा होना स्वभाविक है कि उच्च पेंशन के लिए सीपीएफ खाते से एनआरएल के माध्यम से पैसा निकालकर ईपीएफओ के खाते में भेजा जा रहा है। अगर, किसी को भविष्य ईएफबीएस स्कीम का लाभ लेना होगा तो उस कर्मी के परिजन को उच्च पेंशन के लिए दिए गए एनआरएल एमाउंट को भी जमा करना होगा क्या?

नहीं पड़ना चाहिए प्रतिकूल असर-डीवीएस रेड्‌डी

-इस पूरे घटनाक्रम पर सीटू भिलाई के उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्‌डी का कहना है कि जब से ईपीएस 95 की स्क्रीम शुरू हुई है, तभी से जो भी राशि पेंशन के लिए ईपीएफओ के पास जमा हुई है, उस राशि का ईएफबीएस स्कीम पर विपरित असर नहीं पड़ा है।
-अर्थात जब से ईपीएस 95 की स्कीम शुरू हुई, तब से अब तक सीपीएफ के खाते से ईपीएफओ खाते में 5400, 6500 रुपए एवं वर्तमान में 15 हजार रुपए प्रति वर्ष जा रहा है।
-इस दौरान किसी कर्मचारी या अधिकारी के परिवार को ईएफबीएस स्कीम का लाभ लेने की स्थिति में उक्त कार्मिक के परिवार से सीपीएफ खाते से ईपीएफओ खाते में जमा हुई राशि को ब्याज सहित वापस जमा कराने का कोई प्रावधान नहीं है।
-इसका मतलब यह है कि इस राशि का सीपीएफ खाते से कटकर ईपीएफओ खाते में जाने पर उनके ईएफबीएस के लाभ पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ता है।
-इसीलिए उच्च पेंशन के लिए सीपीएफ खाते से एनआरएल के फॉर्म के जरिए ईपीएफओ को भेजी जा रही राशि का कोई प्रतिकूल असर उनके 100 प्रतिशत ईएफबीएस लाभ लेने पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि सीपीएफ के खाते से ईपीएफओ के खाते में भेजी जा रही राशि कार्मिक के निजी कारणों से नहीं, बल्कि सरकारी योजना के तहत है।
-ज्ञात हो कि एनआरएल के माध्यम से सीपीएफ खाते से राशि निकालकर ईपीएफओ भेजने का रास्ता प्रबंधन ने चुना है।
-किंतु कोई कार्मिक अपने निजी कारणों से एनआरएल निकालता है तो उनके परिवार को शत-प्रतिशत ईएफबीएस का लाभ लेने के लिए यह राशि ब्याज सहित जमा करनी होगी।