- ऐसे सिस्टम को लगाने की ऊपर में जांच होनी चाहिए। यदि जांच हुई तो कई अधिकारी इसके लपेटे में भी आ सकते हैं।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 1 जुलाई 2024 को भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन (Bhilai Steel Plant Management) जिन तर्कों के साथ बायोमैट्रिक अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम (Biometric Attendance Management System) को लाया था, उसका 1 साल पूरा हो यगा। लोग इसे बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम की पहले बरसी के रूप मना रहे हैं। एक-दूसरे को मैसेज भेज रहे हैं और कह रहे हैं कि 1 साल बीत जाने के बाद भी इस सिस्टम को दुरुस्त नहीं किया जा सका। कहे तो ज्यादा बेहतर होगा कि प्रबंधन अपने द्वारा थोपे गए इस सिस्टम को अपने रहमों करम पर छोड़ दिया है और कर्मी मजबूरी से ही सही, कोसते हुए इस सिस्टम को अपना लिए हैं।
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आज भी काम नहीं कर रहा है यह सिस्टम
बीएसपी के कर्मचारी बताते हैं कि 1 जून से 30 जून तक ड्यूटी करने के बाद 1 जुलाई को अपनी हाजिरी देखने के लिए जब इस सिस्टम को खोलने की कोशिश की गई तो माथा पकड़कर लोग बैठ गए। चकरी घूमना दूर बार-बार यही लिख कर आ रहा था कि इस सिस्टम के साथ कनेक्ट नहीं हो पा रहा है।
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यूनियनों और कर्मियों ने कई बार अपनी शिकायत दर्ज कराई, बल्कि हर दूसरे दिन बायोमेट्रिक को लेकर कुछ ना कुछ शिकायत रहती है। कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगा, किंतु प्रबंधन या मानकर चल रही है कि यूनियन या संयंत्र के कर्मी कितना भी नाराज हो जाएं, आखिरकार देर सवेर थक हार कर इस सिस्टम के आदी हो जाएंगे।
ओएलएएमएस को शहीद करके लाया गया बीएएमएस
ज्ञात हो कि पहले ऑनलाइन अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम चल रहा था, जिसमें ऑनलाइन अटेंडेंस बनाया जाता था। टाइम ऑफिस में 6-7 कर्मी एवं एक दो अधिकारी काम करते थे और पूरे संयंत्र के अटेंडेंस को दुरुस्त रखा जाता था। यह सिस्टम काफी मेहनत के बाद आंतरिक संसाधनों से ही तैयार किया गया था।
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कर्मचारियों का आरोप है कि इस सिस्टम को जानबूझकर एक-दो अधिकारियों को लाभ पहुंचाने के लिए बंद कराया गया। अधिकारियों को गलत फीडबैक देकर बंद करवाया गया। बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम को कर्मियों पर थोपा गया, जिसका परिणाम यह है कि एक साल होने के बावजूद भी यह सब स्टैंडर्ड सिस्टम संयंत्र के स्थाई एवं ठेका कर्मियों के लिए अपनी सर्विस नहीं दे पा रहा है।
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जांच होने पर लपेटे में आ सकते हैं कई अधिकारी
बीएसपी कार्मिकों ने यहां तक बोल दिया कि कोई भी सिस्टम जब लागू किया जाता है तो उसकी छोटी-छोटी कर्मियों को दूर करने के लिए कुछ समय जरूर लगता है। किंतु सिस्टम के लगने से लेकर 1 साल बीत जाने तक यदि सिस्टम में कोई खास सुधार नहीं हुआ है और परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है, तो ऐसे सिस्टम को लगाने की ऊपर में जांच होनी चाहिए। यदि जांच किया गया तो कई अधिकारी इसके लपेटे में भी आ सकते हैं।
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