गृहमंत्री Amit Shah का दुर्ग-भिलाई में चला तीर, साधा Bhilai Steel Plant, सतनामी समाज और गुटबाजी को…

  • सियासी धुरंधरों की मानें तो दुर्ग जिले के अहिवारा विधानसभा क्षेत्र की सीट से उषा बारले को मैदान में उतारा जा सकता है।

अज़मत अली, भिलाई। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री (Union Home & Cooperation Minister) अमित शाह को भाजपा के नेता चाणक्य मानते हैं। इसके पीछे की कई वजह है। अलग-अलग कारण हो सकते हैं, लेकिन दुर्ग-भिलाई की सियासत में अमित शाह (Amit Shah) ने ऐसा तीर चलाया है, जिससे भिलाई स्टील प्लांट, सतनामी समाज और भाजपा की गुटबाजी पर निशाना लगा है।

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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Elections) से पहले अच्छी पिच तैयार करने की कोशिश की गई है। बीजेपी ने सतनामी समाज को साधने का मौका नहीं छोड़ा है। समाज से आने वालीं पद्मश्री उषा बारले के जरिए पूरे सतनामी समाज तक बड़ा संदेश दिया गया है। उषा के पति अमरदास सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL, Bhilai Steel Plant) के स्टील मेल्टिंग शॉप में कार्यरत है।
भिलाई स्टील प्लांट-बीएसपी के कर्मचारी के घर गृहमंत्री का दौरा कहीं न कहीं दूर तक संदेश दे रहा है। बीएसपी के लाखों वर्तमान-पूर्व कर्मचारी, अधिकारी-ठेका मजदूरों को एक ही तीर से साधने की कोशिश की गई है।

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सियासी धुरंधरों की मानें तो दुर्ग जिले के अहिवारा विधानसभा क्षेत्र की सीट से उषा बारले को मैदान में उतारा जा सकता है। जबकि इसी सीट से सतनामी समाज के गुरु मंत्री रुद्र कुमार कांग्रेस से आते हैं।
उषा बारले के जरिए भिलाई स्टील प्लांट और सतनाम समाज से बेहतर संतुलन बनाने के बाद अगला समीकरण गुटबाजी को दूर करने दिख रहा है। दुर्ग-भिलाई की सियासत में प्रेम प्रकाश पांडेय गुट, सरोज पांडेय गुट, सांसद गुट के बारे में किसी से कुछ भी छुपा नहीं है। लेकिन, गृहमंत्री के मंच पर एकजुटता प्रदर्शन किया गया और सभी साथ-साथ भी रहे।

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भाजपा नेता मानते हैं कि गृहमंत्री अमित शाह ने गुटबाजी को खत्म करने के लिए बहुत सही फैसला लिया है। दुर्ग-भिलाई के दौरे पर वह किसी भी पार्टी नेता के घर जाने के बजाय उषा बारले के घर पर जाने को ज्यादा तवज्जो दिया है।

दुर्ग (Durg) के पंडित रविशंकर स्टेडियम में जनसभा (Public Meeting) भी बीजेपी (BJP) को एकजुट करने के मकसद में सफल रही। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि, लगातार 15 साल तक छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार रही। अचानक से पार्टी का ग्राफ गिरने को लेकर कई सवाल उठाए गए।

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दुर्ग जिला निकाय चुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। दुर्ग नगर निगम, भिलाई नगर निगम, रिसाली नगर निगम, चरोदा नगर निगम में भाजपा विपक्ष में है। पार्टी में गुटबाजी और बिखराव की वजह से भाजपा को नुकसान हुआ है। डैमेज कंट्रोल करने और संगठन में संतुलन बनाने के लिए सबको बराबरी का दर्जा भी दिया जा रहा है। लूपलाइन में चल रहे पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय को दुर्ग लोकसभा संसदीय सीट का प्रभारी बनाया गया है।

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पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय प्रदेश संगठन में बड़ी भूमिका में हैं। सांसद विजय बघेल भी खास भूमिका में हैं। बताया जा रहा है कि दुर्ग ग्रामीण के जिला अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा और भिलाई जिला अध्यक्ष बृजेश बिचपुरिया किसी गुट से नहीं आते हैं। बृजेश बिचपुरिया आरएसएस कोटे से आए हैं। चुनाव से पहले भाजपा ने धीरे-धीरे बिखराव को रोकने की कोशिश है, जिसको अमित शाह के चक्रव्यू से काफी बल भी मिलता दिख रहा है। अब देखना यह होगा कि ये चक्रव्यू नतीजों में कितना परिवर्तित होता है।