
- कर्मी बोले-फर्जीवाड़े का चल रहा धंधा, पढ़िए रिपोर्ट।
- भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों ने उठाया बड़ा सवाल। सुरक्षा पर इतनी बड़ी लापरवाही।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai STeel Plant) के भीतर वर्क्स एरिया में किस तरह से जुगाड से काम चलाया जाता है, उसका एक उदाहरण देखने में आया है। बार रॉड मिल में कैपिटल रिपेयर चल रहा है, जो की सम्भवतः एक सप्ताह का हो सकता है। इसके लिए लेबर सैकड़ों की संख्या मे रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल से भेजे जा रहे हैं, जिनका गेट पास रेल मिल के महाप्रबंधक द्वारा जारी किया गया है।
ऐसे मे कोई दुर्घटना घट गयी तो क्या होगा। इस बात की चिन्ता ना तो ठेकेदार करता है। ना ही गेट पास जारी करने वाले अधिकारी, क्योंकि ठेकेदार का दोनो जगह ठेका है। इसलिए वह रेल मिल के अपने कर्मियों को बेखौफ हो कर बार राड मिल भेज रहा है। जबकि मिली जानकारी के अनुसार कोई भी कैपिटल रिपेयर के लिए साल भर पहले से प्लानिंग हो जाती है और ठेकेदार को बता दिया जाता है कि इतना मैन पावर लगेगा, जिसके एवज मे ठेकेदार एक बडी रकम आपरेटिंग अथारिटी के साथ सांठ गांठ कर बना लेता है। और जुगाड से मैन पावर उपलब्ध करवा देता है।
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इस बात का खुलासा ऐसा होता है कि साइट पर सीआइएसएफ द्वारा बहुतायत में लेबरों का जमघट देख कर गेट पास की जांच की जाती है। तब पता लगता है कि दूसरे साइट के लेबर यहां कार्य पर लगाए गए गैं।
आज भी बार राड मिल में सीआइएसएफ द्वारा जांच की गयी तो अधिकांश लेबर के गेट पास रेल मिल के थे, जिस पर आपरेटिंग अथारिटी महाप्रबंधक का नाम लिखा हुआ था।
अब प्रश्न यह उठता है कि रेल मिल में इतने दिनों तक काम नहीं होता है क्या? ठेकेदार और ऑपरेटिंग अथारिटी की मिली भगत से साफ-सफाई और हाउस कीपिंग के काम रोक दिए जाते है और इन्हीं लेबरों को दूसरी साइट्स पर इस्तेमाल कर तगड़ा बिल बना लिया जाता है। यह सब ऑपरेटिंग अथारिटी की मिली भगत के बिना असंभव है।
मान लीजिए कोई लेबर दुर्घटना का शिकार हो गया तो उसकी जिम्मेदारी बार राड मिल प्रबंधन लेगा क्या? ठेकेदार द्वारा दी जा रही मोटी मलाई का इतना प्रभाव होता है कि प्रबंधन सब जानते हुए भी इन लेबरों के गेट पास में ऑपरेटिंग अथारिटी के रूप में उनका नाम दर्ज है। फिर भी आंख बंद कर लेते हैं और इसी तरह से ठेकेदार के प्रभाव में यह फर्जीवाड़े का धंधा बदस्तूर जारी है। अब देखना यह है कि इस खबर पर भिलाई स्टील प्लांट का आधिकारिक बयान आता है या नहीं…?
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