EPF से कैसे बेहतर है EPS 95, लाखों रुपए होंगे बर्बाद या मुनाफा, सरकार कर सकती है स्कीम में बदलाव

  • ईपीएस 95 को चुनना या न चुनना आपके लिए फायदे का सौदा है या नुकसान। राम आगर सिंह ने बताया अपना पक्ष।

अज़मत अली, भिलाई। सरकारी कर्मचारी काफी तनाव में हैं। ईपीएस 95 (EPS 95) को लेकर दो वर्ग खड़ा हो चुका है। एक इसके पक्ष में दलील दे रहा। दूसरा वर्ग विरोध में तर्क पेश कर रहा। काफी लोगों ने इस पर गहन अध्ययन किया और व्यापक नोट तक तैयार किया है। उच्च पेंशन के लिए ईपीएफओ पोर्टल (EPFO Portal) पर ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म (Joint Option Form) भरने की आखिरी तारीख 26 जून है।

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सवाल ये है कि ईपीएस 95 कैसे बेहतर है ईपीएफ (EPF) से…? Bokaro Steel Retired Employees Association और Federation of Retired SAIL Employees (FORSE) के जनरल सेक्रेटरी राम आगर सिंह ने पक्ष में कई बातें बोली है। इनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा अनुमत EPS 95 योजना को चुनने का एक बार का अवसर न चूकें। यह स्पष्ट करने के लिए एक तुलनात्मक नोट प्रसारित किया है। क्या बेहतर है-ईपीएस 95 को चुनना या न चुनना…।

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ईपीएस 95 से जुड़ी इन बातों को जरूर जानिए

-ईपीएस 95 एक गारंटीशुदा बीमा योजना (Insurance Policy) है और जो भी पेंशन पहले निर्धारण पर तय की जाएगी, वह उसके, उसकी विधवा, 25 वर्ष से कम उम्र के 2 बच्चों और कतार में अगला कनिष्ठ इस अंतराल को भरती रहेगी और आगे भी अनाथ बच्चे।
-यदि नियोक्ता इस योजना में आवश्यक राशि जमा करने में विफल रहता है और कर्मचारी/कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाते हैं तो भी पेंशन अनिवार्य रूप से शुरू हो जाएगी और नियोक्ता से आवश्यक धन की वसूली करना भारत सरकार का कर्तव्य होगा।
-ईपीएफ योजना में अधिनियम में ऐसी कोई गारंटी नहीं दी गई है और अगर नियोक्ता सेवानिवृत्ति के समय पीएफ के पैसे जमा करने में विफल रहता है तो पीएफ (PF) का पैसा वापस पाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।
ऐसे कई उदाहरण हैं जब बिहार में डालमिया कारखाने की तरह पैसा वापस पाने के लिए लंबी अदालती लड़ाई लड़ी गई, जहां 20 साल का कोर्ट केस सुप्रीम कोर्ट में समाप्त हो गया और जमीन की संपत्ति की नीलामी के बाद पीएफ का भुगतान किया गया।

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बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट और आपका भविष्य

राम आगर सिंह का कहना है कि हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (Bank Fixed Deposit) या MIS में एक मौजूदा प्रावधान है। और अगर बैंक ऐसी स्थिति में जमा धन वापस करने में विफल रहता है तो निवेशकों को जमा की गई राशि के एवज में अधिकतम 5 लाख रुपये ही लौटाए जाएंगे। जमा किए जाने पर तय की गई पूरी राशि की वापसी की गारंटी कौन ले सकता है। इसलिए तुलना में इस कारक को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

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सरकार ईपीएस 95 योजना (EPS 95 Scheme) में कर सकती है बदलाव

-राम आगर सिंह ने कहा-हम सभी जानते हैं कि हर योजना में एक खंड होता है कि सरकार उचित होने पर इसे बदल सकती है। फिर यह आशंका कि सरकार ईपीएस 95 योजना में बदलाव कर सकती है, कोई नई बात नहीं है। इसलिए ईपीएस स्कीम में बदलाव की आशंका गंभीर नहीं है।

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-पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली ने ईपीएफ अंशदान को मौजूदा 12% से घटाकर 10% करने के लिए वार्षिक बजट में एक प्रावधान लाया था, लेकिन अगले ही दिन बेंगलुरू में हिंसक विरोध के कारण-कार और बसें गुस्से में तोड़फोड़ की गई, जहां हजारों कार्यकर्ताओं ने सरकार को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया और अगले दिन प्रस्ताव वापस ले लिया गया। यह सरकार के रवैये पर निर्भर करता है कि वे किसके लिए काम करते हैं और श्रमिकों की खुद की सुरक्षा के लिए एकता है।