भारतीय इस्पात सम्मेलन 2024: देशभर से जुटे स्टील सेक्टर के एक्सपर्ट, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी का खोजेंगे तरीका

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। ‘डीकार्बोनाइजेशन और बुनियादी ढांचे के विकास का महत्व और भूमिका’ विषय पर केन्द्रित दो दिवसीय भारतीय इस्पात सम्मेलन शुरू हो गया है। महात्मा गांधी कला मंदिर में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एस्सार मिनमेट प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी और पूर्व निदेशक (तकनीकी-सेल) एसएस मोहंती ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की।

ये खबर भी पढ़ें: कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन मंत्रालय से बड़ी खबर, 60 लाख कर्मचारियों ने CPGRAMS का उठाया फायदा, अब 21 दिन में रिजल्ट

स्टील कंपनियों के साथ आइआइटी और सीएसवीटीयू से भी पहुंचे एक्सपर्ट

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL – Bhilai Steel Plant) के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर भारतीय इस्पात सम्मेलन का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया। इस अवसर पर भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) तथा अध्यक्ष (आईआईएम, भिलाई चैप्टर) अंजनी कुमार, आईआईएम-रायपुर के निदेशक, प्रोफेसर आर के काकानी, आईआईटी, भिलाई के निदेशक, प्रोफेसर राजीव प्रकाश, सीएसवीटीयू के कुलपति डॉ एम के वर्मा, एनआईटी-रायपुर के निदेशक डॉ एन वी रमना राव, आईएसआर इन्फोमीडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी संतोष महंती, आईआईएम भिलाई चैप्टर के उपाध्यक्ष और सीजीएम इंचार्ज (आयरन-बीएसपी) तापस दासगुप्ता, अध्यक्ष (आईईआई, बीएलसी) पुनीत चौबे भी उपस्थित थे।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL BSL: बिजली, पानी और आवास की समस्याओं के समाधान के लिए हेल्प डेस्क बनाने का आदेश, जिम्मेदारी तय

प्रौद्योगिकी संस्थानों के टेक्नोक्रेट कर रहे मंथन

आयरन एंड स्टील रिव्यू-कोलकाता, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेटल्स (आईआईएम), भिलाई चैप्टर और इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) भिलाई सेंटर द्वारा सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (Iron and Steel Review-Kolkata, SAIL-Bhilai Steel Plant by Indian Institute of Metals (IIM), Bhilai Chapter and Institution of Engineers (India) Bhilai Centre) के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के लौह और इस्पात उत्पादकों, देश के विभिन्न हिस्सों में इस्पात निर्माण से संबंधित अनुसंधान और प्रौद्योगिकी संस्थानों के टेक्नोक्रेट, विशेषज्ञ और प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

ये खबर भी पढ़ें: अनाधिशासी कर्मचारी संघ में फूंट, कोषाध्यक्ष का इस्तीफा, गंभीर आरोप-प्रत्यारोप

पूर्व निदेशक (तकनीकी-सेल) एसएस मोहंती ने ये कहा…

मुख्य अतिथि सीएमडी (एस्सार मिनमेट प्राइवेट लिमिटेड) और पूर्व निदेशक (तकनीकी-सेल) एसएस मोहंती ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय इस्पात उद्योग के डीकार्बोनाइजेशन पर शुरुआत से ही चर्चा होती रही है। वास्तव में आज प्रश्न यह है कि डीकार्बोनाइजेशन को किस पैमाने पर हासिल किया जाना है और इस्पात उद्योग में शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में क्या चुनौतियाँ हैं।

ये खबर भी पढ़ें: भिलाई में हेरोइन का नशा, पुलिस ने 6 ग्राम हेरोइन संग सौदागर को दबोचा

उन्होंने कहा कि हम अपने 70 प्रतिशत से अधिक इस्पात का उत्पादन ब्लास्ट फर्नेस रूट के माध्यम से करते हैं जो ऊर्जा की अधिक खपत करता है तथा पर्यावरण के लिए हानिकारक है। इस्पात उत्पादन वर्ष 2050 तक अधिकतम हो जाएगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन भी बढ़ेगा।

ये खबर भी पढ़ें: बोकारो स्टील प्लांट में ऊर्जा स्थल पार्क, ओपन जिम में कर्मचारी बनाएंगे सेहत

इसलिए हमें अपनी परिसंपत्तियों का मूल्यांकन शुरु करना होगा, ग्रीन स्टील के उत्पादन के लिए नए निवेश करने होंगे और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए अपनी मौजूदा सुविधाओं में नवाचार के साथ-साथ अपनी उत्पादन प्रक्रियाओं में नई तकनीकों को शामिल करना होगा।

ये खबर भी पढ़ें: भिलाई स्टील प्लांट: मजदूर की मौत पर हंगामा, नहीं हो सका पोस्टमार्टम

अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा-सीखने व आत्मनिरीक्षण का मौका

भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए कहा कि हमने इस सम्मेलन का विषय व्यापक विचार-विमर्श के बाद चुना है। भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है और इसमें इस्पात उद्योग का प्राथमिक हिस्सा है।

ये खबर भी पढ़ें: मालगाड़ी के सामने कूदकर युवक ने दी जान, कटी लाश पर से गुजरी कई ट्रेनें

इस्पात उद्योग बड़ी मात्रा में कार्बन का उत्सर्जन करता है। आज सार्थक प्रयासों के माध्यम से हमें कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों के न्यूनतम उत्सर्जन के साथ उच्च गुणवत्ता वाले सस्टेनेबल स्टील का उत्पादन करने के तरीकों की खोज करने की आवश्यकता है।

ये खबर भी पढ़ें: BIG BREAKING: पूर्व CM भूपेश बघेल का रोका काफिला, Durg Police ने 25 के खिलाफ दर्ज किया FIR

श्री दासगुप्ता ने कहा, मुझे खुशी है कि इस सम्मेलन ने देश भर के टेक्नोक्रेट और शोध विद्वानों से उत्कृष्ट तकनीकी शोध पत्र प्राप्त हुए हैं और ऐसे शोध पत्रों से प्राप्त अंतर्दृष्टि से हमें भारतीय इस्पात उद्योग को कार्बन मुक्त करने में मदद मिलेगी। निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने सीखने व आत्मनिरीक्षण करने के अवसर प्राप्त करने हेतु इस दो दिवसीय सम्मेलन में आए हुए प्रतिनिधियों का भिलाई में स्वागत किया।

ये खबर भी पढ़ें: Bokaro Steel Plant: रसूखदार अधिकारी मलाइदार विभाग में वर्षों से जमे, करप्शन पर नहीं कोई एक्शन

इस्पात उद्योग को अधिक सस्टेनेबल बनाने पर फोकस

सीएमडी (आईएसआर इन्फोमीडिया प्राइवेट लिमिटेड) संतोष महंती ने कहा कि हम सबके लिए भारतीय इस्पात परिदृश्य को समझना महत्वपूर्ण है। इसका निरंतर बढ़ता और विकसित होता बुनियादी ढांचा राष्ट्र निर्माण के आर्थिक पक्ष में व्यापक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
आने वाले वर्ष भारत के लिए और इस दिशा में बहुत महत्वपूर्ण होंगे। इस्पात उद्योग को अधिक सस्टेनेबल बनाने और पर्यावरण के अनुकूल भविष्य की ओर ले जाने हेतु रणनीतियों पर चर्चा और कार्यान्वयन के लिए हम इस सम्मेलन के माध्यम से एक साथ आए हैं। संतोष महंती ने कहा कि ग्रीन फ्युचर को आकार देने में आपकी भागीदारी महत्वपूर्ण है।

ये खबर भी पढ़ें: EPS 95 पेंशन पर झगड़ा, पेंशनभोगी नीतीश-नायडू को बता रहे सुपर पीएम और EPFO-Modi को

पेरिस समझौते के तहत निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करना है

निदेशक (आईआईएम, रायपुर) डॉ राम कुमार काकानी ने कहा कि हर दृष्टि से इस सम्मेलन का विषय बहुत उपयुक्त है, क्योंकि लौह और इस्पात उद्योग वैश्विक ग्रीनहाउस में प्रमुख योगदानकर्ता है, और इस क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने के लिए शून्य कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ना आवश्यक है। डॉ काकानी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के लिए पेरिस समझौते के तहत निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करना है।

ये खबर भी पढ़ें: Unified Pension Scheme kya Hai, जिसका हो रहा भयानक विरोध, बाजपेयी जी लाए थे NPS, मोदी ले आए UPS, अब बवाल

स्टॉल की एक प्रदर्शनी भी लगी

उद्घाटन सत्र के बाद डी-कार्बोनाइजेशन और बुनियादी ढांचे के विकास के महत्व और भूमिका पर एक पैनल चर्चा हुई। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सम्मेलन की स्मारिका का अनावरण किया गया। तत्पश्चात सम्मेलन में भाग लेने वाली कंपनियों और आपूर्तिकर्ताओं द्वारा लगाए गए स्टॉल की एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL NEWS: बार-बार झकझोरने पर भी NJCS पर कोई एक्शन नहीं, BAKS ने फिर भेजा स्टील सेक्रेटरी को लेटर

समारोह में इनकी भूमिका भी रही खास

भारतीय इस्पात सम्मेलन के उद्घाटन समारोह का संचालन महाप्रबंधक (पर्यावरण प्रबंधन) बोन्या मुखर्जी और सहायक महाप्रबंधक (विजिलेंस) हिमांशु दवे ने किया। मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (लौह) तापस दासगुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

ये खबर भी पढ़ें: सियासी दबाव में यूनिफाइड पेंशन स्कीम आई,  EPS 95 पेंशनर्स के लिए कुछ नहीं, 31 अगस्त तक की डेडलाइन