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ग्रेच्युटी सिलिंग पर कोलकाता हाईकोर्ट में सुनवाई, CITU बोला-SAIL प्रबंधन से कोई नहीं आया…

ग्रेच्युटी सिलिंग पर कोलकाता हाईकोर्ट में सुनवाई, CITU बोला-SAIL प्रबंधन से कोई नहीं आया…

-सीटू नेता ललित मोहन मिश्र के मुताबिक स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया सीटू द्वारा ग्रेच्युटी सीलिंग को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट में केस दायर किया गया है।

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सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल में ग्रेच्युटी सिलिंग का मामला कानूनी लड़ाई में फंसा हुआ है। कोलकाता हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सेल प्रबंधन की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हुआ। इस बात का दावा स्टील वर्कर्स फेडरेशन आफ इंडिया-एसडब्ल्यूएफआई ने किया है।

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एनजेसीएस सदस्य व एसडब्ल्यूएफआई के राष्ट्रीय महासचिव ललित मोहन मिश्र ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि अधिवक्ता की तरफ से जानकारी दी गई कि सुनवाई में सेल प्रबंधन की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई पक्ष रखा गया है।

सीटू नेता ललित मोहन मिश्र के मुताबिक स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया सीटू द्वारा ग्रेच्युटी सीलिंग को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट में केस दायर किया गया है, जिसकी सुनवाई के लिए प्रबंधन की तरफ से बुधवार को कोई उपस्थित नहीं हुआ। तीन माह पूर्व हुई सुनवाई में भी सेल प्रबंधन की तरफ से कोई जवाब नहीं आया था।

सीटू के दावे में कितनी सच्चाई है, यह तो सेल प्रबंधन की तरफ से आधिकारिक बयान आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। देखते हैं, सेल की तरफ से इस पर कोई बयान आता है या नहीं…।

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सीटू का कहना है कि सेल कर्मचारियों के लिए वह सड़क से कोर्ट तक प्रबंधन के खिलाफ लड़ता है। हर स्तर पर कर्मचारी एकता पर जोर दिया जाता है। एनजेसीएस फैसले के खिलाफ सेल प्रबंधन ने ग्रेच्युटी सिलिंग की। दो साल बाद रिटायर होने वाले एक कर्मचारी का पूरा लेखा-जोखा तैयार किया गया तो करीब साढ़े 7 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। यही वजह है कि प्रबंधन के खिलाफ कोर्ट में गए।

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भिलाई सीटू के उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्‌डी ने कहा कि 22 जून 2022 को कोलकाता हाईकोर्ट में केस दर्ज हो गया। ग्रेच्युटी सिलिंग के मामले में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल की मुसीबत बढ़ सकती है। कानूनी लड़ाई चल रही है।

कर्मचारियों को हाईकोर्ट से न्याय मिलेगा। सेल प्रबंधन ने कर्मचारियों का नुकसान करने के लिए ग्रेच्युटी सिलिंग लगाई थी। इसके खिलाफ याचिका दायर की गई थी, जिस पर अब सुनवाई हो रही है।

जानिए कब सेल ने कब लगाया ग्रेच्युटी सिलिंग

यूनियन का कहना है कि सेल प्रबंधन द्वारा 26 नवंबर 2021 को एकतरफा आदेश निकाल कर सेल कर्मियों के ग्रेच्युटी को भी अन्य उद्योगों के कर्मियों की तरह सीमित कर दिया गया। डीवीएस रेड्‌डी ने कहा कि प्रबंधन द्वारा त्रिपक्षीय समझौता को तोड़ते हुए ग्रेच्युटी सीलिंग का एकतरफा आदेश जारी किया गया था।

इसके खिलाफ सेल प्रबंधन को पत्र लिखा गया था। हर स्तर पर अपनी विरोध कार्रवाई को अंजाम दिया। किंतु प्रबंधन के अड़ियल रवैया के खिलाफ 22 जून 2022 को कोलकाता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है।

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उप मुख्य श्रम आयुक्त केंद्रीय रायपुर के पास परिवाद दायर

साथ ही साथ उप मुख्य श्रम आयुक्त केंद्रीय रायपुर के पास परिवाद दायर कर दिया गया है। निश्चित रूप से आने वाले दिनों में सीटू ग्रेच्युटी के मुद्दे पर निर्णायक लड़ाई लड़कर कामयाबी हासिल कर कर्मियों को लाभ पहुंचाने के मजबूत इरादे के साथ संघर्ष कर रहा है।

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1970 से मिल रहा कर्मचारियों था लाभ

यूनियन का कहना है कि 28 अक्टूबर 1970 को सीटू, प्रबंधन एवं केंद्र सरकार के श्रम विभाग के बीच त्रिपक्षीय वार्ता के पश्चात संयंत्रों में कार्य करने वाले कर्मियों को गणना के अनुसार पूरी ग्रेच्युटी देने संबंधी समझौता किया गया था। जिसके अनुसार सेल के विभिन्न संयंत्रों में कार्य करने वाले कर्मियों को असीमित ग्रेच्युटी मिलता रहा है, जबकि 1972 में केंद्र सरकार ने ग्रेच्युटी कानून बनाया, जिसमें सीलिंग ग्रेच्युटी एवं असीमित ग्रेच्युटी दोनों को दिए जाने का प्रावधान विद्यमान है।

इन्हीं प्रावधानों के तहत हमें असीमित ग्रेच्युटी लेने का अधिकार प्राप्त है, जिसके तहत हम असीमित ग्रेच्युटी लेते आ रहे थे। प्रबंधन ने एनजेसीएस एमओयू में एकता को तोड़ते हुए तीन यूनियनों के हस्ताक्षर करने का फायदा उठाकर ग्रेच्युटी सीलिंग कर दिया, जिसके खिलाफ सीटू का संघर्ष जारी है।