गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का वोट बैंक बिगाड़ रहा रिसाली निगम, तालपुरी इंटरनेशनल कॉलोनी में दम घुट रहा BSP कर्मचारियों-अधिकारियों का

-एसटीपी संघर्ष समिति के संयोजक सुनील चौरसिया ने बताया कि यह समस्या मात्र राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी की वजह से आज तक बनी हुई है। लोगों को इस समस्या से जूझना पड़ रहा है।

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Suchnaji.com न्यूज, भिलाई। कहने को इंटरनेशनल तालपुरी कॉलोनी…लेकिन यहां रहने वालों का दम घुट रहा है। भिलाई स्टील प्लांट के अधिकारी-कर्मचारी और शहर के गणमान्य नागरिकों का ठिकाना तालपुरी कॉलोनी है। बावजूद, अव्यवस्था का आलम है। तालपुरी कॉलोनी बी ब्लॉक के रहवासी कॉलोनी में स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के बदबू से परेशान होकर सड़क पर उतर गए।

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हैरान करने वाली बात यह है कि यह गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का संसदीय क्षेत्र है। रहवासी कई बार गृहमंत्री से मिल चुके हैं। बावजूद, रिसाली निगम की ढिलाई से आक्रोश बढ़ता जा रहा है। वोट बैंक की नजर से देखा जाए तो गृहमंत्री को यहां रहने वाले हजारों वोटरों से नुकसान होना तय है।

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गौरतलब है कि बदबू की समस्या से विगत कई वर्षों से जूझ रहे कॉलोनीवासियों को अब आश्वासन से उम्मीद समाप्त होते जा रही है। उनके सब्र का बांध अब टूट चुका है। वे अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं।

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एसटीपी संघर्ष समिति के संयोजक सुनील चौरसिया ने बताया कि यह समस्या मात्र राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी की वजह से आज तक बनी हुई है। लोगों को इस समस्या से जूझना पड़ रहा है।

उल्लेखनीय है कि इस संबंध में समिति के प्रयास से ही 3 वर्ष पूर्व तालपुरी कॉलोनी से लगभग एक किलोमीटर दूर स्थित बीएसपी के सीवर पंप हाउस तक कॉलोनी के मल जल को पाइप लाइन से पहुचाने के लिए एनओसी मिल चुकी थी। परंतु इस अवसर का लाभ विगत लगभग 3 वर्षों तक भी रिसाली निगम द्वारा नहीं उठाया, जिससे कि कालोनी वासियों को राहत मिल सके।

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सुनील चौरसिया ने बताया कि संघर्ष समिति के जद्दोजहद के बाद रिसाली निगम द्वारा बजट हेतु प्रस्ताव 05.03.21 को सुडा मुख्यालय रायपुर भेज तो दिया, पर आवश्यक दस्तावेज जैसे अनुमोदित टीएस संलग्न नहीं होने की वजह से वापस आ गया। पुनः काफी संघर्ष के बाद रिसाली निगम द्वारा प्रस्ताव भेजा गया तो चेक लिस्ट संलग्न नहीं होने की बात कह प्रस्ताव पुनः वापस कर दिया गया।

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इससे ऐसा प्रतीत होता है कि या तो रिसाली निगम को जानकारी का आभाव है या वे जानबूझ कर टाल मटोल कर रहे हैं,जो कि रिसाली निगम की गंभीरता व रवैया दर्शाता है। इतना ही नहीं निगम नया होने की वजह से संघर्ष समिति के विशेषज्ञों द्वारा डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट एवं लेआउट प्लान आदि दस्तावेज तैयार कर रिसाली निगम को दिए थे।

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सुनील चौरसिया ने बताया कि, वर्तमान में इस सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के वार्षिक रख रखाव के लिए निगम सालाना लगभग 57 लाख का ठेका देती है। नए प्लान से रख रखाव ठेके की जरूरत नहीं होगी। अतः चर्चा तो यह भी है कि टाल मटोल का खेल इसी में है। लेकिन अब यह कॉलोनी वासियों ने ठान लिया है कि अब शांत नहीं बैठेंगे।

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जरूरत पड़ी तो सड़क पर भी उतरेंगे व चरणबद्ध शांतिपूर्वक आंदोलन किया जाएगा। जल्द ही एक प्रति निधि मंडल रिसाली नगर निगम के आयुक्त से मिल कर वर्तमान स्टेटस की जानकारी लेगा व तत्काल कार्रवाई हेतु अनुरोध करेगा। उपरांत आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

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