- पेंशनर्स बोले-गरीबी के कारण वरिष्ठ नागरिक मर रहे हैं। पूरे जीवन के लिए पेंशन योजना में योगदान के बावजूद सरकार पर्याप्त पेंशन नहीं दे रही है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। ईपीएस 95 पेंशनर्स (EPS 95 Pensioners) का आंदोलन जारी है। हर तरफ पेंशन बढ़ाने की बात कही जा रही है। अब तक खाते में महज 1 हजार रुपए ही आ रहे हैं। इस राशि को साढ़े 7 हजार रुपए करने की लड़ाई लड़ी जा रही है।
केंद्र की मोदी सरकार पर सबकी निगाहें टिकी हुई है। कई साल से संघर्ष जारी है और आश्वासन मिल रहा है। ठोस पहल न होने से नाराज पेंशनर्स अब मानवाधिकार की बात करने लगे हैं। पेंशनर्स सोशल मीडिया पर खुलकर अब अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार का मामला बनाने की चर्चा शुरू कर चुके हैं।
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ईपीएस 95 पेंशन आंदोलन की कार्य प्रणाली क्या है, इसका रास्ता सोशल मीडिया पर बताया जा रहा है। एक पेंशनर्स ने लिखा-ईपीएस 95 पेंशनरों को उनकी मांग को संचालित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार का दरवाजा खटखटाना चाहिए।
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यह एक बुद्धिमान सलाह दी जा सकती है, क्योंकि भारतीय सरकार उनको 8 साल से सुनने के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं कर रही है। गरीबी के कारण वरिष्ठ नागरिक मर रहे हैं। उनके पूरे जीवन के लिए पेंशन योजना में योगदान के बावजूद सरकार पर्याप्त पेंशन नहीं दे रही है।
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वहीं, एक अन्य पेंशनर्स ने लिखा-31 मई 2024 तक तारीख बढ़ाकर उच्च पेंशन के लिए वेतन विवरण अपलोड करने का मौका देकर मोदी एक और चाल खेल रहे हैं। वो चाहते थे चुनाव बिना संघर्ष के हो।
Eps 95 पेंशनभोगी इसे न माने और न्यूनतम पेंशन 7500 के लिए डटे रहें। तत्काल लागू करने की मांग करें। सरकार की नई राजनीतिक चाल को NAC स्वीकार नहीं करेगी।
बता दें कि पेंशनर्स 12 जनवरी को देशभर के ईपीएफओ कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद 30 जनवरी से लगातार देशभर में नए सिरे से आंदोलन शुरू कर रहे हैं। भूख हड़ताल का राज्यवार शेड्यूल घोषित किया जा चुका है।