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Pension, सुविधाओं में कटौती और टेंशन: श्रमिक आंदोलन कमजोर होने से हर योजना कमजोर

Pension, सुविधाओं में कटौती और टेंशन: श्रमिक आंदोलन कमजोर होने से हर योजना कमजोर
  • Bokaro Steel Retired Employees Association के जनरल सेक्रेटरी ने गुजरी बातों के जरिए युवाओं का ध्यान आकृष्ट किया।

अज़मत अली, भिलाई। मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मचारी पेंशन औ सुविधाओं में हो रही कटौती को लेकर काफी नाराज हैं। सोशल मीडिया पर आंदोलन तो करते हैं, लेकिन जमीन पर उपस्थिति नाममात्र की रह गई है। इसको लेकर श्रमिक नेता अक्सर सवाल उठाते हैं। हॉयर पेंशन के लिए ईपीएस 95 (EPS 95) ईपीएफओ पोर्टल (EPFO Portal) पर ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म (Joint Option Form) भरा जा रहा है।

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इसकी आखिरी तारीख 26 जून है। तरह-तरह के सवाल और सरकार से दो-दो हाथ करने पर बात हो रही है। सुविधाओं में कटौती को लेकर आक्रोश जाहिर होता है। इन तमाम सवालों पर Bokaro Steel Retired Employees Association और Federation of Retired SAIL Employees (FORSE) के जनरल सेक्रेटरी राम आगर सिंह का मत है कि जब-जब श्रमिक आंदोलन कमजोर होता है, तब-तब योजनाएं कमजोर होती है।

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राम आगर सिंह कहते हैं कि हमारे नए युवा कर्मचारियों के लिए यहां साझा करने के लिए एक और महत्वपूर्ण जानकारी आवश्यक है जो उन कार्यों/दृष्टिकोणों के बारे में अनभिज्ञ हैं, जो अतीत में हमारे वेतन और लाभों को प्रभावित कर सकते हैं। मोरार जी देसाई सरकार के दौरान भूतलिंगम समिति के नाम से एक समिति का गठन किया गया था, जो वेतन और भत्तों में खर्च को कम करने के उपायों का सुझाव देती थी।

इस कमेटी ने डीए में बड़े बदलाव की सिफारिश की थी। समिति का विचार था कि जब मजदूरी को एक निश्चित अवधि के लिए संशोधित किया जाता है, उदाहरण के लिए 5 या 10 वर्ष तो डीए वापस ले लिया जाना चाहिए।

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इसके कार्यान्वयन का विरोध करने के लिए क्योंकि सरकार ने इसकी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था, एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया गया था और नई दिल्ली में विशाल रैली आयोजित की गई थी जिसमें इंटक भी इसका विरोध करने के लिए एक घटक था। इसमें हिस्सा लेने के लिए गया सिंह के नेतृत्व में बोकारो से एटक के बैनर तले राम आगर सिंह 18 बड़ी बसों के साथ पूरी क्षमता के साथ दिल्ली पहुंचे थे।

राम आगर सिंह ने कहा-मेरा दृढ़ मत है कि यदि श्रमिक आंदोलन कमजोर हो जाते हैं तो हर योजना कमजोर होती है और इसे उपरोक्त उदाहरणों से देखा जा सकता है। इसलिए भ्रमित न हों और ईपीएस 95 का विकल्प चुनें।

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और कृपया उन पिछली गलतियों को न दोहराएं जो इसके कार्यान्वयन की अवधि की शुरुआत में हुई थीं। हम सामूहिक सौदेबाजी में विश्वास करते हैं और यही हमारे हाथ का एकमात्र हथियार है, इसलिए शक्तियों की दया पर निर्भर न रहें और ऊपर वर्णित सुविधाओं को कम करने से रोकने के लिए संघर्ष को जीवित रखें।

इंद्रजीत गुप्ता और चतुरानन मिश्रा क्यों याद किए जा रहे
राम आगर सिंह ने कहा कि हमें 2नेताओं स्वर्गीय इंद्रजीत गुप्ता और स्वर्गीय चतुरानन मिश्रा को याद करना चाहिए, जो आईके गुजराल और देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा सरकार में गृह मंत्री और कृषि मंत्री थे। पीएफ में वृद्धि की थी ईपीएस 95 योजना को अधिक आकर्षक और श्रमिकों के अनुकूल बनाने के लिए केवल 10% से 12% योगदान। हम सभी इस वृद्धि के लाभार्थी रहे हैं और बाद में वेतन संशोधन और हमारी सेवानिवृत्ति तक आनुपातिक रूप से डीए में वृद्धि के द्वारा लाखों रुपये हमारे कॉर्पस में जोड़े गए हैं।

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