- इस्पात भवन में एनजेसीएस सदस्य और जीएम के सामने सच्चाई की जांच की गई।
अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) की नई व्यवस्था को भिलाई स्टील प्लांट में चौपट कर दिया गया है। कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए चेहरा पहचान बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (Face Recognation Biometric Attendance System) पटरी से उतर चुका है। ड्यूटी पहुंचे बगैर ही कर्मचारियों की हाजिरी मोबाइल पर भेजी गई फोटो से लग रही है। इसका सबूत सूचनाजी.कॉम के हाथ लगा है।
भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel plant) में 1 जुलाई से बायोमेट्रिक अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम (Biometric Attendance Management System) लागू है। लेकिन, चेहरे से पहचान कराने वाली मशीन को ही गुमराह कर दिया गया है। मोबाइल पर कार्मिक की फोटो लेने के बाद उसको आसानी से रीड कराया जा रहा है। सूचनाजी.कॉम की टीम के सामने ऐसा करके दिखाया गया। सबूत के तौर पर फोटो भी है।
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सूचनाजी.कॉम ने शनिवार को सबसे सबसे पहले बायोमेट्रिक अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम (Biometric Attendance Management System) पर सवाल उठाया था। इसके बाद पूरे सेल में हड़कंप मचा। लगातार इस बात को खारिज करने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही थी।
सोमवार सुबह भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel plant) के कई विभागों में इसकी सच्चाई जांच के लिए फोटो के माध्यम से अटेंडेंस लगाने की कोशिश की गई। सफलतापूर्व अटेंडेंस लगी और थैंक्यू का जवाब भी मशीन ने दे दिया…।
Suchnaji.com ने भी साक्ष्य को अपने सामने देखा
सूचनाजी.कॉम ने भी इस दावे की सच्चाई जानने के लिए पूरी कोशिश की। सीआइएसएफ मुख्यालय के सामने बीएसपी के जोन-1 कार्यालय के गेट पर लगी मशीन पर पड़ताल की गई।
बीएसपी के दो अधिकारियों की मौजूदगी में जांच करने के लिए एक श्रमिक नेता के मोबाइल पर फोटो लेकर उससे हाजिरी लगाई गई। सुबह 11.56 बजे अटेंडेंस लगी और थैंक्यू का मैसेज आया।
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जीएम और एनजेसीएस सदस्य भी बने गवाह
इसी तरह इस्पात भवन में भी इसकी जांच की गई। इंटक के महासचिव व एनजेसीएस सदस्य वंश बहादुर सिंह, बिजनेस एक्सीलेंस डिपार्टमेंट के जीएम इंचार्ज मनोज कुमार दुबे के सामने एक एजीएम का अटेंडेंस मोबाइल की फोटो से लगा दिया गया।
जीएम साहब पहले इन्कार करते रहे, जब उनके सामने अटेंडेंस लगने का मैसेज आया तो वह अवाक रह गए। इस्पात भवन के चौथे फ्लोर की मशीन में ही ट्राई हुआ था। इंकॉस के अधिकारियों के भी होश उड़े हुए हैं।