
- मद्रास हाई कोर्ट के प्रिंसिपल बेंच में कर्मचारियों के पक्ष में फैसला आने की उम्मीद।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) प्रबंधन द्वारा ईएल इंकैशमेंट के लिए 26 दिन के महीने के बदले अब 30 दिन का महीना मानने के आदेश के खिलाफ भेल की त्रिची इकाई की इंटक, बीएमस, एटक, सीटू सहित 14 यूनियनों ने मद्रास हाई कोर्ट के इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल-कम- लेबर कोर्ट में मामला दायर किया है।
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जहां न्यायाधीश ने ईएल इंकैशमेंट के लिए 26 दिन को एक महीना मानने का आदेश दिया। इस फैसले के खिलाफ भेल प्रबंधन ने मद्रास हाई कोर्ट के प्रिंसिपल बेंच में पिटीशन दायर किया है, जिसकी सुनवाई 18 मार्च 2025 को होगी।
भिलाई स्टील प्लांट की पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन इंटक के महासचिव वंश बहादुर सिंह ने बताया कि भेल में पहले 26 दिन को ही पूरे 1 महीने का कार्य दिवस मानते हुए 26 ईएल के बदले पूरे 1 महीने का इंकैशमेंट दिया जाता था, बाद में भेल प्रबंधन ने एक सर्कुलर जारी कर 30 ईएल पर ही एक महीने का इंकैशमेंट देने का आदेश जारी कर दिया।
इसके खिलाफ भेल की त्रिची इकाई के इंटक, बीएमएस, एटक, सीटू समेत 14 यूनियनों ने मद्रास हाई कोर्ट के इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल- कम-लेबर कोर्ट में केस दायर किया, जहां सुनवाई के पश्चात 19 अगस्त 2024 को न्यायाधीश द्वारा यह निर्णय दिया गया कि भेल प्रबंधन 26 ई एल के बदले 1 महीने की राशि इनकेसमेंट के रूप में दें।
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त्रिची इकाई के बाद भेल की रानीपेट इकाई के यूनियनों ने भी इस मामले में केस दायर किया है। वंश बहादुर सिंह ने कहा है कि हमें पूरा विश्वास है कि मद्रास हाई कोर्ट के प्रिंसिपल बेंच
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में कर्मचारियों के पक्ष में फैसला आएगा और इस फैसले को हम लोग भेल के साथ-साथ स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड सेल में भी लागू करवाने के लिए प्रबंधन पर दबाव देंगे।